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जयपुरः 26 मई से अधीनस्थ अदालतों में शुरू होगा काम

जयपुर मेट्रोपॉलिटन की अधीनस्थ अदालतों में 26 मई से प्रशासनिक काम शुरू हो जाएगा. इस संबंध में जयपुर मेट्रो के डीजे ने सभी पीठासीन अधिकारियों को निर्देश जारी कर दिए हैं.

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26 मई से अधीनस्थ अदालतों में शुरू होगा काम
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Published : May 22, 2020, 11:55 PM IST

जयपुर. जयपुर मेट्रोपॉलिटन की अधीनस्थ अदालतों में 26 मई से प्रशासनिक काम शुरू हो जाएगा. इस संबंध में जयपुर मेट्रो के डीजे ने सभी पीठासीन अधिकारियों को निर्देश जारी कर दिए हैं. आदेश में सभी अदालतों को कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए पूर्व में दिए निर्देशों की पालना सुनिश्चित करते हुए 26 मई से नियमित तौर पर अदालतें खोलने और कर्मचारियों की उपस्थिति सुनिश्चित करने को कहा है.

आदेश में कहा गया कि कर्मचारियों की ड्यूटी रोटेशन से लगाई जाए और एक बार में 50 प्रतिशत से ज्यादा कर्मचारी उपस्थित नहीं हो. इसके अलावा वृद्ध और बीमार कर्मचारियों को भी ड्यूटी पर नहीं बुलाया जाए. वहीं उपस्थित होने वाले कर्मचारियों को भी सोशल डिस्टेंसिंग के नियम के अनुसार ही बैठाया जाए.

आदेश के अनुसार सभी अधीनस्थ अदालत हाईकोर्ट के निर्देशानुसार लंबित मामलों में दोनों पक्षों के लिखित सहमति लेकर व्हाट्सएप, वीसी या स्काइप के जरिए ऑनलाइन ही सुनवाई करेगी. वहीं दूसरी ओर हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार प्रशासन ने एक आदेश जारी कर सभी न्यायिक अधिकारियों के 1 जून से 28 जून तक के ग्रीष्मावकाश निरस्त कर दिए हैं.

पढ़ें- गहलोत सरकार ने कोटा में फंसे बच्चों को यूपी की सीमा तक भेजने के बदले यूपी सरकार को भेजा 36 लाख का बिल

इस अवधि में सभी अदालतें खुलेंगी और सिविल कोर्ट अपने कैलेंडर के अनुसार ही काम करेगा. इस अवधि में दीवानी मामलों की सुनवाई कर रही अदालत में ऐसे फौजदारी ट्रांसफर किए जाएंगे, जिन्हें अंतिम तौर पर निपटाया जा सकता है. लेकिन इन अदालतों में सुप्रीम कोर्ट या हाईकोर्ट के निर्देश वाले मामले ट्रांसफर नहीं किए जाएंगे.

जयपुर. जयपुर मेट्रोपॉलिटन की अधीनस्थ अदालतों में 26 मई से प्रशासनिक काम शुरू हो जाएगा. इस संबंध में जयपुर मेट्रो के डीजे ने सभी पीठासीन अधिकारियों को निर्देश जारी कर दिए हैं. आदेश में सभी अदालतों को कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए पूर्व में दिए निर्देशों की पालना सुनिश्चित करते हुए 26 मई से नियमित तौर पर अदालतें खोलने और कर्मचारियों की उपस्थिति सुनिश्चित करने को कहा है.

आदेश में कहा गया कि कर्मचारियों की ड्यूटी रोटेशन से लगाई जाए और एक बार में 50 प्रतिशत से ज्यादा कर्मचारी उपस्थित नहीं हो. इसके अलावा वृद्ध और बीमार कर्मचारियों को भी ड्यूटी पर नहीं बुलाया जाए. वहीं उपस्थित होने वाले कर्मचारियों को भी सोशल डिस्टेंसिंग के नियम के अनुसार ही बैठाया जाए.

आदेश के अनुसार सभी अधीनस्थ अदालत हाईकोर्ट के निर्देशानुसार लंबित मामलों में दोनों पक्षों के लिखित सहमति लेकर व्हाट्सएप, वीसी या स्काइप के जरिए ऑनलाइन ही सुनवाई करेगी. वहीं दूसरी ओर हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार प्रशासन ने एक आदेश जारी कर सभी न्यायिक अधिकारियों के 1 जून से 28 जून तक के ग्रीष्मावकाश निरस्त कर दिए हैं.

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इस अवधि में सभी अदालतें खुलेंगी और सिविल कोर्ट अपने कैलेंडर के अनुसार ही काम करेगा. इस अवधि में दीवानी मामलों की सुनवाई कर रही अदालत में ऐसे फौजदारी ट्रांसफर किए जाएंगे, जिन्हें अंतिम तौर पर निपटाया जा सकता है. लेकिन इन अदालतों में सुप्रीम कोर्ट या हाईकोर्ट के निर्देश वाले मामले ट्रांसफर नहीं किए जाएंगे.

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