भोपालगढ़(जोधपुर). वैश्विक महामारी बन चुके कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए जहां एक ओर पूरे देश को इक्कीस दिनों के लिए लॉकडाउन कर रखा है. वहीं भोपालगढ़ उपखंड प्रशासन ने डोर-टू-डोर सर्वे करने वाले बीएलओ, आंगनबाड़ी और आशा सहयोगिनों को पर्याप्त मेडिकल किट तक नहीं दी हैं.
यहां तक कि उन्हें मुंह ढकने के लिए मास्क और दस्ताने भी उपलब्ध नहीं कराए है. यही नहीं इन कर्मचारियों को अकेले अपने केन्द्र क्षेत्र में 2 दिन में 300 से ज्यादा घरों का सर्वे करने के लिए पाबंद किया गया है. उपखंड अधिकारी के आदेश के मुताबिक गुरुवार को हुए बैठक में सर्वे दल को चिकित्सा प्रभारी प्रत्येक दल को 10-10 प्रपत्र और 5-5 मास्क उपलब्ध करवाएंगे. ये सामग्री प्रभारी चिकित्सक को विकास अधिकारी द्वारा पहुंचानी थी. लेकिन किसी भी कर्मचारी को उपखंड अधिकारी की मौजूदगी में हुई बैठक में कोई भी सामग्री नहीं दी गई.
विकास अधिकारी ने बताया कि मैंने सभी पंचायत मुख्यालय पर ग्राम विकास अधिकारी को निर्देश दे दिए हैं. वो सर्वे करने वाली टीम को पहुंचा देंगे. बीएलओ ने सामग्री देने की मांग रखी तो प्रशासनिक अधिकारियों ने उन्हें अपने घर से ही व्यवस्था करने की दो टूक में बात कह दी. मास्क और दस्ताने तो दूर हाथ धोने के लिए सैनेटाइजर की व्यवस्था तक नहीं की है.
एक ओर सर्वे करने वाली टीम जिसके पास ना मास्क है और ना ही सैनिटाइजर. उपखंड अधिकारी सुखाराम पिंडेल ने बैठक में सर्वे करने के लिए सर्वे दल को हाइपरटेंशन, हृदय संबंधी रोग, डायबिटीज, फेफड़ों से संबंधित समस्या जिसमें अस्थमा, टीबी जैसे रोग और किडनी संबंधित समस्या हो तो डिजीज का नाम अंकित करेंगे.
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इसके साथ ही प्रत्येक सदस्य के स्वास्थ्य की भी जानकारी लेनी होगी और मुख्या के मोबाइल नंबर प्रपत्र में दर्ज करने होंगे. गर्भवती महिलाओं को आइएलआई लक्षणों की वर्तमान जानकारी चिकित्सा अधिकारी को उपलब्ध करवानी होगी.
2 दिन में 300 से ज्यादा घरों का करने होंगे सर्वे
बते दें कि उपखंड अधिकारी ने सख्त दिशा-निर्देश देते हुए कहा है कि सर्वे दल के कार्मिकों को 2 दिन में अपने क्षेत्र की संपूर्ण जानकारी प्रपत्र के अनुसार भरकर देनी होगी. ऐसे में बीएलओ ने उपखंड अधिकारी से समय बढ़ाने की मांग रखी. लेकिन उपखंड अधिकारी ने उन्हें सख्त हिदायत देकर राष्ट्रीय आपदा में समय पर कार्य करने के लिए पाबंद किया. बीएलओ ने ढाणियों में अलग-अलग जगह लोगों के रहने की समस्या भी बताई. लेकिन उपखंड अधिकारी ने एक भी नहीं सुनी.