जयपुर. प्रदेश में 5 साल पहले युवाओं के कौशल विकास के लिए स्किल यूनिवर्सिटी खोली गई थी, लेकिन अब यही यूनिवर्सिटी अपने विकास के लिए तरस रही है. दो साल से यह यूनिवर्सिटी कार्यवाहक कुलपति के भरोसे है. अभी अलवर यूनिवर्सिटी के कुलपति (Acting Vice Chancellor JP Yadav) प्रोफेसर जे. पी. यादव कार्यवाहक वाइस चांसलर हैं.
औंधे मुंह कौशल विकास : राजस्थान में शिक्षित बेरोजगारों को कौशल विकास की ट्रेनिंग देने की महत्वाकांक्षी याेजना (Rajasthan Skill Development Yojana) औंधे मुंह गिरी पड़ी है. स्किल यूनिवर्सिटी में रजिस्ट्रार की बात करें ताे वह दाे विश्वविद्यालयों का काम एक साथ देख रहे हैं. साल 2017 में शुरू हुई स्किल यूनिवर्सिटी में सबसे पहले पूर्व आईएएस ललित के. पंवार काे कुलपति बनाया गया था. जुलाई 2020 में उनका कार्यकाल पूरा होने पर कार्यवाहक कुलपति लगाया गया. अब तक व्यवस्था कामचलाऊ सिस्टम पर है.
इस बीच तब्दीली के नाम पर हुआ कि यूनिवर्सिटी खासाकोठी से शिक्षा संकुल में किराए की बिल्डिंग में आ गई. 2019 से लेकर 2022 तक स्किल यूनिवर्सिटी ने प्रदेश के 24 उच्च शिक्षण संस्थानों से MOU भी किए, लेकिन उनसे भी ना छात्र संख्या बढ़ पाई, ना ही संबद्ध कॉलेजों की संख्या. यूनिवर्सिटी का मकसद था कि MOU के जरिए वहां के छात्रों को जोड़कर स्किल डेवलपमेंट के कोर्स (Unemployment Skill Training Program) कराने का था.
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अब स्किल यूनिवर्सिटी की अनदेखी : अशोक गहलोत सरकार के पिछले कार्यकाल में भीमराव अम्बेडकर लॉ यूनिवर्सिटी और हरिदेव जोशी पत्रकारिता विश्वविद्यालय की शुरुआत की गई थी. पिछली भाजपा सरकार ने दाेनाें को बंद कर दिया था. इसी तरह से स्किल यूनिवर्सिटी प्रोजेक्ट पिछली सरकार की देन है, लेकिन अब इसकी अनदेखी हो रही है. स्किल यूनिवर्सिटी का बोर्ड कैंपस में ही उल्टा गिरा है, लेकिन इसे सीधा करने वाला तक कोई नहीं. यह झाड़ियाें में फेंका गया है. वहीं, एंट्रेंस गेट पर भी एक बोर्ड गिरा हुआ है. इसी तरह हालात यह है कि यूनिवर्सिटी फैशन डिजाइन जैसे 43 काेर्स करवाती है. पहले 80 कोर्स थे. छह में तो अब एक भी प्रवेश नहीं है. बीवाॅन इंडस्ट्रियल इलेक्ट्रिकल, पीजी डिप्लोमा इन इंटरनेट ऑफ थिंग्स, डाटा एनालिटिक्स जैसे 6 कोर्स में एक भी एडमिशन नहीं है.
17 लाख रजिस्टर्ड बेरोजगार : प्रदेश में 17 लाख रजिस्टर्ड बेरोजगार हैं. आरएसएलडीसी की ओर से संचालित स्किल ट्रेनिंग के तहत अब तक 5.05 लाख युवाओं को ट्रेनिंग दी गई. इसमें वर्तमान सरकार के कार्यकाल में 1.95 लाख युवाओं को ट्रेनिंग मिली. 14 हजार अभी वेटिंग लिस्ट में हैं. 2.12 लाख ट्रेंड युवाओं को रोजगार के अवसर मिले. सीएमईआई के आंकड़े बताते हैं कि जुलाई में देश में सबसे अधिक 26.9% बेरोजगारी दर हरियाणा में रही. दूसरे नंबर पर 20.2% के साथ जम्मू और कश्मीर है. प्रदेश के लिए चिंता यह है कि पिछले 34 महीने में यह एक बार भी 10% से नीचे नहीं आई.