ETV Bharat / city

ईटीवी भारत पर विशेष चर्चाः प्रदेश में क्यों बढ़ रहा महिला अपराध का ग्राफ, कैसे करें समाधान? - Rajasthan Political News

राजस्थान में हाल के दौर में महिलाओं के प्रति अपराध के आंकड़ों में बढ़ोतरी को लेकर राजनीतिक गलियारों में आरोप-प्रत्यारोप का दौर तेज हो चुका है. यहां तक की तीन विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव में भी सरकार को विरोधी दल इस नजरिये से घेर रहे हैं. ऐसे हालात में ईटीवी भारत राजस्थान ने जयपुर ब्यूरो ऑफिस पर अलग-अलग क्षेत्रों की महिलाओं के साथ बढ़ते अपराध के कारण और इनके समाधान को लेकर चर्चा की.

ईटीवी भारत की विशेष चर्चा, Female safety
ईटीवी भारत की विशेष चर्चा
author img

By

Published : Apr 10, 2021, 10:58 PM IST

Updated : Apr 11, 2021, 3:31 PM IST

जयपुर. ईटीवी भारत राजस्थान पर महिला सुरक्षा और बढ़ते अपराधों के कारण और इनके समाधान को लेकर चर्चा हुई, जिसमें भाग लेने आये मेहमानों ने साफ तौर पर सामाजिक परिदृश्य में बदलाव पर बल देने के साथ ही शुरुआती शिक्षा के ढांचे में बदलाव पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि महिलाओं को सुरक्षित बनाने के लिये नियम-कायदे और कानून बनाने से काम नहीं चलेगा, बल्कि इन पर प्रभावी अमल भी जरूरी है.

ईटीवी भारत की विशेष चर्चा

राजस्थान में हाल के दौर में महिलाओं के प्रति अपराध के आंकड़ों में बढ़ोतरी को लेकर राजनीतिक गलियारों में आरोप-प्रत्यारोप का दौर तेज हो चुका है. यहां तक की तीन विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव में भी सरकार को विरोधी दल इस नजरिये से घेर रहे हैं. ऐसे हालात में ईटीवी भारत राजस्थान ने जयपुर ब्यूरो ऑफिस पर अलग-अलग क्षेत्रों की महिलाओं के साथ बढ़ते अपराध के कारण और इनके समाधान को लेकर चर्चा की.

यह भी पढ़ेंः दृढ़ इच्छा शक्ति से ही लक्ष्य की प्राप्ति की जा सकती है, फेल होने से कभी नहीं डरें: NSA अजीत डोभाल

इस दौरान 'बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ' अभियान की ब्रान्ड एम्बेसडर डॉ. अनुपमा सोनी, उमा फाउंडेशन की संस्थापक डॉ. सुनीता शर्मा, फोर्टी वीमेन विंग की उपाध्यक्ष हेमा हरचंदानी, शिक्षाविद् मनीषा सिंह और छात्र नेता और सामाजिक कार्यकर्ता बुलबुल पाठक ने हिस्सा लिया.

ईटीवी भारत की विशेष चर्चा- 2

ईटीवी भारत की तरफ से आयोजित इस विशेष चर्चा में शामिल महिलाओं ने ये माना कि लगातार शिक्षा और जागरूकता की मुहिम के बावजूद महिलाओं को लेकर सुरक्षा की भावना में अब तक कोई बदलाव नहीं आया है, बल्कि साल दर साल नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो की तरफ से आने वाले डेटा में इन आंकड़ों में इजाफा ही दर्ज किया जाता रहा है. जाहिर है कि महिलाओं के प्रति छेड़छाड़ और दुष्कर्म जैसी वारदातों में बीते तीन सालों के दौरान बढ़ोतरी दर्ज की गई है.

ईटीवी भारत की विशेष चर्चा- 3

डॉ. अनुपमा सोनी ने ये बताया कि सरकारी कैम्पेन के बावजूद सरकारी मशीनरी में भी अब जागरूकता की मुहिम चलाये जाने की जरूरत है, ताकि महिला सुरक्षा जैसे बुनियादी मुद्दे पर बेहतर तरीके से काम किया जा सके. उन्होंने कहा कि निर्भया फंड का भी सरकारों को महिला सुरक्षा के लिये सही से इस्तेमाल करना चाहिए, नहीं तो ऐसे मकसद का नतीजा नहीं निकल सकेगा. उन्होंने कहा कि सुरक्षा का नजरिया समाज के लिये काफी अहम है और इसे लेकर सभी को मिलकर काम करना होगा.

यह भी पढ़ेंः सहाड़ा में सिंधिया के प्रचार पर डोटासरा का तंज, कहा- उनको मंत्री बनाने का जो आश्वासन मिला था उसका क्या हुआ

वहीं, डॉक्टर सुनीता शर्मा ने कहा कि बच्चों को शिक्षित करने की जिम्मेदारी सिर्फ स्कूलों की नहीं है, समाज और विशेष रूप से माता-पिता महिला-पुरुष के भेद को खत्म करने के साथ- साथ इस बारे में शिक्षित करने पर ध्यान देना चाहिए. लगातार गैजेट फ्रेंडली होते बच्चों को पोर्नोग्राफी से बचाकर सही तरीक से आगे बढ़ाने की बात करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि कोविड और लॉकडाउन के कारण समाज में विकृति ज्यादा आई है और उसके कारण भी कहीं ना कहीं जो आंकड़े हैं, उनकी संख्या बढ़ रही है.

