जोधपुर: ऑन लाइन लिंक (Online Link) और क्यूआर कोड (QR Code) के जरिए लोगों की मोटी रकम पर हाथ साफ करना धोखेबाजों का शगल सा बन गया है. आए दिन ऐसी खबरें प्रदेश और देश भर से सामने आती रहती हैं. अब शातिर बदमाश एक कदम और आगे बढ़े हैं. क्लोन चेक के जरिए ठगी. जोधपुर में क्लोन से फर्जी चेक बनाकर लोगों का खाता खाली करने का मामला सामने आया है.
उसने बैंक का हुबहू चेक बनाकर धोखाधड़ी करने की कोशिश की. जिसे तकनीक ने ही नाकाम कर दिया. दरअसल चेक लगाने के बाद बैंक ने राशि ट्रांसफर के लिए खाताधारक से अनुमति मांगी. खाताधारक ने ऐसी किसी बात से इनकार करते हुए चेक रुकवा दिया.
खाताधारक की समझदारी आई काम
खाताधारक का कहना है जिस नंबर के चैक से राशि निकाली जा रही थी वह चैक उसने किसी को जारी नहीं किया था. चैक तो घर पर रखी चैक बुक में है. इसको लेकर महामंदिर थाने में मामला दर्ज करवाया गया. मूलत: जैसलमेर के मोहनगढ़ वर्तमान में लक्ष्मीनगर रहने वाले सुरेंद्र सिंह ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि 23 अगस्त की सुबह उनके पिताजी के मोबाइल पर बैंक ऑफ बडौदा से मैसेज आया कि आपके खाते से 93 हजार रुपए क्लीयरिंग के लिए चेक मिला है. अगर चेक आपके ने जारी नहीं किया है तो टोल फ्री नंबर पर संपर्क करें. खाताधारक ने घर पर रखी चेक बुक खंगाली तो पाया कि बताई गया नंबर उनकी चेक बुक में ही है. ऐसे में उन्होंने तुरंत बैंक के टोल फ्री नंबर पर संपर्क किया और मेल कर पेमेंट रुकवाया गया.
हुबहू हस्ताक्षर और फर्जी चैक
खाताधारक ने जैसमलेर स्थित बैंक ऑफ बडौदा से इसको लेकर संपर्क किया तो पता चला कि चैक पर खाताधारक के हुबहू हस्ताक्षर भी किए हुए थे. लेकिन बैंक को पूरी बात बताई तो पता चला कि चेक भी फर्जी बनाया गया है. बैंक भी अपने स्तर पर चेक लगाने वाले तक पहुंचने का प्रयास कर रहा है.
ये कोई पहला मामला नहीं
रातानाड़ा थाने में इस वर्ष फरवरी में एक ऐसा ही मामला दर्ज हुआ था. जिसमें भी रेजिडेंसी रोड स्थित बैंक ऑफ बडौदा के खाताधारक के खाते से रुपए निकालने का प्रयास किया गया. पुलिस की पड़ताल में सामने आया था कि चैक की क्लोनिंग की गई और उस पर फर्जी हस्ताक्षर किए गए थे. चेक गुडगांव से लगाया गया था.
ऐसे बचें, बैंक भेजता है मैसेज
पहले बैंक दो लाख या इससे अधिक की राशि का चेक क्लीअर करने पर मैसेज भेजता था. अब यह सीमा एक लाख से भी कम कर दी गई है. इसके अलावा और बड़ी राशि का चेक होने पर बैंक कॉल भी करता है. ऐसे में बैंक से आने वाले मैसेज को खाताधारकों को बहुत सावधानी से देखने की आवश्यकता है. जिससे वे इस तरह के अनजानी ठगी से बच सकते हैं.