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5 माह के बाद देवउठनी एकादशी पर अनलॉक होगी शादियां, जानें शुभ मुहूर्त

कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी का विशेष महत्व होता है. इस एकादशी को देवउठनी एकादशी के नाम से जाता है. देवउठनी एकादशी के बारे में मान्यता है कि भगवान विष्णु चार महीने की योगनिद्रा के बाद इसी तिथि पर जागते हैं. देवउठनी पर भगवान विष्णु के जागने के बाद सभी तरह के मांगलिक कार्य आरंभ हो जाते हैं.

Weddings starts Dev Uthani Ekadashi, देवउठनी एकादशी का शुभ मुहूर्त
देवउठनी एकादशी का शुभ मुहूर्त
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Published : Nov 24, 2020, 4:01 PM IST

जयपुर. चातुर्मास और अधिकमास के चलते पिछले 5 महीने से शादियों पर लगा लॉक कल से अनलॉक होगा. देवउठनी एकादशी पर तुलसी शालिग्राम के विवाह के साथ फिर से शहनाइयों की गूंज सुनाई देगी. इस वर्ष के अंतिम दो माह नवंबर और दिसंबर में सिर्फ 8 शादियों के शुभ लग्न मुहूर्त है. जिसके तहत जयपुर में करीब 3 हजार शादियां होगी.

देवउठनी एकादशी का शुभ मुहूर्त

ज्योतिष आचार्य पंडित पुरुषोत्तम गौड़ ने बताया कि, इस माह 25, 27 और 30 नवंबर को शुभ मुहूर्त रहेगा. तो वहीं अगले महीने में 1, 7, 9, 10 और 11 दिसंबर को शुभ लग्न में शादी-ब्याह होंगे. उसके बाद फिर से 15 दिसंबर से 14 जनवरी तक मलमास चलेगा. इसके बाद 17 जनवरी से 15 फरवरी के बीच देव गुरु अस्त रहेंगे. यह पुराक्रम जनवरी से लेकर मार्च तक चलेगा. इसके बाद 25 अप्रैल से ही विवाह के शुभ मुहूर्त होंगे.

पढ़ें- Special : भगवान श्री कृष्ण के नाती और बाणासुर की पुत्री के प्रेम का प्रतीक है बयाना का उषा मंदिर...पड़ती है सूर्य की पहली किरण

नवंबर-दिसंबर में होने वाली शादियों में कोरोना के चलते ना पहले सी कोई धूमधाम है ना तो उतने मेहमान और ना ही सड़को पर बारात, निकासी, घोड़ी, बैंड बाजे पर नाच होगा. कारण की, बैंडबाजों और बारात को लेकर राज्य सरकार की ने रोक लगा रखी है. सिर्फ विवाह स्थल पर सीमित संख्या में मेहमानों के साथ ब्याह आयोजित होंगे.

जयपुर. चातुर्मास और अधिकमास के चलते पिछले 5 महीने से शादियों पर लगा लॉक कल से अनलॉक होगा. देवउठनी एकादशी पर तुलसी शालिग्राम के विवाह के साथ फिर से शहनाइयों की गूंज सुनाई देगी. इस वर्ष के अंतिम दो माह नवंबर और दिसंबर में सिर्फ 8 शादियों के शुभ लग्न मुहूर्त है. जिसके तहत जयपुर में करीब 3 हजार शादियां होगी.

देवउठनी एकादशी का शुभ मुहूर्त

ज्योतिष आचार्य पंडित पुरुषोत्तम गौड़ ने बताया कि, इस माह 25, 27 और 30 नवंबर को शुभ मुहूर्त रहेगा. तो वहीं अगले महीने में 1, 7, 9, 10 और 11 दिसंबर को शुभ लग्न में शादी-ब्याह होंगे. उसके बाद फिर से 15 दिसंबर से 14 जनवरी तक मलमास चलेगा. इसके बाद 17 जनवरी से 15 फरवरी के बीच देव गुरु अस्त रहेंगे. यह पुराक्रम जनवरी से लेकर मार्च तक चलेगा. इसके बाद 25 अप्रैल से ही विवाह के शुभ मुहूर्त होंगे.

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नवंबर-दिसंबर में होने वाली शादियों में कोरोना के चलते ना पहले सी कोई धूमधाम है ना तो उतने मेहमान और ना ही सड़को पर बारात, निकासी, घोड़ी, बैंड बाजे पर नाच होगा. कारण की, बैंडबाजों और बारात को लेकर राज्य सरकार की ने रोक लगा रखी है. सिर्फ विवाह स्थल पर सीमित संख्या में मेहमानों के साथ ब्याह आयोजित होंगे.

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