जयपुर. कोरोना संक्रमित मरीज की मौत हो जाने पर उसके शव को सरकार की ओर से जारी प्रोटोकॉल के तहत पूरी सुरक्षा के साथ परिजनों को सौंपा जाता है. इसके बाद मृतक के परिजन शव का कोरोना प्रोटोकॉल के तहत प्रशासन की देख-रेख में अंतिम संस्कार करते हैं.
जिस प्रकार से किसी अन्य बीमारी के चलते व्यक्ति की मौत हो जाने पर उसके शव को पहले अस्पताल के मुर्दाघर में रखवाया जाता है और फिर पोस्टमार्टम की प्रक्रिया के बाद शव परिजनों को सौंपा जाता है. उस तरह से कोरोना संक्रमण के चलते व्यक्ति की मौत हो जाने पर उसके शव को मुर्दाघर में नहीं रखा जाता. कोरोना संक्रमित मरीज की मौत होने के तुरंत बाद ही निर्धारित प्रोटोकॉल के तहत मृतक के शव को पूरी सुरक्षा के साथ उसके परिजनों को सौंप दिया जाता है.
सरकारी गाइडलाइन के तहत सौंपा जाता है शव
एसएमएस अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ प्रदीप शर्मा ने बताया कि कोरोना संक्रमित मरीज की मौत हो जाने पर उसके शव को भारत सरकार की ओर से जारी गाइडलाइन के तहत प्रोटोकॉल का पालन करते हुए मृतक के परिजनों को सौंपा जाता है. कोरोना संक्रमित मरीज की मौत हो जाने के बाद उसके शव को सैनिटाइज किया जाता है. सैनिटाइज करने के बाद मृतक के शव को एक विशेष प्रकार के किट में अच्छी तरीके से लपेटने ने के बाद पूरी सुरक्षा के साथ परिजनों को सुपुर्द किया जाता है.
कोरोना संक्रमित मरीज के शव को परिजनों को सौंपने से पहले परिजनों से अंडरटेकिंग ली जाती है. जिसके तहत परिजनों से एक फॉर्म भरवाया जाता है और साथ ही परिजनों को यह जानकारी दी जाती है कि किस तरह से कोरोना प्रोटोकॉल के तहत कॉविड एप्रोप्रियेट बिहेवियर का पालन करते हुए शव का अंतिम संस्कार किया जाना है.
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अस्पताल से मृतक के शव को घर नहीं ले जा सकते परिजन
एसएमएस अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ प्रदीप शर्मा ने बताया कि कोरोना संक्रमित मरीज के शव को परिजन घर नहीं ले जा सकते. अस्पताल प्रशासन की ओर से शव परिजनों के सुपुर्द करने के बाद शव को अस्पताल से सीधा अंतिम संस्कार करने के लिए श्मशान घाट ले जाया जाता है. इसके साथ ही अस्पताल प्रशासन की ओर से शव को सैनिटाइज करने के बाद जिस विशेष किट में लपेट करके दिया जाता है उस किट को खोलने की अनुमति भी मृतक के परिजनों को नहीं होती. इसके साथ ही मृतक के परिजनों को यह भी सुनिश्चित करना होता है कि शव के बेहद नजदीक कोई न जाए और साथ ही कम से कम संख्या में परिजन शव का अंतिम संस्कार करें.
मृतक के परिजनों पर पुलिस की भी रहती है नजर
कोरोना संक्रमित मरीज की मौत हो जाने के बाद कोविड प्रोटोकॉल के तहत शव का जल्द से जल्द अंतिम संस्कार हो इसे लेकर मृतक के परिजनों पर पुलिस की भी नजर रहती है. प्रशासन की ओर से शहर में जिन श्मशान घाट को कोविड मरीजों के अंतिम संस्कार के लिए चयनित किया गया है केवल उन्हीं स्थानों पर संक्रमित मरीजों के शवों का अंतिम संस्कार किया जाता है. अंतिम संस्कार के दौरान किसी भी तरह की कोताही न बरती जाए इसे लेकर संबंधित थाने के पुलिस लगातार निगरानी रखती है.
राशि की डिमांड करने वाले की खैर नहीं
परिजनों को मृतक का शव सौंपते वक्त भी अस्पताल का कर्मचारी राशि की डिमांड न करे इस पर भी पुलिस नजर रखती है. एडिशनल पुलिस कमिश्नर लॉ एंड ऑर्डर राहुल प्रकाश का कहना है कि अब तक राजधानी में ऐसी किसी भी तरह की कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है कि मृतक के शव को परिजनों को सौंपने से पहले राशि की या अन्य किसी तरह की डिमांड की गई हो. यदि इस तरह की कोई शिकायत प्राप्त होगी तो पुलिस उस पर सख्त कानूनी कार्रवाई करेगी.
इसके साथ ही राहुल प्रकाश ने आमजन से भी अपील की है कि यदि कोई भी व्यक्ति शव सौंपने के लिए या अन्य किसी कार्य के लिए रुपयों या वस्तु की डिमांड करता है तो तुरंत उसकी शिकायत पुलिस कंट्रोल रूम में फोन कर या संबंधित थाने को दें.