ईटीवी भारत की विशेष चर्चा- 4

फोर्टी की उपाध्यक्ष हेमा हरचंदानी ने #ME_TOO जैसे अभियानों की तारीफ की और कहा कि ऐसी मुहिम कहीं ना कहीं अपराधों को बेनकाब करने में ज्यादा कारगर रही है. उन्होंने कॉर्पोरेट्स में अपने तजुर्बे की बात की और बताया कि नियम कायदे सिर्फ दिखाने के लिये लागू किये जाते हैं, वे अमल में आ रहे हैं या नहीं, इसकी देख-रेख करने के लिये कोई नहीं होता है.

इस चर्चा के दौरान छात्र नेता बुलबुल पाठक ने ये कहा कि सरकार का दावा गलत है कि रिपोर्ट ज्यादा दर्ज होने से आंकड़े बढ़ रहे हैं. आज भी महिलाएं थाने पर आकर शिकायत देने से हिचकती हैं. शिक्षाविद् मनीषा सिंह ने कहा कि हमेशा महिलाओं को दबकर रहने की शिक्षा परिवार के लोग देते हैं, यही कारण है कि छोटी-छोटी बातों को नजरअंदाज करना महिलाओं के प्रति बढ़ते अपराध का कारण बनकर सामने आता है.

यह भी पढ़ेंः खुद को राजस्थान का तथाकथित गांधी कहने वाले CM गहलोत को भरी दोपहरी में लालटेन लेकर ढूंढ रहे हैं: सांसद मीणा

ईटीवी भारत पर महिला सुरक्षा और बढ़ते अपराधों के प्रति अंकुश को लेकर भाग लेने आये मेहमानों ने साफ तौर पर सामाजिक परिदृश्य में बदलाव पर बल देने के साथ ही शुरुआती शिक्षा के ढांचे में बदलाव पर भी जोर दिया. उन्होंने कहा कि महिलाओं को सुरक्षित बनाने के लिये नियम-कायदे और कानून बनाने से काम नहीं चलेगा, बल्कि इन पर प्रभावी अमल भी जरूरी है.

राजस्थान में प्रशासनिक और पुलिस महकमे के नजरिये में बदलाव को लेकर भी इन महिलाओं ने बताया कि सब पर असरदार मॉनिटरिंग की जरूरत है. महिलाओं को आत्मसुरक्षा के लिहाज से मजबूत बनाने पर काम करना होगा ना कि बाहर निकलने पर चेतावनी और पहरों के जरिए उसे सुरक्षित महसूस करने की भावना पैदा करनी होगी.

जयपुर. ईटीवी भारत राजस्थान पर महिला सुरक्षा और बढ़ते अपराधों के कारण और इनके समाधान को लेकर चर्चा हुई, जिसमें भाग लेने आये मेहमानों ने साफ तौर पर सामाजिक परिदृश्य में बदलाव पर बल देने के साथ ही शुरुआती शिक्षा के ढांचे में बदलाव पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि महिलाओं को सुरक्षित बनाने के लिये नियम-कायदे और कानून बनाने से काम नहीं चलेगा, बल्कि इन पर प्रभावी अमल भी जरूरी है.

ईटीवी भारत की विशेष चर्चा

राजस्थान में हाल के दौर में महिलाओं के प्रति अपराध के आंकड़ों में बढ़ोतरी को लेकर राजनीतिक गलियारों में आरोप-प्रत्यारोप का दौर तेज हो चुका है. यहां तक की तीन विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव में भी सरकार को विरोधी दल इस नजरिये से घेर रहे हैं. ऐसे हालात में ईटीवी भारत राजस्थान ने जयपुर ब्यूरो ऑफिस पर अलग-अलग क्षेत्रों की महिलाओं के साथ बढ़ते अपराध के कारण और इनके समाधान को लेकर चर्चा की.

यह भी पढ़ेंः दृढ़ इच्छा शक्ति से ही लक्ष्य की प्राप्ति की जा सकती है, फेल होने से कभी नहीं डरें: NSA अजीत डोभाल

इस दौरान 'बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ' अभियान की ब्रान्ड एम्बेसडर डॉ. अनुपमा सोनी, उमा फाउंडेशन की संस्थापक डॉ. सुनीता शर्मा, फोर्टी वीमेन विंग की उपाध्यक्ष हेमा हरचंदानी, शिक्षाविद् मनीषा सिंह और छात्र नेता और सामाजिक कार्यकर्ता बुलबुल पाठक ने हिस्सा लिया.

