जयपुर. प्रदेश में बढ़ती आपराधिक गतिविधियों को देखते हुए राजस्थान पुलिस की ओर से एक बार फिर से टॉप-10 अभियान चलाकर बदमाशों पर नकेल कसने का प्रयास किया जा रहा है. इसे लेकर पुलिस मुख्यालय से तमाम रेंज आईजी और जिला एसपी को निर्देश भी जारी किए गए हैं. वर्ष 2019 में टॉप-10 बदमाशों को गिरफ्तार करने का अभियान शुरू किया गया था, लेकिन वर्ष 2020 में वैश्विक महामारी कोरोना के चलते अभियान को रोक दिया गया था. अब स्थिति सामान्य होने पर एक बार फिर से बदमाशों की धरपकड़ के लिए टॉप-10 अभियान की शुरुआत की जा रही है.
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एडीजी क्राइम रवि प्रकाश मेहरड़ा ने बताया कि प्रदेश में बदमाशों की धरपकड़ के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है. जिसके तहत प्रत्येक थाना स्तर पर टॉप-25 बदमाशों की सूची, प्रत्येक जिला स्तर पर टॉप-10 बदमाशों की सूची और प्रत्येक रेंज स्तर पर टॉप-10 बदमाशों की सूची तैयार करने के लिए कहा गया है.
हाल ही में चूरू जिले में हुई गैंगवार और प्रदेश के अन्य जिलों में हुई फायरिंग की घटनाओं को देखते हुए पुलिस मुख्यालय की ओर से यह विशेष अभियान चलाने का निर्णय लिया गया है. प्रत्येक जिला एसपी के निर्देशन पर डिस्ट्रिक्ट स्पेशल टीम को भी जिले के टॉप-10 बदमाशों को गिरफ्तार करने के निर्देश दिए गए हैं.
सूची में हमेशा 10 बदमाशों के नाम रहेंगे शामिल
मेहरड़ा ने बताया कि जिले की टॉप-10 सूची में जिन बदमाशों के नाम शामिल किए जाएंगे उनमें से यदि किसी भी एक बदमाश को पुलिस गिरफ्तार करती है तो उस बदमाश का नाम उस सूची में से हटा दिया जाएगा. उसके स्थान पर जिले के अन्य वांछित चल रहे बदमाश का नाम उस सूची में जोड़ दिया जाएगा. इस प्रकार से सूची में हमेशा 10 बदमाशों के नाम शामिल रहेंगे. इसी प्रकार से प्रत्येक थाना स्तर पर बनाई जाने वाली टॉप-25 बदमाशों की सूची में भी बदमाशों के गिरफ्तार होने पर उनके नाम हटाकर दूसरे बदमाशों के नाम शामिल किए जाएंगे.
कार्रवाई के आधार पर बनेगा जिले का क्राइम रिपोर्ट कार्ड
राजस्थान पुलिस के ध्येय वाक्य 'आमजन में विश्वास और अपराधियों में भय' को सार्थक करने के लिए राजस्थान पुलिस की ओर से बदमाशों पर नकेल कसने और अपराध के ग्राफ पर लगाम लगाने के लिए यह विशेष अभियान शुरू किया जा रहा है. इस विशेष अभियान के तहत हर महीने जिला पुलिस का एक रिपोर्ट कार्ड भी तैयार किया जाएगा.
पुलिस की ओर से कार्रवाई करते हुए टॉप-10 लिस्ट में शामिल कितने बदमाशों को गिरफ्तार किया गया है और उनसे कितने हथियार बरामद किए गए हैं, इन तमाम चीजों को जिले के क्राइम रिपोर्ट कार्ड में शामिल किया जाएगा. प्रत्येक जिले के क्राइम रिपोर्ट कार्ड के आधार पर ही पुलिस मुख्यालय की ओर से प्रदेश में अपराध के ग्राफ को लेकर एक फाइनल रिपोर्ट कार्ड तैयार किया जाएगा.