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World Brain Tumor Day 2022: बच्चों और युवाओं में बढ़ने लगे ब्रेन ट्यूमर के मामले, 15 साल से कम उम्र के बच्चों में 75 फीसदी सर्वाइवल रेट

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Published : Jun 8, 2022, 9:08 AM IST

Updated : Jun 8, 2022, 3:17 PM IST

हर साल 8 जून को वर्ल्ड ब्रेन ट्यूमर डे (World Brain Tumor Day 2022) मनाया जाता है. यह रोग मास्तिष्क में असामान्य कोशिकाओं के जमाव के कारण होता है. यदि इस बीमारी का इलाज समय रहते न किया जाए, तो यह जानलेवा साबित हो सकती है.

World Brain Tumor Day 2022
World Brain Tumor Day 2022

जयपुर. हर साल दुनियाभर में 8 जून को विश्व ब्रेन ट्यूमर दिवस (World Brain Tumor Day 2022 ) मनाया जाता है. इस दिन को मनाने का मकसद इस गंभीर बीमारी के प्रति जागरूकता फैलाने का है. ब्रेन ट्यूमर एक बहुत ही खतरनाक बीमारी है, जिसमें दिमाग की कोशिकाओं और ऊतकों (टीश्यू) की गांठ बन जाती है. इसे ब्रेन ट्यूमर कहा जाता है. सही वक्त पर अगर इसका इलाज न किया जाए तो ये जानलेवा साबित होती है. इसलिए लोगों को इसके खतरों के प्रति आगाह करने के मकसद से ब्रेन ट्यूमर डे मनाया जाता है.

ब्रेन ट्यूमर दिवस मनाने की शुरुआत साल 2000 से हुई थी. जर्मन ब्रेन ट्यूमर एसोसिएशन डॉयचे हिरनट्यूमरहिल्फ की ओर से इस दिन को मनाने की शुरुआत की थी. विश्व ब्रेन ट्यूमर दिवस 2022 की थीम को बीमारी के महत्व, इतिहास और इसके पैदा होने के कारण को साझा करने का मकसद दिया गया है. 50 साल से ज्यादा की उम्र के सामने आने वाला ब्रेन ट्यूमर अब युवा अवस्था में भी मे तेजी से सामने आ रहा है. छोटी उम्र में तेजी से बढ़ते मामलों को लेकर मेडिकल साइंस में कई रिसर्च हुई है, लेकिन अभी तक इसके कारणों का पता नहीं लग पाया है.

वर्ल्ड ट्यूमर डे पर विशेष

पढ़ें- 'क्यों कुछ बातें याद रह जाती हैं, और कुछ भूल जाते हैं', शोध में हुआ नया खुलासा

जयपुर के न्यूरो ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ. नितिन द्विवेदी का कहना है कि जहां एक ओर बच्चों और युवाओं में ब्रेन ट्यूमर के केसेज तेजी से बढ़ रहे हैं, वहीं एडवांस उपचार पद्धतियों के कारण सर्वाइवल रेट भी बढा है. डॉ. नितिन द्विवेदी ने बताया कि मस्तिष्क में जब असामान्य कोशिकाएं विकसित होने लगती है, तो ब्रेन ट्यूमर का रूप ले लेती है. कोशिकाओं के विकास की गति ट्यूमर के प्रकार के अनुसार अलग-अलग होती है. लेकिन इस दौरान कई लक्षण व्यक्ति में नजर आते हैं. इन लक्षणों को अगर गंभीरता के साथ लेकर समय पर चिकित्सक से सलाह ली जाए तो शुरुआती अवस्था में इसकी पहचान कर रोगी को बचाना संभव हो पाता है. जीवनशैली में आए परिवर्तन की वजह से ब्रेन ट्यूमर के अहम लक्षण सिरदर्द, याददाश्त का कमजोर होना जैसे मामले जीवनशैली का हिस्सा बनते जा रहे हैं. इन लक्षणों की समय पर पहचान और उपचार जरूरी है.

