जयपुर. पूर्व मुख्यमंत्रियों को बंगले सहित कैबिनेट मंत्री के स्तर पर दी जाने वाली तमाम सुविधाओं को बरकरार रखने के लिए राज्य सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दायर एसएलपी खारिज हो गई है. वहीं, उसके बाद अब सबकी निगाहें प्रदेश सरकार के अगले कदम पर टिकी है. हालांकि, इसी बीच नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया का बयान सामने आया है.
जयपुर स्थित अपने सरकारी आवास पर पत्रकारों से मुखातिब होते हुए एक सवाल के जवाब में नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि कानून और सुप्रीम कोर्ट के आदेश की पालना कराना हर सरकार का काम है, फिर चाहे राजस्थान सरकार हो या गुजरात की सरकार. वहीं, कटारिया से जब पूछा गया कि क्या पूर्व मुख्यमंत्रियों को नैतिकता के आधार पर ही सुप्रीम कोर्ट का आदेश मानकर अपना बंगला खाली नहीं कर देना चाहिए तो कटारिया ने कहा यह सवाल तो आप उनसे ही पूछिए.
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दरअसल, सुप्रीम कोर्ट की ओर से राज्य सरकार की एसएलपी खारिज होने के बाद अब पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को सिविल लाइंस स्थित 13 नंबर बंगला और पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ पहाड़िया को भी सरकारी आवास खाली करना होगा. इसके साथ ही इन्हें कैबिनेट मंत्री के रूप में मिल रही सुविधाएं भी वापस ली जाएगी.