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15वीं विधानसभा का तीसरा सत्र 28 नवंबर से, संविधान पर होगी 2 दिन चर्चा

15वीं विधानसभा का तीसरा सत्र 28 नवंबर से शुरू होने जा रहा है. इसके लिए बुधवार को राजस्थान विधानसभा में सर्वदलीय बैठक भी हुई. वहीं, इस सत्र में कोई विधाई कार्य नहीं होगा और केवल 2 दिनों तक संविधान पर ही चर्चा होगी. मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा के पक्ष और विपक्ष के विधायक संविधान पर सार्थक चर्चा करेंगे.

राजस्थान विधानसभा , Third session of 15th assembly
15वीं विधानसभा का तीसरा सत्र 28 नवंबर से
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Published : Nov 27, 2019, 10:29 PM IST

जयपुर. 15वीं विधानसभा का तीसरा सत्र 28 नवंबर से शुरू होने जा रहा है. इसके लिए बुधवार को राजस्थान विधानसभा में सर्वदलीय बैठक भी हुई. बता दें कि गुरुवार से शुरू होने वाले सत्र में संभावना है कि यह 2 दिन का होगा, जिसमें कोई विधाई कार्य नहीं होगा और केवल 2 दिनों तक संविधान पर ही चर्चा होगी. दरअसल, 26 नवंबर को संविधान दिवस था जिसके कारण विधायकों के साथ संविधान पर ही 2 दिन चर्चा होगी. जिसमें करीब 36 विधायक वक्ता के तौर पर भाग लेंगे.

15वीं विधानसभा का तीसरा सत्र 28 नवंबर से

हालांकि, पहले माना जा रहा था कि इस सत्र में विधानसभा उपाध्यक्ष का भी चुनाव हो जाएगा. लेकिन इस तरह की चर्चा से विधानसभा के सचेतक महेश जोशी ने इंकार कर दिया है. ऐसे में साफ है कि गुरुवार से शुरू होने वाले विधानसभा सत्र में प्रश्नकाल, सुनने काल जैसे कार्य नहीं होंगे. हालांकि, अति आवश्यक बिलों को विधानसभा में रखा जा सकता है.

पढे़ं- विधानसभा का शीतकालीन सत्र 28 नवंबर से, पुलिस ने किए सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त

इसे लेकर बुधवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि संविधान को बने हुए 70 साल हो चुके हैं. इसका लेखा-जोखा 2 दिन में लिया जाएगा कि हम लोकतंत्र में संविधान की रक्षा 70 साल में कितनी कर सके हैं और कितनी कमी रह गई. मुख्यमंत्री ने उम्मीद जताते हुए कहा कि पक्ष और विपक्ष के सदस्य मिलकर संविधान की मर्यादा कैसे बढ़े, इसे लेकर कमेंट करेंगे. एक दूसरे पर कोई आक्षेप नहीं लगाएंगे. हालांकि, अगर कोई गलतियां हुई है तो उनको प्वाइंट आउट भी सदस्यों को करना चाहिए. लेकिन किसी तरीके सभी पार्टियों में बांटने का काम विधानसभा के सदस्य नहीं करेंगे इसकी उन्हें उम्मीद है.

इस बैठक में विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल, उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़, मुख्य सचेतक महेश जोशी, उप मुख्य सचेतक महेंद्र चौधरी, आरएलपी के पुखराज और सीपीएम के बलवान पूनिया मौजूद रहे.

जयपुर. 15वीं विधानसभा का तीसरा सत्र 28 नवंबर से शुरू होने जा रहा है. इसके लिए बुधवार को राजस्थान विधानसभा में सर्वदलीय बैठक भी हुई. बता दें कि गुरुवार से शुरू होने वाले सत्र में संभावना है कि यह 2 दिन का होगा, जिसमें कोई विधाई कार्य नहीं होगा और केवल 2 दिनों तक संविधान पर ही चर्चा होगी. दरअसल, 26 नवंबर को संविधान दिवस था जिसके कारण विधायकों के साथ संविधान पर ही 2 दिन चर्चा होगी. जिसमें करीब 36 विधायक वक्ता के तौर पर भाग लेंगे.