इन्हें न करें अनदेखा- बच्चों और व्यस्कों में इसके लक्षणों में काफी समानता है. इन लक्षणों में तेज या लगातार रहने वाला सिरदर्द, चलने में परेशानी, तालमेल में समस्याएं, मांसपेशियों में कमजोरी, रह-रहकर परेशानी होना, शरीर के एक तरफ कमजोरी या हाथों और पैरों की कमजोरी, चक्कर आना, उल्टी या मतली आना, चुभन महसूस करना या स्पर्श कम महसूस होना, ठीक से बोलने और समझने में परेशानी या सुध-बुध खोना, दौरे पड़ना, धुंधला दिखना, बेहोशी आना, बोलने में कठिनाई या व्यक्तित्व में बदलाव.

66 फीसदी ट्यूमर कैंसर के नहीं- डॉ. नितिन द्विवेदी ने बताया कि लोग ब्रेन ट्यूमर के नाम से डरते हैं, लेकिन यह ट्यूमर दूसरे ट्यूमर से बिल्कुल अलग होते हैं. जांच में 66 फीसदी ट्यूमर सामान्य ट्यूमर होते हैं. अतः वह कैंसर के नहीं होते हैं. 15 साल से कम उम्र के रोगियों का सर्वाइवल रेट 75 फीसदी होता है. वहीं 15 से 39 उम्र के रोगियों को में 72 फीसदी और 40 से अधिक उम्र के रोगियों में 21 फीसदी सर्वाइवल रेट होता है.

पढ़ें- Sawai Mansingh Hospital: ब्रेन स्ट्रोक के मरीजों का 3D मशीन से होगा इलाज, ऐसा करने वाला प्रदेश का पहला अस्पताल बना SMS

80 फीसदी रोगी समय पर नहीं लेते उपचार- ब्रेन ट्यूमर के लक्षणों की अनदेखी और समय पर पहचान नहीं होने के कारण 80 फीसदी से ज्यादा रोगी न्यूरो एक्सपर्ट के पास ट्यूमर के पूरी तरह से बढ़ जाने के बाद आते हैं. एडवांस स्टेज में टयूमर की पहचान होने पर उसे तुरंत प्रभाव से ऑपरेशन के जरिए उपचार दिया जाता है. कुछ केसेज में रोगी टयूमर की पहचान होने के बाद भी बाबा और झाड़-फूक के चक्कर में फंसकर उपचार में देरी करते हैं.

ब्रेन को हेल्दी रखने के लिए डाइट में शामिल करें ये चीजें-

  • अखरोट - अखरोट को दिमाग के लिए काफी अच्छा माना जाता है. इसमें विटामिन ई, कॉपर, मैंगनीज और कई पोषक तत्व पाए जाते हैं. अखरोट को डाइट में शामिल कर ब्रेन को हेल्दी रखा जा सकता है.
  • डार्क चॉकलेट - डार्क चॉकलेट में कोको होता है. कोको में एक प्रकार का एंटी-ऑक्सीडेंट होता है जिसे फ्लेवोनॉयड्स कहते हैं. एंटीऑक्सिडेंट दिमाग के स्वास्थ्य के लिए जरूरी है. डार्क चॉकलेट के सेवन से ब्रेन को हेल्दी और याददाश्त को कमजोर होने से बचा सकते हैं.
  • मछली - मछली ओमेगा-3 फैटी एसिड और पौष्टिक फैट से भरपूर है. मछली के सेवन से मस्तिष्क की कोशिकाओं को बढ़ाने में मदद मिल सकती है. मछली दिमाग को तेज और स्वस्थ रखने में मदद कर सकती है.
  • साबुत अनाज - साबुत अनाज स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है. गेहूं, ज्वार, बाजरा, ब्राउन राइस में जरूरी विटामिन और फाइबर होते हैं, जो दिमाग को हेल्दी रखने के साथ तेज भी बनाने में मदद कर सकते हैं.
  • ग्रीन टी - ग्रीन टी में एंटी-ऑक्सीडेंट्स और एमिनो एसिड जैसे तत्व पाए जाते हैं. जो हमें शांत रखने के साथ-साथ एनर्जी और मेमोरी को स्ट्रॉन्ग बनाने का काम करते हैं. ग्रीन टी पीने से दिमाग को शांत और हेल्दी रख सकते हैं.
  • अनार - अनार को स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है. अनार का जूस पीने से खून की कमी को दूर किया जा सकता है. अनार में एंटी ऑक्सीडेंट्स की भरपूर मात्रा पाई जाती है. जो हमारे दिमाग तक ऑक्सीजन पहुंचाने का काम करते हैं. अनार हमारी मेमोरी को स्ट्रॉन्ग बनाने में मदद कर सकता है.
  • चुकंदर - चुकंदर में एंटी-ऑक्सीडेंट्स, विटामिन, फाइबर के तत्व पाए जाते हैं. जो हमारे खून के बहाव को बेहतर बनाने में मददगार हो सकते हैं. चुकंदर इम्यूनिटी को मजबूत बनाने के अलावा हमारे दिमाग को हेल्दी रखने में भी मदद कर सकती है.

