जयपुर. जयपुर के विश्व प्रसिद्ध पर्यटन स्थल जलमहल को देखने के लिए देश और दुनियाभर से पर्यटक आते हैं. लेकिन मानसागर झील लगातार दूषित होती जा रही है. झील में गंदा और बदबूदार पानी आने से पर्यटकों पर भी बुरा असर पड़ रहा है. जयपुर की जलमहल झील में कचरा (Garbage in Jalmahal lake of Jaipur) इस शहर के पर्यटन पर दाग जैसा है.
जयपुर की मानसागर झील का पानी प्रदूषित (jaipur mansagar lake water polluted) हो चुका है. में शहर की फैक्ट्रियों का दूषित पानी भी छोड़ा जा रहा है. इससे विश्व प्रसिद्ध मानसागर झील प्रदूषित हो रही है. सीवरेज का गंदा पानी भी नालियों के माध्यम से जलमहल यानी मानसागर झील में पहुंच रहा है. मानसागर झील में प्रवासी पक्षियों का भी जमावड़ा रहता है, ऐसे में प्रदूषित जल का पक्षियों पर भी नेगेटिव इफेक्ट पड़ रहा है. जयपुर में जल प्रदूषण (water pollution in jaipur ) की तस्वीर निगम प्रशासन पर भी सवाल उठा रही है.
पर्यटक बोले जलमहल सुंदर, लेकिन बदबू से परेशान
जलमहल की पाल पर घूमने आए पर्यटकों ने कहा कि जलमहल काफी सुंदर जगह है, लेकिन गंदे पानी की वजह से बदबू आती है. पिंक सिटी जयपुर जितना अच्छा शहर माना जाता है, उतनी सफाई जल महल में नजर नहीं आ रही. जलमहल की मानसागर झील को साफ रखना चाहिए. अच्छा मैनेजमेंट होना चाहिए, ताकि पर्यटक यहां की खूबसूरत यादों को संजोकर ले जाएं.
निगम पर उठ रहे सवाल
पूर्व पार्षद विक्रम सिंह तंवर ने कहा कि इस बारे में जयपुर नगर निगम प्रशासन को कई बार अवगत करवाया जा चुका है, लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई. जयपुर की जल महल झील प्रदूषण (Jaipur Jalmahal lake polluted) के चरम पर है. मानसागर झील में नालों का प्रदूषित पानी लगातार मिल रहा है. जयपुर में रंगाई छपाई का काम होता है. इन फैक्ट्रियों का दूषित पानी भी मानसागर झील में गिर रहा है.
इसके अलावा जयपुर शहर का सीवरेज पानी भी मानसागर झील में पहुंच रहा है. उन्होंने कहा कि दूषित पानी से मानसागर झील में मछलियां भी मर रही हैं. जयपुर शहर में सफाई व्यवस्था चौपट है. जगह-जगह कचरे के ढेर लगे हैं. जयपुर में घर घर कचरा संग्रहण की व्यवस्था चरमराई हुई है. जयपुर के पर्यटन स्थलों की सफाई (cleaning of jaipur tourist places) भी ठीक से नहीं हो रही है.
क्या छवि लेकर आते हैं और क्या दिखता है..
टूरिस्ट गाइड महेश कुमार शर्मा ने बताया कि मानसागर झील को देखने आने वाले पर्यटकों को गंदगी दिखती है, तो बुरा लगता है. बदबू की वजह से पर्यटक यहां ज्यादा देर नहीं टिकते. इससे जयपुर का पर्यटन स्थल जलमहल प्रभावित हो रहा है. शहर की छवि पर धब्बा लग रहा है. पर्यटक जल महल की फोटोग्राफ्स अपने कैमरों में कैद करते हैं और यहां के खूबसूरत पलों को संजोकर ले जाते हैं. जयपुर की मानसागर झील में प्रवासी पक्षी भी पहुंचते हैं.
प्रवासी पक्षियों का आना हुआ कम
स्थानीय निवासी उपेंद्र सिंह ने बताया कि मानसागर झील की साफ-सफाई नहीं हो रही है. जयपुर में प्रवासी पक्षी (migratory birds in jaipur) मानसागर झील में आते रहे हैं. लेकिन गंदगी की वजह से प्रवासी पक्षियों का आना भी कम हो गया है. झील में केमिकल युक्त पानी से मछलियां मर रही हैं, संक्रमण का भी खतरा है.
झील में सीवरेज और फैक्ट्रियों का पानी गिरने से रोका जाए
स्थानीय निवासी नरेंद्र जोशी ने बताया कि मानसागर झील में सफाई व्यवस्था रेगुलर होनी चाहिए. फैक्ट्रियों और सीवरेज का दूषित पानी झील में आना बंद होना चाहिए. झील से कचरा भी साफ होना चाहिए और झील में आने वाली गंदगी को रोकने की जरूरत है. क्योंकि मानसागर झील पूरी तरह प्रदूषित (Mansagar lake has become polluted) हो चुकी है.
एनजीटी ने भी लिया संज्ञान
जलमहल पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (National Green Tribunal on Jalmahal) ने भी संज्ञान लिया है. एनजीटी के आदेश पर जयपुर एसडीएम ने मानसागर झील का निरीक्षण किया है. रंगाई छपाई की फैक्ट्रियों का गंदा पानी मानसागर झील में छोड़ा जा रहा है. एसडीएम पूरी स्थिति की रिपोर्ट बनाकर जयपुर जिला कलेक्टर को सौंपेंगे.
बता दें कि करीब 4 साल पहले मानसागर झील में फैक्ट्रियों के दूषित पानी से हो रहे प्रदूषण को लेकर एनजीटी में याचिका (jaipur mansagar lake ngt petition) लगाई गई थी. याचिका पर वर्ष 2019 में जिला प्रशासन टीम ने मौका जांच करके कुछ फैक्ट्रियों का दूषित जल बंद करवाने की कार्रवाई भी की थी. इसके बाद एनजीटी ने दोबारा से मौका जांच करके रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए थे.
इसके बाद जयपुर एसडीएम राकेश कुमार मीणा के नेतृत्व में टीम ने बुधवार को निरीक्षण (Jaipur SDM Visit Mansagar Lake) किया था. मौके पर देखा गया कि कई फैक्ट्रियों का दूषित पानी सीधे मानसागर झील में मिल रहा है.