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सर्दी का थर्ड डिग्री टॉर्चरः पांचवें दिन माइन 1.2 डिग्री रहा पारा

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Published : Dec 30, 2019, 11:24 PM IST

जयपुर जिले के कई क्षेत्र में सर्दी का सितम लगातार जारी है. कड़ाके की ठंड के चलते पिछले पांच दिनों से लगातार पारा माइनस के नीचे बना हुआ है. यहां तक कि घरों के बाहर खड़े गाड़ियों और घास पर ओस की बूंदों की बर्फ की चादर जमी हुई नजर आ रही है. तेज सर्दी से बचाव के लिए लोग अलाव का सहारा लेते नजर आ रहे हैं.

जयपुर की खबर,  third degree torture
ठंड से बचने के लिए अलाव का सहारा लेते लोग

जयपुर. कड़ाके की ठंड के चलते लोगों का घरों से बाहर निकलना भी दूभर हो गया है. बाजारों में भी लोगों की आवाजाही कम नजर आ रही है. सर्दी के चलते दुकानदारों का दुकानों में बैठना मुश्किल हो रहा है. ठंड से बचने के लिए लोग जगह-जगह अलाव का सहारा लेते नजर आ रहे हैं.

बढ़ती सर्दी ने किसानों की भी चिंता बढ़ा दी है. फसलों में बर्फ जमने से किसानों को फसल खराबे की चिंता सताने लगी है. 15 दिन पहले हुई ओलावृष्टि से जहां किसानों की फसल खराब हो गई थी. अब मौसम में फिर से आए बदलाव के चलते बर्फ जमने से किसानों को सरसों, गेहूं और चना जैसी फसल खराब होने की चिंता सताने लगी है. किसानों का कहना है अगर इसी तरह सर्दी पड़ती रही तो खेतो में सबकुछ चौपट हो जायेगा.

राजस्थान में सर्दी का सितम लगातार जारी

जोबनेर की कर्ण नरेन्द कृषि विश्विधालय की वेधशाला के अनुसार आज यानी सोमवार का तापमान माइनस (-1.2) डिग्री दर्ज किया गया. वहीं दिनांक 29-12-19 को तापमान माइनस (-1.6) डीग्री, दिनांक 28-12-19 को माइनस (-2.5) डीग्री दिनांक 27-12-19 को माइनस (-2.0) डीग्री और दिनांक 26-12-19 को माइनस (-1.0) डीग्री दर्ज किया गया.

पढ़ें: परोपकार! गरीबों को सर्द रातों से बचाने जयपुर के ज्योतिषाचार्य 1 माह तक बांटेंगे कंबल

इन दिनों कड़ाके की सर्दी ने कश्मीर सा नजारा बना दिया है. पिछले 1 सप्ताह में मौसम के लगातार बदलाव के चलते जनजीवन खासा प्रभावित हुआ है. कभी कोहरा-शीतलहर, तो कभी ओलावृष्टि ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है. इसपर कृषि पर्यवेक्षक प्रभातीलाल ने बताया कि फसलों को सर्दी और पाला से बचाने के लिए रात के समय खेतो में धुआं करना चाहिए और समय-समय पर हल्की सिंचाई भी करनी चाहिए.

जयपुर. कड़ाके की ठंड के चलते लोगों का घरों से बाहर निकलना भी दूभर हो गया है. बाजारों में भी लोगों की आवाजाही कम नजर आ रही है. सर्दी के चलते दुकानदारों का दुकानों में बैठना मुश्किल हो रहा है. ठंड से बचने के लिए लोग जगह-जगह अलाव का सहारा लेते नजर आ रहे हैं.

बढ़ती सर्दी ने किसानों की भी चिंता बढ़ा दी है. फसलों में बर्फ जमने से किसानों को फसल खराबे की चिंता सताने लगी है. 15 दिन पहले हुई ओलावृष्टि से जहां किसानों की फसल खराब हो गई थी. अब मौसम में फिर से आए बदलाव के चलते बर्फ जमने से किसानों को सरसों, गेहूं और चना जैसी फसल खराब होने की चिंता सताने लगी है. किसानों का कहना है अगर इसी तरह सर्दी पड़ती रही तो खेतो में सबकुछ चौपट हो जायेगा.

राजस्थान में सर्दी का सितम लगातार जारी

जोबनेर की कर्ण नरेन्द कृषि विश्विधालय की वेधशाला के अनुसार आज यानी सोमवार का तापमान माइनस (-1.2) डिग्री दर्ज किया गया. वहीं दिनांक 29-12-19 को तापमान माइनस (-1.6) डीग्री, दिनांक 28-12-19 को माइनस (-2.5) डीग्री दिनांक 27-12-19 को माइनस (-2.0) डीग्री और दिनांक 26-12-19 को माइनस (-1.0) डीग्री दर्ज किया गया.