ब्रेन ट्यूमर के लक्षण-

  • बार-बार सिर में दर्द होना
  • याददाश्त कमजोर होना
  • शॉर्ट टर्म मेमोरी लॉस
  • दूर की नजर कमजोर होना
  • चलते-चलते अचानक लड़खड़ाना
  • उल्टी और जी घबराने की समस्या होना
  • आंखों से धुंधला दिखाई देना
  • बहुत अधिक थकान और सुस्ती होना
  • सुनने में परेशानी होना
  • नींद न आने की दिक्कत
  • मांसपेशियों में ऐंठन होना

इन लक्षणों वाले लोगों को डॉक्टर से सलाह जरूर लेनी चाहिए. एक रिपोर्ट के अनुसार बीमारी नशीली दवाइयां और शराब का अधिक सेवन करने के कारण भी इस समस्या का सामना करना पड़ सकता है. इन लक्षणों को कभी भी नजरअंदाज न करें. इन लक्षणों के दिखने पर तुरंत डॉक्टर के पास जाएं. इसका इलाज कराएं. अक्सर लोग इन लक्षणों को नजरअंदाज कर देते हैं. ये आगे जाकर एक गंभीर समस्या बन जाती है. इस बीमारी का इलाज बहुत ही जरूरी है. इसका इलाज कई अलग-अलग तरीकों से किया जाता है. सर्जरी, रेडिएशन थेरेपी और कीमोथेरपी आदि के इलाज के विकल्प हैं.

जयपुर. हर साल दुनियाभर में 8 जून को विश्व ब्रेन ट्यूमर दिवस (World Brain Tumor Day 2022 ) मनाया जाता है. इस दिन को मनाने का मकसद इस गंभीर बीमारी के प्रति जागरूकता फैलाने का है. ब्रेन ट्यूमर एक बहुत ही खतरनाक बीमारी है, जिसमें दिमाग की कोशिकाओं और ऊतकों (टीश्यू) की गांठ बन जाती है. इसे ब्रेन ट्यूमर कहा जाता है. सही वक्त पर अगर इसका इलाज न किया जाए तो ये जानलेवा साबित होती है. इसलिए लोगों को इसके खतरों के प्रति आगाह करने के मकसद से ब्रेन ट्यूमर डे मनाया जाता है.

ब्रेन ट्यूमर दिवस मनाने की शुरुआत साल 2000 से हुई थी. जर्मन ब्रेन ट्यूमर एसोसिएशन डॉयचे हिरनट्यूमरहिल्फ की ओर से इस दिन को मनाने की शुरुआत की थी. विश्व ब्रेन ट्यूमर दिवस 2022 की थीम को बीमारी के महत्व, इतिहास और इसके पैदा होने के कारण को साझा करने का मकसद दिया गया है. 50 साल से ज्यादा की उम्र के सामने आने वाला ब्रेन ट्यूमर अब युवा अवस्था में भी मे तेजी से सामने आ रहा है. छोटी उम्र में तेजी से बढ़ते मामलों को लेकर मेडिकल साइंस में कई रिसर्च हुई है, लेकिन अभी तक इसके कारणों का पता नहीं लग पाया है.

