जयपुर. कोरोना संकट के बीच राजभवन से उच्च शिक्षा को लेकर तमाम गतिविधियां जारी है. राज्यपाल कलराज मिश्र ने सोमवार को तकनीकी शिक्षा और मानव मूल्य पर आधारित वेबीनार को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि मानवीय मूल्यों का आधार स्तंभ ही भारतीय संविधान है.
बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय की ओर से आयोजित इस वेबीनार में 1 हजार से अधिक लोग जुड़े. मिश्र ने अपने संबोधन में भारतीय संविधान की प्रस्तावना और मूल कर्तव्यों का वाचन किया और कहा कि हमारे संविधान नैतिक मूल्य समाहित है. युवाओं को संविधान में प्रथम कर्तव्य को अपने आचरण में लाना होगा.
इस दौरान राज्यपाल ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने 7 कर्मों को पाप करार दिया है और इनसे हमें दूर रहना चाहिए. राज्यपाल के कहा कि कर्म विहीन मानव, मानव विहीन विज्ञान, सिद्धांत विहीन राजनीति, नैतिकता विहीन व्यापार, अंतरात्मा विहीन सुख, चरित्र विहीन ज्ञान मानव जीवन के लिए निरर्थक है. उन्होंने कहा कि इन पापों से दूर रहें और राष्ट्र के विकास में भागीदार बनें.
कोविड-19 परिवर्तन का दौर-
राज्यपाल ने कहा कोविड-19 ने मानव जीवन में बहुत कुछ बदलाव किया है. इस दौर के बाद ऑनलाइन शिक्षा आवश्यकता बनती जा रही है. उन्होंने कहा कि लॉकडाउन इस बीमारी का स्थाई समाधान नहीं है, इसलिए हमें विशेष प्रयास करने होंगे. ताकि इस बीमारी से राहत के लिए स्थाई समाधान निकल सके. कलराज मिश्र ने कहा कि अब जीवन को नए तरीके से जीने के रास्ते तलाशने होंगे.
सेमिनार को बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय के कुलपति एचडी चारण ने भी संबोधित किया. इस मौके पर राज्यपाल के सचिव सुबीर कुमार प्रमुख, विशेष अधिकारी गोविंद राम जयसवाल भी मौजूद रहे.