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रणथम्भौर के जंगलों से आई खुशखबरी: बाघिन टी-117 (बादली) ने दो शावकों को दिया जन्म

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Published : Feb 1, 2021, 4:22 PM IST

Updated : Feb 1, 2021, 5:00 PM IST

सवाईमाधौपुर के रणथम्भौर टाइगर रिजर्व में में बाघों के कुनबे में विस्तार हो रहा है. बाघिन टी-117 को हाल ही में दो शावकों के साथ देखे जाने से वन्य प्रेमियों और वन विभाग के अफसरों व कर्मचारियों में खुशी की लहर है. शावकों और बाघिन की गतिविधियों पर अफसर ट्रैप कैमरे से लगातार नजर बनाए रखे हैं.

रणथम्भौर टाइगर रिजर्व, tigress T-117 gives birth to two cubs
बाघिन टी-117 (बादली) ने शावकों को दिया जन्म

सवाईमाधोपुर. रणथम्भौर टाइगर रिजर्व में एक बार फिर बाघों का कुनबा बढ़ा है. बाघिन टी-92 की दूसरी बेटी टी-117 धोलपुर के सरमथुरा रेंज के रिचाड़ा वन क्षेत्र में तीन माह के दो शावकों के साथ नजर आई है. बाघिन व शावकों की सुरक्षा के लिए चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन मोहनलाल मीना ने मॉनिटरिंग बढ़ाने के निर्देश दिए हैं. ट्रैकिंग टीम को लगातार बाघिन व उसके शावकों की गतिविधियों पर नजर रखने के निर्देश दिए गए हैं.

इससे पूर्व 23 जनवरी को बाघिन टी-117 की बहन (टी-92 की बेटी) टी-118 (वर्षा) दो शावकों के साथ जंगल में लगे ट्रैप कैमरे में दिखाई दी थी. कैलादेवी अभयारण्य मे रेंज कैलादेवी राहिर नाका के जंगलों मे साढ़े तीन साल की बाघिन टी-118 पहली बार शावकों के साथ नजर आई. दोनों बाघिन बहनों के शावकों के साथ नजर आने से वन्यजीव प्रेमियों में खुशी की लहर है.

बाघिन टी-117 बादली यंग टाइगर टी-116 के साथ कर रही थी विचरण

बाघिन टी-92 सुंदरी की दूसरी बेटी टी-117 (बादली) एक यंग टाइगर टी-116 के साथ धौलपुर के जंगलों में दस माह से विचरण कर रही थी. ऐसे में संभावना जताई जा रही थी कि जल्दी ही धौलपुर में भी शावकों की किलकारी गूंज सकती है. और फिर बाघिन टी-117 के शावकों के साथ नजर आने से यह संभावना सच हो गई. बाघिन के शावकों के साथ दिखाई देने से वन्यजीव प्रेमियों में खुशी की लहर है. वहीं, वन विभाग ने बाघिन और उसके शावकों की सुरक्षा बढ़ा दी है. वन विभाग की टीम की ओर से लगातार ट्रैकिंग कर नजर रखी जा रही है.

पढ़ें: जब पर्यटकों के सामने भिड़ पड़ी 'रिद्धि-सिद्धि', लड़ाई और दहाड़ से कांप उठी रूह...देखें Video

हाल ही में शावकों के साथ दिखाई दी थी बाघिन टी-118 (वर्षा)

रणथम्भौर अभयारण्य के हिस्से में कैलादेवी सेंचुरी की रेंज कैलादेवी (राहिर नाका) जंगल में साढ़े तीन साल की बाघिन टी-118 (वर्षा) ने दो शावकों को जन्म दिया है. वन विभाग की टीम की ओर से बाघिन टी-118 पर निगरानी बढ़ाकर ट्रैप कैमरे लगाए गए हैं. कैलादेवी अभयारण्य मे रेंज कैलादेवी राहिर नाका के जंगलों मे साढ़े तीन साल की बाघिन टी-118 का 23 जनवरी को दो शावकों के साथ जंगल में लगे ट्रैप कैमरे में फोटो कैद हुआ था. ये दोनों शावक टाइगर टी-80 तूफान के बच्चे माने जा रहे हैं. बाघिन टी-118 और टी-80 (तूफान) दोनों के एक साथ विचरण करते कई बार राहिर, कसेड, मंडरायल के जंगल में फोटो ट्रैप के दौरान देखे गए हैं.

पढ़ें: अचानक सामने आया बाघ तो थम गईं पर्यटकों की सांसें, देखें नजारा

दोनों बाघिनों का जन्म भी भी कैवलादेवी रेंज में ही हुआ

वन विभागीय सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार हाल ही मां बनी बाघिन टी-117 व टी-118 का जन्म भी केलादेवी रेंज के मंडरायल में हुआ था. रणथम्भौर अभयारण्य की बाघिन टी-92 ने दो शावकों को जन्म दिया. बाद में दोनों मादा शावक टी-117 (बादली) और टी-118 (वर्षा) के नाम से जानी जाने लगींं. यह पहला मौका था जब कैला देवी अभयारण्य में किसी बाघिन ने शावकों को जन्म दिया. अब बाघिन टी-92 की दोनों बेटियां बाघिन टी-117 व टी-118 भी मां बन चुकी है. वन विभाग और से दोनों बाघिनों और उनके शावकों की लगातार ट्रेकिंग की जा रही है.

चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन मोहन लाल मीना का कहना है कि बाघिन टी-117 धोलपुर के सरमथुरा रेंज के रिचाड़ा वन क्षेत्र में तीन माह के दो शावकों के साथ दिखाई दी है. बाघिन व उसके शावकों की लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है. रणथम्भौर के लिए यह अच्छी खबर है, क्योंकि बाघों के विचरण क्षेत्र का विस्तार हो रहा है.

सवाईमाधोपुर. रणथम्भौर टाइगर रिजर्व में एक बार फिर बाघों का कुनबा बढ़ा है. बाघिन टी-92 की दूसरी बेटी टी-117 धोलपुर के सरमथुरा रेंज के रिचाड़ा वन क्षेत्र में तीन माह के दो शावकों के साथ नजर आई है. बाघिन व शावकों की सुरक्षा के लिए चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन मोहनलाल मीना ने मॉनिटरिंग बढ़ाने के निर्देश दिए हैं. ट्रैकिंग टीम को लगातार बाघिन व उसके शावकों की गतिविधियों पर नजर रखने के निर्देश दिए गए हैं.

इससे पूर्व 23 जनवरी को बाघिन टी-117 की बहन (टी-92 की बेटी) टी-118 (वर्षा) दो शावकों के साथ जंगल में लगे ट्रैप कैमरे में दिखाई दी थी. कैलादेवी अभयारण्य मे रेंज कैलादेवी राहिर नाका के जंगलों मे साढ़े तीन साल की बाघिन टी-118 पहली बार शावकों के साथ नजर आई. दोनों बाघिन बहनों के शावकों के साथ नजर आने से वन्यजीव प्रेमियों में खुशी की लहर है.

बाघिन टी-117 बादली यंग टाइगर टी-116 के साथ कर रही थी विचरण

बाघिन टी-92 सुंदरी की दूसरी बेटी टी-117 (बादली) एक यंग टाइगर टी-116 के साथ धौलपुर के जंगलों में दस माह से विचरण कर रही थी. ऐसे में संभावना जताई जा रही थी कि जल्दी ही धौलपुर में भी शावकों की किलकारी गूंज सकती है. और फिर बाघिन टी-117 के शावकों के साथ नजर आने से यह संभावना सच हो गई. बाघिन के शावकों के साथ दिखाई देने से वन्यजीव प्रेमियों में खुशी की लहर है. वहीं, वन विभाग ने बाघिन और उसके शावकों की सुरक्षा बढ़ा दी है. वन विभाग की टीम की ओर से लगातार ट्रैकिंग कर नजर रखी जा रही है.

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हाल ही में शावकों के साथ दिखाई दी थी बाघिन टी-118 (वर्षा)

रणथम्भौर अभयारण्य के हिस्से में कैलादेवी सेंचुरी की रेंज कैलादेवी (राहिर नाका) जंगल में साढ़े तीन साल की बाघिन टी-118 (वर्षा) ने दो शावकों को जन्म दिया है. वन विभाग की टीम की ओर से बाघिन टी-118 पर निगरानी बढ़ाकर ट्रैप कैमरे लगाए गए हैं. कैलादेवी अभयारण्य मे रेंज कैलादेवी राहिर नाका के जंगलों मे साढ़े तीन साल की बाघिन टी-118 का 23 जनवरी को दो शावकों के साथ जंगल में लगे ट्रैप कैमरे में फोटो कैद हुआ था. ये दोनों शावक टाइगर टी-80 तूफान के बच्चे माने जा रहे हैं. बाघिन टी-118 और टी-80 (तूफान) दोनों के एक साथ विचरण करते कई बार राहिर, कसेड, मंडरायल के जंगल में फोटो ट्रैप के दौरान देखे गए हैं.

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दोनों बाघिनों का जन्म भी भी कैवलादेवी रेंज में ही हुआ

वन विभागीय सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार हाल ही मां बनी बाघिन टी-117 व टी-118 का जन्म भी केलादेवी रेंज के मंडरायल में हुआ था. रणथम्भौर अभयारण्य की बाघिन टी-92 ने दो शावकों को जन्म दिया. बाद में दोनों मादा शावक टी-117 (बादली) और टी-118 (वर्षा) के नाम से जानी जाने लगींं. यह पहला मौका था जब कैला देवी अभयारण्य में किसी बाघिन ने शावकों को जन्म दिया. अब बाघिन टी-92 की दोनों बेटियां बाघिन टी-117 व टी-118 भी मां बन चुकी है. वन विभाग और से दोनों बाघिनों और उनके शावकों की लगातार ट्रेकिंग की जा रही है.

चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन मोहन लाल मीना का कहना है कि बाघिन टी-117 धोलपुर के सरमथुरा रेंज के रिचाड़ा वन क्षेत्र में तीन माह के दो शावकों के साथ दिखाई दी है. बाघिन व उसके शावकों की लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है. रणथम्भौर के लिए यह अच्छी खबर है, क्योंकि बाघों के विचरण क्षेत्र का विस्तार हो रहा है.

Last Updated : Feb 1, 2021, 5:00 PM IST
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