जोधपुर. बदहाल होते शहर के प्राचीन जलाशयों के संरक्षण और उनके रखरखाव के प्रति लोगों में जागरूकता पैदा करने के उद्देश्य से गुरुवार को भीतरी शहर में हैरिटेज वॉक का आयोजन किया गया. इसमें पर्यावरणविद् व जलस्रोतों के संरक्षण से जुड़े लोगों ने भाग लिया.
पर्यावरणविद् डॉ संतोष छापर ने बताया कि यूनेस्को की ओर से मनाए जा रहे इंटरनेशनल जियो डाइवर्सिटी डे पर हमारे प्राचीन जलस्त्रोतों की भूजल विरासत के संरक्षण और इस संस्कृति को बचाने के उद्देश्य से (Ancient water reservoir conservation) जियो हैरिटेज वॉक का आयोजन किया गया. यह वॉक घंटाघर से तूरजी का झालरा तक निकाली गई. डॉ छापर ने बताया कि मेरा बचपन इन्हीं जलस्रोतों का पानी पीकर बिता था.
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छापर ने बताया कि लेकिन आज इनकी दुर्दशा हो गई है. लोग कचरा डाल रहे हैं. इनमें पूजा सामग्री डाली जा रही है. हमें यह रोकना होगा. हमारी नई पीढ़ी को बताना होगा कि यह स्त्रोत कितने आवश्यक हैं. ट्रैवलोस्थान और जोधपुर जियो हैरिटेज ग्रुप के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस वॉक के दौरान भूजल पर्यटन विषय पर हुए शोध पर भी बात हुई. गौरतलब है कि यूनेस्को ने इस वर्ष 6 अक्टूबर को इंटरनेशनल जियो डाइवर्सिटी डे घोषित किया था. इसके तहत आज पूरी दुनिया में इससे जुड़े कार्यक्रमों का आयोजन किया गया.