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इंटरनेशनल जियो डाइवर्सिटी डे पर प्राचीन जलाशयों के संरक्षण के लिए जियो हैरिटेज वॉक - Traditional water reservoir in Jodhpur

इंटरनेशनल जियो डाइवर्सिटी डे (International Geodiversity Day 2022) पर जोधपुर के प्राचीन जलाशयों के संरक्षण और रखरखाव के प्रति जागरूकता के लिए गुरुवार को हैरिटेज वॉक निकाली गई. इसमें प्राचीन जलाशयों की दुर्दशा पर चिंता व्यक्त करते हुए इनके संरक्षण की आवश्यकता जताई गई.

International Geodiversity Day 2022
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Published : Oct 6, 2022, 6:39 PM IST

जोधपुर. बदहाल होते शहर के प्राचीन जलाशयों के संरक्षण और उनके रखरखाव के प्रति लोगों में जागरूकता पैदा करने के उद्देश्य से गुरुवार को भीतरी शहर में हैरिटेज वॉक का आयोजन किया गया. इसमें पर्यावरणविद् व जलस्रोतों के संरक्षण से जुड़े लोगों ने भाग लिया.

पर्यावरणविद् डॉ संतोष छापर ने बताया कि यूनेस्को की ओर से मनाए जा रहे इंटरनेशनल जियो डाइवर्सिटी डे पर हमारे प्राचीन जलस्त्रोतों की भूजल विरासत के संरक्षण और इस संस्कृति को बचाने के उद्देश्य से (Ancient water reservoir conservation) जियो हैरिटेज वॉक का आयोजन किया गया. यह वॉक घंटाघर से तूरजी का झालरा तक निकाली गई. डॉ छापर ने बताया कि मेरा बचपन इन्हीं जलस्रोतों का पानी पीकर बिता था.

प्राचीन जलाशयों के संरक्षण के लिए जियो हैरिटेज वॉक

पढ़ें: विश्व जैव विविधता दिवस : 55 प्रजाति के विलुप्त हो रहे पेड़ों के बीजों की लगाई प्रर्दशनी...

छापर ने बताया कि लेकिन आज इनकी दुर्दशा हो गई है. लोग कचरा डाल रहे हैं. इनमें पूजा सामग्री डाली जा रही है. हमें यह रोकना होगा. हमारी नई पीढ़ी को बताना होगा कि यह स्त्रोत कितने आवश्यक हैं. ट्रैवलोस्थान और जोधपुर जियो हैरिटेज ग्रुप के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस वॉक के दौरान भूजल पर्यटन विषय पर हुए शोध पर भी बात हुई. गौरतलब है कि यूनेस्को ने इस वर्ष 6 अक्टूबर को इंटरनेशनल जियो डाइवर्सिटी डे घोषित किया था. इसके तहत आज पूरी दुनिया में इससे जुड़े कार्यक्रमों का आयोजन किया गया.

जोधपुर. बदहाल होते शहर के प्राचीन जलाशयों के संरक्षण और उनके रखरखाव के प्रति लोगों में जागरूकता पैदा करने के उद्देश्य से गुरुवार को भीतरी शहर में हैरिटेज वॉक का आयोजन किया गया. इसमें पर्यावरणविद् व जलस्रोतों के संरक्षण से जुड़े लोगों ने भाग लिया.

पर्यावरणविद् डॉ संतोष छापर ने बताया कि यूनेस्को की ओर से मनाए जा रहे इंटरनेशनल जियो डाइवर्सिटी डे पर हमारे प्राचीन जलस्त्रोतों की भूजल विरासत के संरक्षण और इस संस्कृति को बचाने के उद्देश्य से (Ancient water reservoir conservation) जियो हैरिटेज वॉक का आयोजन किया गया. यह वॉक घंटाघर से तूरजी का झालरा तक निकाली गई. डॉ छापर ने बताया कि मेरा बचपन इन्हीं जलस्रोतों का पानी पीकर बिता था.

प्राचीन जलाशयों के संरक्षण के लिए जियो हैरिटेज वॉक

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छापर ने बताया कि लेकिन आज इनकी दुर्दशा हो गई है. लोग कचरा डाल रहे हैं. इनमें पूजा सामग्री डाली जा रही है. हमें यह रोकना होगा. हमारी नई पीढ़ी को बताना होगा कि यह स्त्रोत कितने आवश्यक हैं. ट्रैवलोस्थान और जोधपुर जियो हैरिटेज ग्रुप के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस वॉक के दौरान भूजल पर्यटन विषय पर हुए शोध पर भी बात हुई. गौरतलब है कि यूनेस्को ने इस वर्ष 6 अक्टूबर को इंटरनेशनल जियो डाइवर्सिटी डे घोषित किया था. इसके तहत आज पूरी दुनिया में इससे जुड़े कार्यक्रमों का आयोजन किया गया.

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