जयपुर. प्रदेश में बेरोजगारों के लीडर उपेन यादव ने पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा पर षड्यंत्र के तहत उन्हें जेल भेजने का आरोप (Upen Attacks Dotasra) लगाया है. बेरोजगार एकीकृत महासंघ अध्यक्ष ने कहा है कि कांग्रेस कार्यालय पर प्रदर्शन के दौरान उन्हें और उनके कुछ साथियों को गिरफ्तार किया गया. उन सब के खिलाफ संजय सर्किल और विधायक पुरी थाने में विभिन्न धाराओं में केस दर्ज करा जेल भेजा गया. गुरुवार, 23 जून को उपेन और उनके साथी कोर्ट से जमानत मिलने के बाद रिहा (Upen Yadav Released after 8 days) हुए.
रिहा होने के बाद जेल फिर जमानत: उपेन यादव पर को कांग्रेस कार्यालय के बाहर प्रदर्शन का दोषी मानते हुए हिरासत में ले बाद में 3 मामलों गिरफ्तार कर लिया था. उन्हें बुधवार को 8 दिन बाद तीन मामलों में जमानत मिली तो चौथे में विधायक पुरी थाना पुलिस ने फिर गिरफ्तार कर लिया. इससे पहले उन्हें बुधवार को ही 2 मामलों में और गुरुवार को 1 मामले में सेशन कोर्ट से जमानत मिली थी. राजकार्य में बाधा डालने के मामले में आखिर में जमानत मिली. रिहा होने के बाद ही वो गोविंद सिंह डोटासरा के खिलाफ मुखर हुए.
क्यों हुई थी गिरफ्तारी?: राजस्थान में लंबित भर्तियों की मांगों को लेकर बेरोजगार उपेन यादव की अगुआई में प्रदर्शन कर रहे थे. प्रदेश के बेरोजगारों ने पिछले दिनों शहीद स्मारक पर अपनी विभिन्न मांगों को लेकर धरना दिया. बेरोजगारों की मांग पर सरकार ने आश्वस्त भी किया. लेकिन आरोप है कि कोरे आश्वासन के बाद धरातल पर कुछ किया नहीं गया. फिर बेरोजगार एकीकृत महासंघ के अध्यक्ष उपेन यादव के नेतृत्व में विरोध प्रदर्शन शुरू हुआ. कांग्रेस कार्यालय के बाहर उपेन यादव अपने साथियों के साथ डटे रहे. यहां पुलिस और बेरोजगारों के बीच काफी झड़प भी हुई. बेरोजगारों पर लाठियां भी चलीं. इसके बाद कई धाराओं में सैकड़ों बेरोजगार युवाओं पर मुकदमा दर्ज किया गया.
मुकदमा दर्ज: कांग्रेस कार्यालय के बाहर प्रदर्शन के दौरान ही उपेन यादव सहित कुछ अन्य साथियों को भी गिरफ्तार किया गया और संजय सर्किल व विधायक पुरी थाने में विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जेल में डाल दिया गया.जिसके बाद उपेन यादव को 8 दिन जेल में बिताने पड़े. कोर्ट से मिली जमानत के बाद उपेन यादव ने गिरफ्तारी का पूरा ठीकरा कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा पर डाल दिया. उन्होंने षड्यंत्र का आरोप लगाते हुए कहा- पुलिस ने सरकार के दबाव में आकर बेमतलब हमारे ऊपर मुकदमा दर्ज किए गए और जेल में रहने के दौरान मानसिक तौर पर प्रताड़ित भी किया गया. लेकिन अब प्रदेश का युवा बेरोजगार जेल और पुलिस की लाठियों से डरने वाला नहीं है, इसका पता सरकार को आने वाले चुनाव में चल जाएगा.