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जोधपुर: नाबालिग के साथ दुष्कर्म की कोशिश के आरोपी को 10 साल की सजा

जोधपुर की पॉक्सो अदालत के पीठासीन अधिकारी अखिलेश कुमार ने नाबालिग के साथ दुष्कर्म के प्रयास के मामले में आरोपी को दस साल के कठोर कारावास और पच्चीस हजार रुपए के जुर्माने से दंडित किया है. ठेले पर चना मुंगफली बचने वाले यादराम ने नाबालिग को घर में अकेला देख दुष्कर्म की कोशिश की थी. मामला साल 2017 का है.

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Published : Dec 20, 2020, 2:12 AM IST

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नाबालिग के साथ दुष्कर्म की कोशिश के आरोपी को 10 साल की सजा

जोधपुर. जोधपुर की पॉक्सो अदालत के पीठासीन अधिकारी अखिलेश कुमार ने नाबालिग के साथ दुष्कर्म के प्रयास के मामले में आरोपी को दस साल के कठोर कारावास और पच्चीस हजार रुपए के जुर्माने से दंडित किया है. ठेले पर चना मुंगफली बचने वाले यादराम ने नाबालिग को घर में अकेला देख घटना को अंजाम दिया था. मामला साल 2017 का है.

मथानिया थाने में नाबालिग के पिता ने रिपोर्ट दर्ज कर बताया था कि नाबालिग को घर में अकेला देखकर आरोपी यादराम घर में घुस कर उसकी नाबालिग पुत्री के साथ दुष्कर्म करने की कोशिश की. परिजन उस वक्त घर से बाहर गए हुए थे, जब वो वापस आए तो परिजनों को नाबालिग ने पूरी घटना की जानकारी दी. जिसके बाद उन्होंने मथानिया थाने में आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया.

पढ़ें: सीआईडी सीबी ने पकड़ी 3 करोड़ की अफीम, 5 तस्कर गिरफ्तार

पुलिस ने धारा 450, 376 (2)(आई) भारतीय दंड सहिता व धारा 5 (एम)/ 6,9(एम)/ 10 यौन अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 के तहत मुकदमा दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार किया. सजा के बिंदू पर आरोपी के अधिवक्ता ने कम से कम सजा देने की गुहार करते हुए कहा कि अभी आरोपी नवयुवक है और पहला अपराध है, इसके अलावा कोई अपराध नहीं है.

वहीं विशेष लोक अभियोजक शिवप्रकाश भाटी ने कहा कि नाबालिग के साथ अपराध की गंभीरता को देखते हुए कठोर से कठोर सजा दी जाए. न्यायालय ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद अलग-अलग धाराओं में पच्चीस हजार रुपए का जुर्माना और जुर्माने की राशि नाबालिग पीड़िता के अभिभावकों को देने के आदेश दिए हैं. राशि कम होने पर जिला विधिक प्राधिकरण को प्रतिकर स्कीम में राशि दिलाने के निर्देश दिए गए हैं. आरोपी को दस साल के कठोर कारावास की सजा गई है.

जोधपुर. जोधपुर की पॉक्सो अदालत के पीठासीन अधिकारी अखिलेश कुमार ने नाबालिग के साथ दुष्कर्म के प्रयास के मामले में आरोपी को दस साल के कठोर कारावास और पच्चीस हजार रुपए के जुर्माने से दंडित किया है. ठेले पर चना मुंगफली बचने वाले यादराम ने नाबालिग को घर में अकेला देख घटना को अंजाम दिया था. मामला साल 2017 का है.

मथानिया थाने में नाबालिग के पिता ने रिपोर्ट दर्ज कर बताया था कि नाबालिग को घर में अकेला देखकर आरोपी यादराम घर में घुस कर उसकी नाबालिग पुत्री के साथ दुष्कर्म करने की कोशिश की. परिजन उस वक्त घर से बाहर गए हुए थे, जब वो वापस आए तो परिजनों को नाबालिग ने पूरी घटना की जानकारी दी. जिसके बाद उन्होंने मथानिया थाने में आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया.

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पुलिस ने धारा 450, 376 (2)(आई) भारतीय दंड सहिता व धारा 5 (एम)/ 6,9(एम)/ 10 यौन अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 के तहत मुकदमा दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार किया. सजा के बिंदू पर आरोपी के अधिवक्ता ने कम से कम सजा देने की गुहार करते हुए कहा कि अभी आरोपी नवयुवक है और पहला अपराध है, इसके अलावा कोई अपराध नहीं है.

वहीं विशेष लोक अभियोजक शिवप्रकाश भाटी ने कहा कि नाबालिग के साथ अपराध की गंभीरता को देखते हुए कठोर से कठोर सजा दी जाए. न्यायालय ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद अलग-अलग धाराओं में पच्चीस हजार रुपए का जुर्माना और जुर्माने की राशि नाबालिग पीड़िता के अभिभावकों को देने के आदेश दिए हैं. राशि कम होने पर जिला विधिक प्राधिकरण को प्रतिकर स्कीम में राशि दिलाने के निर्देश दिए गए हैं. आरोपी को दस साल के कठोर कारावास की सजा गई है.

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