जयपुर. गुजरात की नर्मदा नदी के पानी को लेकर हुई बैठक में प्रदेश की आशा के अनुरूप कोई नतीजा नहीं निकल पाया. नर्मदा के पानी पर राजस्थान का भी हक है और गुजरात उसके हिस्से का पूरा पानी नहीं दे रहा है. इस मामले को लेकर राजस्थान के जल संसाधन विभाग के अधिकारी और गुजरात के अधिकारियों के बीच एक बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई.
राज्य के जालोर, सांचौर और बाड़मेर के किसानों की जीवन रेखा बनी नर्मदा नहर के पानी को लेकर राजस्थान और गुजरात आमने सामने हो गए हैं. गुरुवार को नर्मदा कंट्रोल बोर्ड और राजस्थान के जल संसाधन विभाग के अफसरों के बीच वीडियो कॉन्फ्रेसिंग से नर्मदा के पानी को लेकर चर्चा हुई. बैठक में राजस्थान के जल संसाधन विभाग के अधिकारी नर्मदा से मिल रहे कम पानी की समस्या का समाधान नहीं करा सके.
नर्मदा के पानी को लेकर दोनों ही राज्यों के अधिकारियों के बीच नोकझोंक भी हुई. वीडियो कॉन्फ्रेसिंग में राजस्थान व गुजरात के अधिकारी एक दूसरे राज्य के पानी लेने के सिस्टम को गलत-सही बताते रहे. राजस्थान की ओर से जल संसाधन विभाग के ओएसडी धीरज जौहरी, मुख्य अभियंता जोधपुर समेत कई अधिकारी वीडियो कॉन्फ्रसिंग में शामिल थे. बैठक एक घंटे से ज्यादा समय तक चली. इसके बाद बिना किसी समाधान के खत्म हो गई.
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नर्मदा के पानी को लेकर होने वाली बैठक पर सुखराम विश्नोई ने भी ट्वीट किया था. अपने ट्वीट में सुखराम बिश्नोई ने कहा था कि आखिरकार हमारे प्रयास रंग ला रहे हैं. राजस्थान को उसके हक का नर्मदा नहर का पानी गुजरात नहीं दे रहा है और इसी मामले को लेकर राजस्थान सरकार गुजरात व केंद्र सरकार पर लगातार दबाव बना रही है, उसी का नतीजा है कि नर्मदा कंट्रोल अथॉरिटी ने गुरुवार को बैठक बुलाई है.
नर्मदा नहर से राजस्थान के जालोर, सांचौर और बाड़मेर को पानी मिलता है. इस साल नर्मदा नहर से किसानों की जरूरत का पानी नहीं मिला है. नहर से इन दो जिलों में 2 लाख 86 हजार हेक्टेयर में सिंचाई होती है.