वर्ल्ड ट्यूमर डे पर विशेष

पढ़ें- 'क्यों कुछ बातें याद रह जाती हैं, और कुछ भूल जाते हैं', शोध में हुआ नया खुलासा

जयपुर के न्यूरो ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ. नितिन द्विवेदी का कहना है कि जहां एक ओर बच्चों और युवाओं में ब्रेन ट्यूमर के केसेज तेजी से बढ़ रहे हैं, वहीं एडवांस उपचार पद्धतियों के कारण सर्वाइवल रेट भी बढा है. डॉ. नितिन द्विवेदी ने बताया कि मस्तिष्क में जब असामान्य कोशिकाएं विकसित होने लगती है, तो ब्रेन ट्यूमर का रूप ले लेती है. कोशिकाओं के विकास की गति ट्यूमर के प्रकार के अनुसार अलग-अलग होती है. लेकिन इस दौरान कई लक्षण व्यक्ति में नजर आते हैं. इन लक्षणों को अगर गंभीरता के साथ लेकर समय पर चिकित्सक से सलाह ली जाए तो शुरुआती अवस्था में इसकी पहचान कर रोगी को बचाना संभव हो पाता है. जीवनशैली में आए परिवर्तन की वजह से ब्रेन ट्यूमर के अहम लक्षण सिरदर्द, याददाश्त का कमजोर होना जैसे मामले जीवनशैली का हिस्सा बनते जा रहे हैं. इन लक्षणों की समय पर पहचान और उपचार जरूरी है.

इन्हें न करें अनदेखा- बच्चों और व्यस्कों में इसके लक्षणों में काफी समानता है. इन लक्षणों में तेज या लगातार रहने वाला सिरदर्द, चलने में परेशानी, तालमेल में समस्याएं, मांसपेशियों में कमजोरी, रह-रहकर परेशानी होना, शरीर के एक तरफ कमजोरी या हाथों और पैरों की कमजोरी, चक्कर आना, उल्टी या मतली आना, चुभन महसूस करना या स्पर्श कम महसूस होना, ठीक से बोलने और समझने में परेशानी या सुध-बुध खोना, दौरे पड़ना, धुंधला दिखना, बेहोशी आना, बोलने में कठिनाई या व्यक्तित्व में बदलाव.

66 फीसदी ट्यूमर कैंसर के नहीं- डॉ. नितिन द्विवेदी ने बताया कि लोग ब्रेन ट्यूमर के नाम से डरते हैं, लेकिन यह ट्यूमर दूसरे ट्यूमर से बिल्कुल अलग होते हैं. जांच में 66 फीसदी ट्यूमर सामान्य ट्यूमर होते हैं. अतः वह कैंसर के नहीं होते हैं. 15 साल से कम उम्र के रोगियों का सर्वाइवल रेट 75 फीसदी होता है. वहीं 15 से 39 उम्र के रोगियों को में 72 फीसदी और 40 से अधिक उम्र के रोगियों में 21 फीसदी सर्वाइवल रेट होता है.

पढ़ें- Sawai Mansingh Hospital: ब्रेन स्ट्रोक के मरीजों का 3D मशीन से होगा इलाज, ऐसा करने वाला प्रदेश का पहला अस्पताल बना SMS

80 फीसदी रोगी समय पर नहीं लेते उपचार- ब्रेन ट्यूमर के लक्षणों की अनदेखी और समय पर पहचान नहीं होने के कारण 80 फीसदी से ज्यादा रोगी न्यूरो एक्सपर्ट के पास ट्यूमर के पूरी तरह से बढ़ जाने के बाद आते हैं. एडवांस स्टेज में टयूमर की पहचान होने पर उसे तुरंत प्रभाव से ऑपरेशन के जरिए उपचार दिया जाता है. कुछ केसेज में रोगी टयूमर की पहचान होने के बाद भी बाबा और झाड़-फूक के चक्कर में फंसकर उपचार में देरी करते हैं.

