जयपुर. यूनेस्को की विश्व विरासत सूची में शामिल होने के बाद जयपुर के परकोटे को संवारने के लिए सरकार ने परकोटे में ड्रोन सर्वे कराया. जिसमें 90 फीसदी इमारतों के साथ छेड़छाड़ होना सामने आया है. जिन्हें निगम की ओर से दीपावली बाद नोटिस थमाए जाने का दावा किया गया था, लेकिन नगर निगम प्रशासन की सुस्त चाल से अब तक मौके पर पहुंचकर अवैध निर्माण और अतिक्रमण का चिन्हीकरण तक नहीं किया गया.
हालांकि निगम की इस लेटलतीफी पर यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल विभागीय अधिकारियों के बचाव में उतरे हैं. उन्होंने शहर की आबादी का हवाला देकर कहा कि जयपुर में 40 लाख आबादी रहती है, ऐसे में टाइम तो लगता ही है. उन्होंने कहा कि ड्रोन से जो नक्शे बनवाए हैं, उनमें तीन तरह के अतिक्रमण सामने आए हैं. एक बहुत अधिक, दूसरा मध्यम और तीसरा मामूली स्तर पर अवैध निर्माण और अतिक्रमण किया गया हैं.
यूडीएच मंत्री ने कहा कि जहां अनियमितता ज्यादा है, उन्हें सबसे पहले नोटिस दिए जाएंगे. उन्होंने कहा कि इमारतों को दुरुस्त करने का टाइम दिया जाएगा. इसके बाद निगम प्रशासन की ओर से कार्रवाई की जाएगी. जिसके तहत पहले चरण में बाजारों से अतिक्रमण हटाए जाएंगे.
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फिलहाल अवैध निर्माण, अस्थाई अतिक्रमण और अन्य बदलाव की ड्रोन तस्वीरों का विश्लेषण किया जा रहा है. अलग-अलग रिपोर्ट तैयार की जा रही हैं. हालांकि निगम प्रशासन की रफ्तार धीमी है, लेकिन ये बात तय है कि फसाड़ वर्क से छेड़छाड़ करने वालों को अब बख्शा नहीं जाएगा.