ईटीवी भारत की विशेष चर्चा- 2

ईटीवी भारत की तरफ से आयोजित इस विशेष चर्चा में शामिल महिलाओं ने ये माना कि लगातार शिक्षा और जागरूकता की मुहिम के बावजूद महिलाओं को लेकर सुरक्षा की भावना में अब तक कोई बदलाव नहीं आया है, बल्कि साल दर साल नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो की तरफ से आने वाले डेटा में इन आंकड़ों में इजाफा ही दर्ज किया जाता रहा है. जाहिर है कि महिलाओं के प्रति छेड़छाड़ और दुष्कर्म जैसी वारदातों में बीते तीन सालों के दौरान बढ़ोतरी दर्ज की गई है.

ईटीवी भारत की विशेष चर्चा- 3

डॉ. अनुपमा सोनी ने ये बताया कि सरकारी कैम्पेन के बावजूद सरकारी मशीनरी में भी अब जागरूकता की मुहिम चलाये जाने की जरूरत है, ताकि महिला सुरक्षा जैसे बुनियादी मुद्दे पर बेहतर तरीके से काम किया जा सके. उन्होंने कहा कि निर्भया फंड का भी सरकारों को महिला सुरक्षा के लिये सही से इस्तेमाल करना चाहिए, नहीं तो ऐसे मकसद का नतीजा नहीं निकल सकेगा. उन्होंने कहा कि सुरक्षा का नजरिया समाज के लिये काफी अहम है और इसे लेकर सभी को मिलकर काम करना होगा.

यह भी पढ़ेंः सहाड़ा में सिंधिया के प्रचार पर डोटासरा का तंज, कहा- उनको मंत्री बनाने का जो आश्वासन मिला था उसका क्या हुआ

वहीं, डॉक्टर सुनीता शर्मा ने कहा कि बच्चों को शिक्षित करने की जिम्मेदारी सिर्फ स्कूलों की नहीं है, समाज और विशेष रूप से माता-पिता महिला-पुरुष के भेद को खत्म करने के साथ- साथ इस बारे में शिक्षित करने पर ध्यान देना चाहिए. लगातार गैजेट फ्रेंडली होते बच्चों को पोर्नोग्राफी से बचाकर सही तरीक से आगे बढ़ाने की बात करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि कोविड और लॉकडाउन के कारण समाज में विकृति ज्यादा आई है और उसके कारण भी कहीं ना कहीं जो आंकड़े हैं, उनकी संख्या बढ़ रही है.

ईटीवी भारत की विशेष चर्चा- 4

फोर्टी की उपाध्यक्ष हेमा हरचंदानी ने #ME_TOO जैसे अभियानों की तारीफ की और कहा कि ऐसी मुहिम कहीं ना कहीं अपराधों को बेनकाब करने में ज्यादा कारगर रही है. उन्होंने कॉर्पोरेट्स में अपने तजुर्बे की बात की और बताया कि नियम कायदे सिर्फ दिखाने के लिये लागू किये जाते हैं, वे अमल में आ रहे हैं या नहीं, इसकी देख-रेख करने के लिये कोई नहीं होता है.

इस चर्चा के दौरान छात्र नेता बुलबुल पाठक ने ये कहा कि सरकार का दावा गलत है कि रिपोर्ट ज्यादा दर्ज होने से आंकड़े बढ़ रहे हैं. आज भी महिलाएं थाने पर आकर शिकायत देने से हिचकती हैं. शिक्षाविद् मनीषा सिंह ने कहा कि हमेशा महिलाओं को दबकर रहने की शिक्षा परिवार के लोग देते हैं, यही कारण है कि छोटी-छोटी बातों को नजरअंदाज करना महिलाओं के प्रति बढ़ते अपराध का कारण बनकर सामने आता है.

यह भी पढ़ेंः खुद को राजस्थान का तथाकथित गांधी कहने वाले CM गहलोत को भरी दोपहरी में लालटेन लेकर ढूंढ रहे हैं: सांसद मीणा

ईटीवी भारत पर महिला सुरक्षा और बढ़ते अपराधों के प्रति अंकुश को लेकर भाग लेने आये मेहमानों ने साफ तौर पर सामाजिक परिदृश्य में बदलाव पर बल देने के साथ ही शुरुआती शिक्षा के ढांचे में बदलाव पर भी जोर दिया. उन्होंने कहा कि महिलाओं को सुरक्षित बनाने के लिये नियम-कायदे और कानून बनाने से काम नहीं चलेगा, बल्कि इन पर प्रभावी अमल भी जरूरी है.

राजस्थान में प्रशासनिक और पुलिस महकमे के नजरिये में बदलाव को लेकर भी इन महिलाओं ने बताया कि सब पर असरदार मॉनिटरिंग की जरूरत है. महिलाओं को आत्मसुरक्षा के लिहाज से मजबूत बनाने पर काम करना होगा ना कि बाहर निकलने पर चेतावनी और पहरों के जरिए उसे सुरक्षित महसूस करने की भावना पैदा करनी होगी.

Last Updated : Apr 11, 2021, 3:31 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.