ब्रेन को हेल्दी रखने के लिए डाइट में शामिल करें ये चीजें-

  • अखरोट - अखरोट को दिमाग के लिए काफी अच्छा माना जाता है. इसमें विटामिन ई, कॉपर, मैंगनीज और कई पोषक तत्व पाए जाते हैं. अखरोट को डाइट में शामिल कर ब्रेन को हेल्दी रखा जा सकता है.
  • डार्क चॉकलेट - डार्क चॉकलेट में कोको होता है. कोको में एक प्रकार का एंटी-ऑक्सीडेंट होता है जिसे फ्लेवोनॉयड्स कहते हैं. एंटीऑक्सिडेंट दिमाग के स्वास्थ्य के लिए जरूरी है. डार्क चॉकलेट के सेवन से ब्रेन को हेल्दी और याददाश्त को कमजोर होने से बचा सकते हैं.
  • मछली - मछली ओमेगा-3 फैटी एसिड और पौष्टिक फैट से भरपूर है. मछली के सेवन से मस्तिष्क की कोशिकाओं को बढ़ाने में मदद मिल सकती है. मछली दिमाग को तेज और स्वस्थ रखने में मदद कर सकती है.
  • साबुत अनाज - साबुत अनाज स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है. गेहूं, ज्वार, बाजरा, ब्राउन राइस में जरूरी विटामिन और फाइबर होते हैं, जो दिमाग को हेल्दी रखने के साथ तेज भी बनाने में मदद कर सकते हैं.
  • ग्रीन टी - ग्रीन टी में एंटी-ऑक्सीडेंट्स और एमिनो एसिड जैसे तत्व पाए जाते हैं. जो हमें शांत रखने के साथ-साथ एनर्जी और मेमोरी को स्ट्रॉन्ग बनाने का काम करते हैं. ग्रीन टी पीने से दिमाग को शांत और हेल्दी रख सकते हैं.
  • अनार - अनार को स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है. अनार का जूस पीने से खून की कमी को दूर किया जा सकता है. अनार में एंटी ऑक्सीडेंट्स की भरपूर मात्रा पाई जाती है. जो हमारे दिमाग तक ऑक्सीजन पहुंचाने का काम करते हैं. अनार हमारी मेमोरी को स्ट्रॉन्ग बनाने में मदद कर सकता है.
  • चुकंदर - चुकंदर में एंटी-ऑक्सीडेंट्स, विटामिन, फाइबर के तत्व पाए जाते हैं. जो हमारे खून के बहाव को बेहतर बनाने में मददगार हो सकते हैं. चुकंदर इम्यूनिटी को मजबूत बनाने के अलावा हमारे दिमाग को हेल्दी रखने में भी मदद कर सकती है.

ब्रेन ट्यूमर के लक्षण-

  • बार-बार सिर में दर्द होना
  • याददाश्त कमजोर होना
  • शॉर्ट टर्म मेमोरी लॉस
  • दूर की नजर कमजोर होना
  • चलते-चलते अचानक लड़खड़ाना
  • उल्टी और जी घबराने की समस्या होना
  • आंखों से धुंधला दिखाई देना
  • बहुत अधिक थकान और सुस्ती होना
  • सुनने में परेशानी होना
  • नींद न आने की दिक्कत
  • मांसपेशियों में ऐंठन होना

इन लक्षणों वाले लोगों को डॉक्टर से सलाह जरूर लेनी चाहिए. एक रिपोर्ट के अनुसार बीमारी नशीली दवाइयां और शराब का अधिक सेवन करने के कारण भी इस समस्या का सामना करना पड़ सकता है. इन लक्षणों को कभी भी नजरअंदाज न करें. इन लक्षणों के दिखने पर तुरंत डॉक्टर के पास जाएं. इसका इलाज कराएं. अक्सर लोग इन लक्षणों को नजरअंदाज कर देते हैं. ये आगे जाकर एक गंभीर समस्या बन जाती है. इस बीमारी का इलाज बहुत ही जरूरी है. इसका इलाज कई अलग-अलग तरीकों से किया जाता है. सर्जरी, रेडिएशन थेरेपी और कीमोथेरपी आदि के इलाज के विकल्प हैं.

Last Updated : Jun 8, 2022, 3:17 PM IST
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