15वीं विधानसभा का तीसरा सत्र 28 नवंबर से

हालांकि, पहले माना जा रहा था कि इस सत्र में विधानसभा उपाध्यक्ष का भी चुनाव हो जाएगा. लेकिन इस तरह की चर्चा से विधानसभा के सचेतक महेश जोशी ने इंकार कर दिया है. ऐसे में साफ है कि गुरुवार से शुरू होने वाले विधानसभा सत्र में प्रश्नकाल, सुनने काल जैसे कार्य नहीं होंगे. हालांकि, अति आवश्यक बिलों को विधानसभा में रखा जा सकता है.

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इसे लेकर बुधवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि संविधान को बने हुए 70 साल हो चुके हैं. इसका लेखा-जोखा 2 दिन में लिया जाएगा कि हम लोकतंत्र में संविधान की रक्षा 70 साल में कितनी कर सके हैं और कितनी कमी रह गई. मुख्यमंत्री ने उम्मीद जताते हुए कहा कि पक्ष और विपक्ष के सदस्य मिलकर संविधान की मर्यादा कैसे बढ़े, इसे लेकर कमेंट करेंगे. एक दूसरे पर कोई आक्षेप नहीं लगाएंगे. हालांकि, अगर कोई गलतियां हुई है तो उनको प्वाइंट आउट भी सदस्यों को करना चाहिए. लेकिन किसी तरीके सभी पार्टियों में बांटने का काम विधानसभा के सदस्य नहीं करेंगे इसकी उन्हें उम्मीद है.

इस बैठक में विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल, उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़, मुख्य सचेतक महेश जोशी, उप मुख्य सचेतक महेंद्र चौधरी, आरएलपी के पुखराज और सीपीएम के बलवान पूनिया मौजूद रहे.

Intro:बंदरी विधानसभा का तीसरा सत्र गुरुवार 29 नवंबर से होगा शुरू आज इसे लेकर हुई सर्वदलीय बैठक नहीं होगा कोई भी विदाई कार्य ना ही उपाध्यक्ष का होगा निर्वाचन केवल संविधान पर होगी 2 दिन चर्चा मुख्यमंत्री बोले पक्ष और विपक्ष के विधायक करें संविधान पर सार्थक चर्चा


Body:15 विधानसभा का तीसरा सत्र गुरुवार 29 नवंबर से शुरू होने जा रहा है इसके लिए आज राजस्थान विधानसभा में सर्वदलीय बैठक भी हुई इस बैठक में विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ मुख्य सचेतक महेश जोशी उप मुख्य सचेतक महेंद्र चौधरी आरएलपी के पुखराज सीपीएम के बलवान पूनिया मौजूद रहे गुरुवार से शुरू होने जा रहा सत्र संभावना है कि 2 दिन का होगा जिसमें कोई विधायक कार्य नहीं होगा और केवल 2 दिनों तक संविधान पर ही चर्चा होगी दरअसल 26 नवंबर को संविधान दिवस था जिसके चलते विधायकों के साथ संविधान पर ही 2 दिन चर्चा होगी जिसमें करीब 3 दर्जन विधायक वक्ता के तौर पर भाग लेंगे हालांकि पहले माना जा रहा था कि इस सत्र में विधानसभा उपाध्यक्ष का भी चुनाव हो जाएगा लेकिन इस तरह की चर्चा से विधानसभा के सचेतक महेश जोशी ने इंकार कर दिया है ऐसे में साफ है कि गुरुवार से शुरू होने वाले विधानसभा सत्र में प्रश्नकाल सुनने काल जैसे विधाई कार्य नहीं होंगे हालांकि अति आवश्यक बिलों को विधानसभा में रखा जा सकता है इसे लेकर आज मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि संविधान को बने हुए 70 साल हो चुके हैं इसका लेखा-जोखा 2 दिन में लिया जाएगा कि हम लोकतंत्र मैं संविधान की रक्षा 70 साल में कितनी कर सके हैं और कितनी कमी रह गई मुख्यमंत्री ने उम्मीद जताते हुए कहा कि पक्ष और विपक्ष के सदस्य मिलकर संविधान की मर्यादा कैसे बड़े इसे लेकर कमेंट करेंगे एक दूसरे पर कोई आक्षेप नहीं लगाएंगे हालांकि अगर कोई गलतियां हुई है तो उनको प्वाइंट आउट भी सदस्यों को करना चाहिए लेकिन किसी तरीके सभी पार्टियों में बांटने का काम विधानसभा के सदस्य नहीं करेंगे इसकी उन्हें उम्मीद है
बाईट अशोक गहलोत मुख्यमंत्री राजस्थान
बाइट महेश जोशी मुख्य सचेतक राजस्थान विधानसभा


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