जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से आज बालिका के पिता ने मुलाकात की. मुख्यमंत्री ने बालिका के नाम पर योजना का नाम रखने के साथ-साथ बालिका के गांव का नाम भी उसी के नाम पर रखने का आश्वासन दिया है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्थान उच्च न्यायालय में बालिका की कानूनी लड़ाई में विशेष लोक अभियोजक की नियुक्ति करने का आश्वासन भी दिया है.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से बालिका के पिता ने मुलाकात की और आगे की कानूनी लड़ाई के लिए सहयोग की मांग की. सीएम गहलोत ने आश्वासन दिया की राजस्थान उच्च न्यायालय जोधपुर में एक वरिष्ठ वकील, विशेष लोक अभियोजक के रूप में नियुक्ति जरूर की जाएगी. जैसे ही आरोपी पक्ष अपील उच्च न्यायालय में दायर करेंगे, अभियोजन सशक्त रूप में खड़ा होगा.
बच्चियों के लिए एक प्रेरणा बने बालिका
बालिका के पिता की गुजारिश थी कि प्रदेश में चल रही छात्राओं और बालिकाओं के नाम की कोई भी सशक्तिकरण की योजना उनकी बेटी के नाम कर दी जाए. उन्होंने मुख्यमंत्री को बताया कि उनकी बेटी ने बहुत ही कम उम्र में कला के क्षेत्र, खेल के क्षेत्र और शिक्षा के क्षेत्र में उच्च स्थान हासिल किया था. उन्होंने कहा कि उनके घर की बिटिया कम उम्र में चली गई लेकिन वह अन्य बच्चियों के लिए एक प्रेरणा बनी रहे, इसीलिए जरूरी है कि उसके नाम से छात्राओं के बीच कुछ स्थापित हो.
मुख्यमंत्री ने इस पर भी आश्वासन दिया कि वह कोई योजना का नाम उस बेटी के नाम से रखेंगे. बालिका के पिता ने यह भी बताया की रेवेन्यू कार्यालय से गांव का नामकरण बिटिया के नाम पर किया जाना था वह भी सिर्फ मोहल्ले का नाम बनकर रह गया है, उन्होंने कहा कि पूरे गांव का नाम उनकी बेटी के नाम पर रखा जाना था, इस पर भी सीएम ने आश्वासन दिया.
बीकानेर की इस बालिका के साथ छात्रावास में दुष्कर्म हुआ था, जिसके बाद उसने आत्महत्या कर ली थी. बीकानेर की पॉक्सो कोर्ट ने 85 सुनवाई और 34 गवाहों के बाद मुख्य आरोपी समेत तीन आरोपियों को हाल ही में सजा सुनाई है. मुख्य आरोपी को आजीवन कारावास और अन्य दोषियों को 6-6 वर्ष के कारावास की सजा सुनाई गई है.
राहुल गांधी गए थे पीड़िता के गांव
दलित बालिका दुष्कर्म और मौत मामले में उस समय सियासी रंग तेज हो गया था, जब कांग्रेस के नेता राहुल गांधी पीड़ित बालिका के घर परिवार से मिलने पहुंचे थे. दलित के साथ हुई इस घटना के बाद राहुल गांधी ने तत्कालीन सरकार से इस पूरे मामले की जांच सीबीआई से कराने मांग की थी. राहुल गांधी के पहुंचने के बाद यह मामला राष्ट्रीय लेवल पर चर्चाओं में आ गया था.