जोधपुर. प्रदेश में लंपी स्किन डिजीज के मामलों में लगातार वृद्धि हो रही है. इसके साथ मौतों का आंकड़ा भी बढ़ता जा रहा है. प्रदेश के पशुपालन विभाग के अधिकारी का कहना है कि पूरी तरह से स्वस्थ्य पशु को अगर गोट पॉक्स का टीका लगता है तो उसे संभावित संक्रमण से बचाया जा सकता है. लेकिन पशुपालन विभाग के पास टीके नहीं हैं. टीके की उपलब्धता को लेकर अधिकारियों के पास कोई जवाब नहीं है.
इधर जिले के ग्रामीण क्षेत्र में गर्भवती गायों के यह टीका लगाने से गर्भपात के मामले भी सामने आए हैं. दूसरी ओर (Shortage of Goat Pox Vaccine in Jodhpur) लंपी पॉक्स के महंगे टीके बेचने की भी बात सामने आ रही है. अभी एक हजार रुपये में एक वायल बिक रही है, इसमें गोट पॉक्स और शिप पॉक्स दोनों शामिल हैं. एक वायल से दस गायों को टीका लगाया जा सकता है.
जोधपुर पशुपालन विभाग के अतिरिक्त निदेशक डॉ एमएम नागौरी का कहना है कि गोट पॉक्स के टीके की डिमांड भेजी गई है, लेकिन अभी आपूर्ति नहीं हुई है. दवाइयों की भी खरीद प्रक्रिया चल रही है. इधर वेटनरी मेडिकल स्टोर पर अब लंपी स्किन डिजीज के लिए होम्योपैथिक उपचार भी बाजार में आ गया है, जिसकी भी बिक्री होने लगी है. इसकी एक पैकेटे की कीमत 450 रुपये हैं. ये गायों की इम्युनिटी बढ़ाता है. इसी तरह से निजी मेडिकल स्टोर पर गोट पॉक्स और शिप पॉक्स का टीका जो करीब 300 से 400 रुपये में मिलता था, वह अब एक हजार रुपये में बिक रहा है.
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35 गायों को लगाया टीका, तीन का हुआ गर्भपात: जिले के मथानियां पशुपालन विभाग के पशुधन सहायक प्रीतम सिंह का कहना है कि पिछले दिनों उन्होंने 35 गायों को गोट पॉक्स का टीका लगाया था. इससे तीन गर्भवति गायों का गर्भपात हो गया. उसके बाद टीका लगाना बंद कर दिया गया. लेकिन ग्रामीण अभी भी टीके की डिमांड कर रहे हैं. फिलहाल विभाग के पास टीका उपलब्ध नहीं है.
100 प्रतिशत कारगर होने की उम्मीद: पशुपालन विभाग के राज्य रोग निदान केंद्र के संयुक्त निदेशक डॉ रवि इसरानी का कहना है कि लंंपी स्किन डिजीज में गोट पॉक्स का टीका कारगर होने की उम्मीद है. यह क्रॉस इम्युनिटी डेवलप करता है. लाइव वायरस स्वसथ्य पशु के शरीर में प्रतिरोध क्षमता बढ़ाता है. क्योंकि टीका बनाने के दौरान वायरस के बीमारी फैलाने की क्षमता खत्म कर दी जाती है. बकरियों से तीन गुना अधिक इसकी डोज देनी होती है, जिससे कैटल को फायदा होगा.