जोधपुर. जयपुर में अधीनस्थ अदालतों में बढ़ते मुकदमों को कम करने के लिए डीजे कोर्ट और सीजेएम कोर्ट खोले जा रहे हैं. जयपुर में नवसृजित जिला एवं सेशन न्यायाधीश जयपुर महानगर द्वितीय के कार्यालय के लिए आवश्यक पदों की स्वीकृति जारी कर दी गई है. नवसृजित डीजे कोर्ट के लिए पीओ सहित कुल 43 पदों की स्वीकृति जारी की गई है.
विधि एवं विधिक विभाग के प्रमुख शासन सचिव ने पदों की स्वीकृति की अधिसूचना जारी कर दी है. वहीं, राजस्थान हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को भी पत्र भी भेज दिया है. जयपुर महानगर प्रथम में विद्यमान भवन में संचालित होगा. जयपुर महानगर द्वितीय बनीपाक में नवनिर्मित भवन में संचालित होगा. इसी तरह से नवसृजित वरिष्ठ सिविल न्यायाधीश और मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट जयपुर द्वितीय के कार्यालय के लिए भी पीओ सहित 9 पद स्वीकृत किए गए हैं.
दलित युवती के दुष्कर्म के आरोपी को नहीं मिली जमानत
अनुसूचित जाति एवं जनजाति अदालत की पीठासीन अधिकारी अणिमा दाधिच ने एक दलित युवती का अपने दोस्तों के साथ मिलकर अपहरण करने और दुष्कर्म करने वाले युवक को जमानत देने से इंकार कर दिया. आरोपी युवक की ओर से चौथी बार जमानत आवेदन पेश किया गया, लेकिन उसके बावजूद राहत नहीं मिली.
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मामले के अनुसार पीड़िता ने मथानिया थाने में एक एफआईआर दर्ज करवाई कि वह घर से सामान लेने के लिए दुकान जा रही थी. आरोपी राकेश ने अपने दोस्तों के साथ मिलकर बोलेरो कैम्पर में डालकर उसकी दुकान पर ले गए. वहां उसके हाथ-पैर बांधकर उसके साथ राकेश ने दो बार दुष्कर्म किया. उसके बाद 16 जनवरी 2015 को उसे बाबूलाल नाम के व्यक्ति को घंटाघर में सुपुर्द कर दिया और उसने फिर ब्यूटी पार्लर का काम करने वाले को बुलाकर उसके बाल कटवा दिए, ताकि पहचान बदल जाए.
इससे पहले उसे नशीला पदार्थ सुंघाकर बेहोश किया गया. रात नौ बजे के करीब उसे एयरफोर्स रोड पर छोड़कर चले गए. कोर्ट की पीठासीन अधिकारी अणिमा दाधीच ने दोनों पक्ष सुनने के बाद कहा कि कई महत्वपूर्ण गवाहों की साक्ष्य लेखबद्ध होने बाकी है. आरोपी की इस घटना में मुख्य भूमिका है. कोर्ट ने जमानत प्रार्थना पत्र खारिज कर दिया, आरोपी पिछले पांच साल से जेल में बंद है.