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जोधपुर: 3 साल की बच्ची की मौत के बाद, मां-बाप ने किया देहदान

जोधपुर एम्स में 3 साल की बच्ची के देहदान का मामला सामने आया है. 3 साल की ज्याति दिल की बीमारी से जुझते हुए दुनिया से चली गई. बच्ची के मां बाप ने उसका देहदान कर दिया. जोधपुर एम्स में इतनी कम उम्र में देहदान करने का यह पहला मामला है.

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Published : Jun 7, 2019, 1:01 PM IST

माता पिता के साथ ज्याति

जोधपुर. जोधपुर में एक बच्ची के मां बाप ने बड़ी मिसाल पेश की है. डॉक्टर्स की पढ़ाई के लिए अपनी 3 साल की मासूम की देह जोधपुर एम्स को दान कर दी, ताकि मासूम का उनके पास होने का एहसास उन्हें हमेशा हो सके.

देश में 3 साल के बच्चे का पहला देहदान हुआ

नागौर जिले के गोटन के निवासी उमेद सिंह की 3 साल की बेटी ज्योति के दिल में छेद था. जिसके इलाज के लिए हर संभव प्रयास किए गए. 3 जून को ज्योति की तबीयत बिगड़ने पर उसे जोधपुर एम्स के पीडियाट्रिक डिपार्टमेंट में भर्ती कराया गया. ईलाज के दौरान ही ज्योति ने गुरुवार को दम तोड़ दिया.

ज्योति के माता पिता का कहना है कि हम उसके अंग दान कर अपनी बेटी को हमेशा किसी के शरीर में जीवित देखना चाहते थे. लेकिन उन्हें निराशा हुई कि जोधपुर में अभी अंगदान की सुविधा नहीं है. इस पर उन्होंने ज्योति का पूरा देह दान करने का निर्णय लिया.

जोधपुर एम्स के एनाटॉमी विभाग के डॉक्टरों का कहना है कि इतनी कम उम्र में देहदान का पहला मामला है. गौरतलब है कि अंगदान करने की सुविधा पश्चिमी मारवाड़ में कहीं भी उपलब्ध नहीं है. जोधपुर एम्स में भी पिछले 3 सालों में 100 से अधिक देह दान हो चुके हैं. लेकिन अभी ऑर्गन डोनेशन की सुविधा यहां प्रारंभ नहीं हुई है.

जोधपुर. जोधपुर में एक बच्ची के मां बाप ने बड़ी मिसाल पेश की है. डॉक्टर्स की पढ़ाई के लिए अपनी 3 साल की मासूम की देह जोधपुर एम्स को दान कर दी, ताकि मासूम का उनके पास होने का एहसास उन्हें हमेशा हो सके.

देश में 3 साल के बच्चे का पहला देहदान हुआ

नागौर जिले के गोटन के निवासी उमेद सिंह की 3 साल की बेटी ज्योति के दिल में छेद था. जिसके इलाज के लिए हर संभव प्रयास किए गए. 3 जून को ज्योति की तबीयत बिगड़ने पर उसे जोधपुर एम्स के पीडियाट्रिक डिपार्टमेंट में भर्ती कराया गया. ईलाज के दौरान ही ज्योति ने गुरुवार को दम तोड़ दिया.

ज्योति के माता पिता का कहना है कि हम उसके अंग दान कर अपनी बेटी को हमेशा किसी के शरीर में जीवित देखना चाहते थे. लेकिन उन्हें निराशा हुई कि जोधपुर में अभी अंगदान की सुविधा नहीं है. इस पर उन्होंने ज्योति का पूरा देह दान करने का निर्णय लिया.

जोधपुर एम्स के एनाटॉमी विभाग के डॉक्टरों का कहना है कि इतनी कम उम्र में देहदान का पहला मामला है. गौरतलब है कि अंगदान करने की सुविधा पश्चिमी मारवाड़ में कहीं भी उपलब्ध नहीं है. जोधपुर एम्स में भी पिछले 3 सालों में 100 से अधिक देह दान हो चुके हैं. लेकिन अभी ऑर्गन डोनेशन की सुविधा यहां प्रारंभ नहीं हुई है.

Intro:जोधपुर डॉक्टर्स की पढ़ाई के लिए एक मां बाप ने अपनी 3 साल की मासूम की देह जोधपुर एम्स को दान कर दी इसलिए कि उसके जीवित होने का एहसास उनको हमेशा रह सके। दरअसल नागौर जिले के गोटन के निवासी उमेद सिंह की बेटी 3 साल की ज्योति को दिल में छेद था जिसके इलाज के लिए हर संभव प्रयास किए गए लेकिन कहीं कोई राहत नहीं मिली 3 जून को उसकी तबीयत अचानक बिगड़ गई तो उसे जोधपुर एम्स के पीडियाट्रिक डिपार्टमेंट में भर्ती क्रिया दया तबीयत बिगड़ती गई तो ज्योति को वेंटिलेटर पर लेना पड़ा जहां गुरुवार को उसने दम तोड़ दिया। ज्योति के पिता और माता ने तय किया कि हम उसके अंग दान कर अपनी बेटी को हमेशा किसी के शरीर में जीवित देखना चाहते थे लेकिन उन्हें निराशा हुई कि जोधपुर में अभी अंगदान की सुविधा नहीं है।


Body:इस पर उन्होंने ज्योति की पूरी देह दान करने का निर्णय लिया और जोधपुर एम्स को ही उसकी दे दान कर दी जोधपुर एम्स के एनाटॉमी विभाग के डॉक्टरों का कहना है कि यह इतनी कम उम्र में देहदान का पहला ही मामला है। गौरतलब है कि जोधपुर में डॉक्टर एसएन मेडिकल कॉलेज में भी अभी सिर्फ पैदा नहीं किया जा सकता है अंगदान करने की सुविधा पश्चिमी मारवाड़ में कहीं पर भी नहीं है जोधपुर एम्स में भी पिछले 3 सालों में 100 से अधिक दे दान हो चुके हैं लेकिन अभी ऑर्गन डोनेशन की सुविधा यहां प्रारंभ नहीं हुई है।


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