जयपुर. राजधानी में हालात बेहद खराब हैं. जरा सी राहत ये है कि रिकवरी रेट बढ़ने लगी है. लेकिन एक्टिव केस सवा लाख तक पहुंच गए हैं. लिहाजा अब ऑक्सीजन बेड और रेमडेसिविर इंजेक्शन के लिए बेबस और लाचार लोग यहां-वहां भटक रहे हैं.
क्या यहां ऑक्सीजन के साथ बेड उपलब्ध है ? रेमडेसिविर कहां मिलेगा ? मैं कितना भी पैसा खर्च करने के लिए तैयार हूं. आज कोरोना से पीड़ित मरीज और उनके परिजन कुछ इसी तरह के सवाल करते सुनाई देते हैं. शहर में शायद ही ऐसा कोई शख्स होगा, जिसका कोई रिश्तेदार या परिचित ऑक्सीजन, रेमडेसिविर या बेड की तलाश न भटक रहा हो. ये हकीकत किसी से छुपी नहीं है.
प्रदेश में चिकित्सा व्यवस्थाएं
![Remadecivir injection in rajasthan](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/11568882_mkasdfjd.jpg)
इन आंकड़ों के इतर वर्तमान में हालात विकट हैं. प्राइवेट अस्पतालों की मानें तो सरकार, प्रशासन और अस्पताल अपना बेस्ट दे रहे हैं. बावजूद इसके स्थितियां बेहतर नहीं हो पा रही हैं. बेड, ऑक्सीजन और जीवन रक्षक दवाइयों की कमी है. अस्पताल और डॉक्टर अपने पूरे प्रयास कर रहे हैं कि मरीजों को समय पर और पूरा इलाज मिल सके. लेकिन मरीजों के परिजनों के उग्र होने के मामले सामने आ रहे हैं. ऐसे में डॉक्टर और अस्पतालों को सुरक्षा उपलब्ध कराने की भी मांग उठाई गई है.
![Remadecivir injection in rajasthan](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/11568882_mkkdjf.jpg)
उधर, कोविड-19 संक्रमितों की भर्ती हुई संख्या को देखते हुए स्वास्थ्य भवन में 24 घंटे के लिए चिकित्सा मंत्री हेल्पडेस्क की शुरुआत की गई है. विभाग की ओर से जारी हेल्पलाइन नंबर पर फोन कर इलाज में आ रही किसी भी प्रकार की कठिनाई का समाधान किया जा सकेगा. चिकित्सा मंत्री का कहना है कि प्रदेश में व्यवस्थाएं बढ़ाई जा रही हैं
चिकित्सा मंत्री का दावा
![Remadecivir injection in rajasthan](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/11568882_mdkjf.jpg)
हालांकि राजधानी के राधा स्वामी सत्संग भवन में आज बुधवार से ही 768 बैड्स के साथ कोविड केयर सेंटर शुरू हो गया है. यहां 50 ऑक्सीजन बेड भी उपलब्ध हैं. यहां बनाए गए कंट्रोल रूम और हेल्प डेस्क पर फोन कर कोविड पॉजिटिव और उनके परिजन सेंटर में मिलने वाली सेवाओं का लाभ उठा सकेंगे. जैसे-जैसे ऑक्सीजन सिलेंडर कंसंट्रेटर उपलब्ध होते जाएंगे, ऑक्सीजन युक्त बेड्स बढ़ाकर एडमिशन भी किए जाते रहेंगे.