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इन दिनों कड़ाके की सर्दी ने कश्मीर सा नजारा बना दिया है. पिछले 1 सप्ताह में मौसम के लगातार बदलाव के चलते जनजीवन खासा प्रभावित हुआ है. कभी कोहरा-शीतलहर, तो कभी ओलावृष्टि ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है. इसपर कृषि पर्यवेक्षक प्रभातीलाल ने बताया कि फसलों को सर्दी और पाला से बचाने के लिए रात के समय खेतो में धुआं करना चाहिए और समय-समय पर हल्की सिंचाई भी करनी चाहिए.

Intro:जयपुर जिले के रेनवाल, जाेबनेर, सांभर, फुलेरा सहित क्षेत्र में तेज सर्दी का सितम लगातार जारी है। कड़ाके की ठंड की वजह से पिछले पांच दिन से लगातार पारा माइनस के निचे चल रहा है। यहां तक कि घरों के बाहर खड़े गाडियों और घास पर ओस की बूंदों की बर्फ की चादर जमी हुई नजर आई। तेज सर्दी से बचाव के लिए लोग अलाव का सहारा ले रहे हैं। वहीं, सुबह-सुबह ज्यादा ठंड और कोहरा होने की वजह से स्थानीय लोगों को भी खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। Body:तेज ठंड के चलते लोगों का घरों से बाहर निकलना भी मुश्किल हो गया है। बजारो में दिनभर लोगो की आवाजाही कम नजर आ रही है। यहा तक सर्दी के चलते दुकानदारो का भी दुकानो में बेठना मुश्किल हो रहा है, दुकानदारो सर्दी से बचने के लिए बाहर बैठकर धूप का सहारा लेने पर मजबूर है। तथा जगह जगह लोग अलाव जलाकर भी ठंड से बचने का सहारा ले रहे है। वही बढती सर्दी ने किसानो की चिंता बढा दी है। फसलों में बर्फ जमने से किसानों को फसल खराबे की चिंता सताने लगी है। 15 दिन पहले हुई ओलावृष्टि से जहां किसानों की फसल खराब हो गई थी। अब मौसम में फिर से आए बदलाव के चलते बर्फ जमने से किसानों को सरसों गेहूं जो चना की फसल खराब होने की चिंता सताने लगी है। वही सब्जियाें में टमाटर, बिंदाक की फसले भी खराब हाे चुकी है। किसानों का कहना है अगर इसी तरह सर्दी पड़ती रही थी खेताे में सब कुछ चाेपट हाे जायेगा। वही पांच पिछले पांच दिन से तापमान पारा माइनस में चल रहा है। Conclusion:वही जोबनेर की कर्ण नरेन्द कृषि विश्विधालय की वेधशाला के अनुसार आज का तापमान माइनस -1.2 डीग्री दर्ज किया गया। तो दिनाक 29-12-19 को माइनस -1.6 डीग्री, दिनाक 28-12-19 काे माइनस 2.5 डीग्री व दिनाक 27-12-19 काे माइनस 2.0 डीग्री तथा दिनाक 26-12-19 को माइनस 1.0डीग्री तापमान दर्ज किया जा चुका है। इन दिनों कड़ाके की सर्दी ने कश्मीर का सा नजारा बना दिया है। पिछले 1 सप्ताह में मौसम के लगातार बदलाव के चलते जनजीवन खासा प्रभावित है. कभी कोहरा-शीतलहर तो कभी ओलावृष्टि ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया था. वहीं, अब माइनस में तापमान पहुंचने से किसानों के चेहरे पर चिंता सताने लगी है। वही लोगो का कहना है कि इस तरह की कडाके की सर्दी 50 साल में भी नही देखी है। किसानो का कहना है कि सर्दी व पाला गिरने से फसले चौपट हो गई है। अगर इसी तरह सर्दी पडती रही तो खेतो में जो है वो भी चौपट हो जायेगा। वही कृषि पर्यपेक्षक प्रभातीलाल ने बताया कि फसलो को सर्दी व पाला से बचाने के लिए रात के समय खेतो में धूआं करे तथा बार बार हल्की सिंचाई करें।

विजूयल व बाईट -
बाईट-1- कृषि पर्यपेक्षक, प्रभातीलाल (काली जाकेट)
बाईट-2- पेमाराम, किसान (सफेद कुर्ता, सिर पर ब्लेक एण्ड वाहीट पगडी)
बाईट-3- हेमराज, किसान (पिली जाकेट)
बाईट-4- भीवाराम, किसान (लाल साफा, काली जाकेट)

विजूयल—ईटीवी भारत के लिए शिवराज सिंह शेखावत रेनवाल (जयपुर) की रिपोर्ट।
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