जोधपुर. जालोर जिले में शनिवार देर रात हाईटेंशन लाइन की चपेट में आने से बस में आग लगने से 6 लोगों की मौत हो गई. हादसे में 20 से अधिक लोग घायल हो गए. इसके बाद राज्य सरकार ने पीड़ित परिजनों को मुआवजा देने की घोषणा की. राज्य सरकार की घोषणा के अनुसार सहायता राशि का वितरण किया गया.
इसके लिए रविवार देर शाम जोधपुर के प्रभारी मंत्री एवं उपमुख्य सचेतक महेंद्र चौधरी एवं वन मंत्री सुखराम बिश्नोई जोधपुर पहुंचे. उन्होंने महात्मा गांधी अस्पताल की बर्न यूनिट में जाकर घायलों से मिले और उन्हें सहायता राशि के रूप में 50-50 हजार के चेक सौंपे. प्रभारी मंत्री महेंद्र चौधरी ने बताया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस घटना पर संवेदना जताते हुए मृतकों को दो लाख की सहायता एवं घायलों को 50-50 हजार की सहायता देने की घोषणा की थी, जिसके तहत यह राशि उपलब्ध करवाई गई है.
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चौधरी ने कहा कि सरकार घायलों के उपचार को लेकर संवेदनशील है. उनके साथ आए वन मंत्री सुखराम बिश्नोई ने कहा कि घटना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है. इस मामले में कहां लापरवाही रही है, उसकी जांच करवाई जा रही है. एक सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि अभी उस गांव में कोई नहीं पहुंचा है, लेकिन सोमवार से जांच शुरू होगी. अगर कहीं कोई लापरवाही है तो दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी.
जालोर के महेशपुरा में करंट लगने से बस में लगी आग से 6 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 17 लोग घायल हो गए थे. इनमें सात गंभीर घायलों को जोधपुर रेफर किया गया था. जोधपुर में जयपुर निवासी प्रियंका (32), ब्यावर निवासी शकुंतला (43), इन्दौर निवासी कौशल्या (44), ब्यावर निवासी तारा देवी (65), जयपुर निवासी कांता (54), चैन्नई निवासी गौतम (41) और ब्यावर निवासी दिनेश (40) का उपचार चल रहा है. रविवार सुबह संभागीय आयुक्त डॉ. शर्मा ने भी महात्मा गांधी अस्पताल जाकर घायलों के कुशलक्षेम पूछी और उपचार को लेकर डॉक्टर से चर्चा की.