जोधपुरः शहर के पूर्व महापौर एवं उद्योगपति घनश्याम ओझा के साथ करीब 2 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी का मामला सामने आया है. पूर्व महापौर ने वाराणसी के दंपती पर बासनी थाने में मामला दर्ज करवाया है. ओझा के परिचित महेंद्र वैष्णव ने फरवरी 2019 में गोपाल चंद जयसवाल और उसकी पत्नी पूनम जयसवाल से परिचय करवाया था. दोनों वाराणसी उत्तर प्रदेश के रहने वाले है. ओझा एसआरएम एलॉयज कंपनी के एमडी हैं.
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गोपाल चंद जयसवाल ने खुद को अच्छी खासी संपत्ति का मालिक बताया. वाराणसी के पॉश इलाके में स्थित अपने घर के कागजात भी दिखाए. दोनों पति-पत्नी ने जोधपुर में स्टील का कारोबार करने की इच्छा जताई. पूर्व महापौर का खुद का स्टील के पट्टे बनाने का काम है. पूर्व महापौर ने उनके साथ काम शुरू करवा दिया. अपनी गारंटी पर सत्येन परिहार नामक व्यक्ति की फैक्ट्री भी किराए पर दिलवा दी.
बकाया राशि होने पर रोक दिया भुगतान
गोपाल चंद की फैक्ट्री से काम भी होने लगा वह लगातार भुगतान भी करता गया. लेकिन जब एक बार डेढ़ करोड़ से ज्यादा की राशि बकाया हो गई तो उसने कुछ दिन भुगतान रोक दिया. तकाजा करने पर उसने 54 लाख रुपए का भुगतान फिर किया. लेकिन ओझा की कंपनी ने दोबारा माल देने से पहले पूरा बकाया देने की बात कही तो गोपाल चंद ने रंग दिखाना शुरू कर दिया और दूरी बना ली. धीरे-धीरे संपर्क खत्म कर फैक्ट्री बंद कर जोधपुर से फरार हो गया.
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पुलिस को दी गई रिपोर्ट में बताया गया है कि करीब एक करोड़ रुपए एसआरएम कंपनी के बकाया है. इसके अलावा श्रीराम, नाकोडा और अन्य फर्मों के मिलाकर कुल दो करोड़ से ज्यादा की राशि की चपत लगाकर जयसवाल दंपती फरार हो गए. जयसवाल दंपती ने ओझा की राशि तो डकार ली इसके अलावा जो फैक्ट्री ओझा ने किराए पर दिलवाई थी उसका किराया भी नहीं दिया.