जयपुर. प्रदेश को अधिक राजस्व देने वाले विभागों में परिवहन विभाग भी शामिल है. राज्य सरकार की ओर से परिवहन विभाग को राजस्व में पांचवें नंबर का दर्जा भी दिया गया है. इस वित्तीय वर्ष में परिवहन विभाग को ₹6000 करोड़ का राजस्व हासिल करना है. लेकिन कोविड-19 की वजह से अभी तक परिवहन अपने राजस्व लक्ष्य में अभी काफी पीछे चल रहा है. विभाग से जुड़े वरिष्ठ अधिकारियों की मानें तो अभी तक 3300 करोड़ रुपए के लगभग राजस्व हासिल किया जा चुका है.
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वहीं राजस्व लक्ष्य हासिल करने के लिए परिवहन विभाग के आयुक्त रवि जैन लगातार मॉनिटरिंग भी कर रहे हैं. इसके साथ ही विभाग के सभी अधिकारियों और आरटीओ डीटीओ के साथ लगातार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर राजस्व हासिल करने के दिशा-निर्देश भी दे रहे हैं. परिवहन शासन सचिव एवं आयुक्त रवि जैन सभी प्रादेशिक व जिला परिवहन अधिकारियों को राजस्व लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए हैं.
परिवहन विभाग मुख्यालय से RTO और DTO के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग करते हुए उन्होंने कहा कि बस संचालक परमिट नियमों की अवहेलना कर रहे हैं. लगातार शिकायतें भी आ रही हैं. बसों की छतों पर अवैध तरीके से कॉमर्शियल माल का परिवहन भी हो रहा है. ऐसे बस ऑपरेटरों पर जुर्माना भी लगाया जाए. बसों को सीज करने की कार्रवाई भी की जाए. उन्होंने कहा कि सभी तरह के कॉमर्शियल वाहनों पर ओवरलोड को नियंत्रण किया जाए. जैन ने निर्देश देते हुए कहा कि सभी प्रादेशिक परिवहन अधिकारी और जिला परिवहन अधिकारी रोजाना राजस्व से संबंधित रिपोर्ट मुख्यालय में भेजे. अपने क्षेत्र के सभी चेकपोस्ट की कार्य गुणवत्ता में सुधार भी करें.
निरीक्षकों का बकाया राजस्व वसूली पर रोजाना कितना काम किया वह भी रिपोर्ट भेजें. आयुक्त ने निर्देश देते हुए कहा कि राजस्व में लापरवाही बरतने वाले निरीक्षक को पर भी कार्रवाई की जाएगी. साथ ही किसी भी कमर्शियल वाहन का राजस्व बकाया नहीं रहे इसकी सुनिश्चित करने के प्रयास भी किए जाएं. उन्होंने निर्देश दिए कि आरटीओ डीटीओ अगले चार-पांच दिन अपने क्षेत्र में रहकर परमिट नियमों को तोड़ने वाले वाहनों पर सख्त कार्रवाई करें. वाहनों के दस्तावेज के साथ फिटनेस की भी जांच करें जिससे परिवहन विभाग अपना राजस्व हासिल कर सके. इस दौरान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में अतिरिक्त परिवहन आयुक्त महेंद्र खींची, आकाश शर्मा सहित विभाग के उच्च अधिकारी मौजूद रहे.