जयपुर. अतिरिक्त मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट क्रम 2, महानगर प्रथम ने बीवीजी कंपनी को 276 करोड़ रुपए के बकाया भुगतान के बदले बीस करोड़ रुपए की रिश्वत मांगने के मामले में पूर्व मेयर के पति राजाराम गुर्जर और कंपनी के प्रतिनिधि ओमकार सप्रे की वॉयस सैंपल लेने के एसीबी के प्रार्थना पत्र पर सुनवाई पूरी कर ली है. अदालत प्रार्थना पत्र पर 16 जुलाई को फैसला देगी.
पढ़ेंः ACB ने राजाराम और ओमकार सप्रे के वॉयस सैंपल की मांगी अनुमति
प्रार्थना पत्र में कहा गया है कि जब्त की गई पेन ड्राइव में आरोपी राजाराम और ओमकार सप्रे और अन्य की रिश्वत के संबंध में हुई बातचीत दर्ज है. दोनों आरोपियों ने वॉयस सैंपल देने से इनकार किया है. इसलिए दोनों आरोपियों से वॉयस सैंपल लेकर उनकी एफएसएल जांच करानी है. दोनों आरोपी न्यायिक हिरासत में हैं. इसलिए दोनों के वॉयस सैंपल लेने की मंजूरी दी जाए. जिसका विरोध करते हुए राजाराम के अधिवक्ता जितेन्द्र राठौड़ ने कहा कि एसीबी के पास मूल ऑडियो-वीडियो नहीं है.
ऐसे में वह आवाज का मिलान कैसे करेगी. इसके अलावा प्रकरण एसीबी अधिनियम के तहत दर्ज हुआ है. इसलिए प्रकरण में कार्रवाई करने का अधिकार सिर्फ एसीबी की विशेष अदालत को ही है. सामान्य अदालत एसीबी मामले को लेकर सुनवाई नहीं कर सकती है. इसलिए एसीबी के प्रार्थना पत्र को खारिज किया जाए. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने प्रार्थना पत्र पर 16 जुलाई को फैसला देना तय किया है.
गौरतलब है कि मामले में एसीबी ने राजाराम गुर्जर व ओमकार सप्रे को 29 जून को गिरफ्तार किया था. जबकि मामले में दो अन्य आरोपी निंबाराम और संदीप चौधरी की गिरफ्तारी नहीं हुई है.