जयपुर. राष्ट्रीय क्षय नियंत्रण कार्यक्रम के तहत चिकित्सा विभाग ने करीब 3 साल पहले 4 गाड़ियां खरीदी थी, जिनमें टीबी के इलाज और जांच के लिए मशीनें इंस्टॉल की गई थी. इन गाड़ियों का आरसी रजिस्ट्रेशन राजस्थान ट्रांसफर नहीं हो पाया. जिस कारण आज भी ये गाड़ियां स्वास्थ्य भवन में खड़ी है और धूल फांक रही है. करोड़ों रुपए की कीमत से खरीदी गई इन गाड़ियों का कोई उपयोग हो ही नहीं पाया है.
बता दें कि चिकित्सा विभाग के स्टेट टीबी सेल की ओर से राजस्थान के अलग-अलग क्षेत्रों में टीबी की जांच और इलाज हो सके, इसके लिए गाड़ियां खरीद कर उनमें टीबी की जांच और इलाज के लिए मशीनें लगाई गई. जिससे आमजन तक टीबी का इलाज आसानी से पहुंच सके, लेकिन दुर्भाग्य ये है कि गाड़ियां खरीदे 3 साल बीत गया है. ये गाड़ियां आज भी स्वास्थ्य भवन में खड़ी हैं और धूल खा रही है.
चारों गाड़ियां स्वास्थ्य भवन में फांक रही धूल
वहीं विभाग के अधिकारियों का कहना है कि तीन गाड़ियां उत्तर प्रदेश और एक गाड़ी दिल्ली से केंद्र सरकार की ओर से भेजी गई थी. जिनमें से उत्तर प्रदेश की गाड़ियों का आरसी रजिस्ट्रेशन राजस्थान ट्रांसफर नहीं हो पाया. जिस वजह से इन्हें काम में नहीं लिया गया. वहीं दिल्ली से खरीदी गई गाड़ी पिछले 2 महीने से खड़ी है, क्योंकि इस गाड़ी पर काम कर रहा ड्राइवर रिटायर हो गया. अभी तक नया ड्राइवर नहीं नियुक्त नहीं हो पाया है.
विभाग के अधिकारियों ने ये भी कहा कि कई बार कागजात उत्तर प्रदेश आरटीओ कार्यालय में भेजे गए. लेकिन कोई जवाब नहीं आया. इन गाड़ियों का उपयोग टीबी के इलाज के लिए होना था. चिकित्सा अधिकारियों का कहना है कि राजस्थान के अलग-अलग क्षेत्रों में टीबी से जुड़ी जांच और इलाज संभव हो, इसलिए ये गाड़ियां खरीदी गई. राजस्थान के डूंगरपुर, प्रतापगढ़ और बांसवाड़ा जिले भी शामिल थे. लेकिन आरसी रजिस्ट्रेशन ट्रांसफर नहीं होने के चलते पिछले 3 सालों से ये गाड़ियां स्वास्थ्य भवन में खड़ी हुई है और जंग खा रही हैं.