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SPECIAL : कोरोना संक्रमित मरीज की मृत्यु होने पर प्रोटोकॉल के साथ परिजनों को सौंपा जाता है शव...जानिये पूरी प्रक्रिया - Funeral guidelines

मृतक के परिजनों की भावनाओं को मद्देनजर रखते हुए सरकार ने फैसला लिया कि कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत होने पर मृतक के परिजनों को एक सख्त प्रोटोकॉल के तहत शव सौंपा जाए. संक्रमित मरीज का शव परिजनों को सौंपने से लेकर अंतिम संस्कार तक प्रशासन निगरानी रखता है.

Funeral Guidelines of Corona Infected Body
कोरोना संक्रमित शव प्रोटोकॉल
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Published : May 23, 2021, 7:44 PM IST

Updated : May 23, 2021, 9:31 PM IST

जयपुर. कोरोना संक्रमित मरीज की मौत हो जाने पर उसके शव को सरकार की ओर से जारी प्रोटोकॉल के तहत पूरी सुरक्षा के साथ परिजनों को सौंपा जाता है. इसके बाद मृतक के परिजन शव का कोरोना प्रोटोकॉल के तहत प्रशासन की देख-रेख में अंतिम संस्कार करते हैं.

अंतिम संस्कार के लिए प्रोटोकॉल

जिस प्रकार से किसी अन्य बीमारी के चलते व्यक्ति की मौत हो जाने पर उसके शव को पहले अस्पताल के मुर्दाघर में रखवाया जाता है और फिर पोस्टमार्टम की प्रक्रिया के बाद शव परिजनों को सौंपा जाता है. उस तरह से कोरोना संक्रमण के चलते व्यक्ति की मौत हो जाने पर उसके शव को मुर्दाघर में नहीं रखा जाता. कोरोना संक्रमित मरीज की मौत होने के तुरंत बाद ही निर्धारित प्रोटोकॉल के तहत मृतक के शव को पूरी सुरक्षा के साथ उसके परिजनों को सौंप दिया जाता है.

सरकारी गाइडलाइन के तहत सौंपा जाता है शव

एसएमएस अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ प्रदीप शर्मा ने बताया कि कोरोना संक्रमित मरीज की मौत हो जाने पर उसके शव को भारत सरकार की ओर से जारी गाइडलाइन के तहत प्रोटोकॉल का पालन करते हुए मृतक के परिजनों को सौंपा जाता है. कोरोना संक्रमित मरीज की मौत हो जाने के बाद उसके शव को सैनिटाइज किया जाता है. सैनिटाइज करने के बाद मृतक के शव को एक विशेष प्रकार के किट में अच्छी तरीके से लपेटने ने के बाद पूरी सुरक्षा के साथ परिजनों को सुपुर्द किया जाता है.

Funeral Guidelines of Corona Infected Body
शव को अस्पताल से घर ले जाने की इजाजत नहीं

कोरोना संक्रमित मरीज के शव को परिजनों को सौंपने से पहले परिजनों से अंडरटेकिंग ली जाती है. जिसके तहत परिजनों से एक फॉर्म भरवाया जाता है और साथ ही परिजनों को यह जानकारी दी जाती है कि किस तरह से कोरोना प्रोटोकॉल के तहत कॉविड एप्रोप्रियेट बिहेवियर का पालन करते हुए शव का अंतिम संस्कार किया जाना है.

पढ़ें- कोरोना वैक्सीनेशन: डॉक्टर से जानिए कौन कब लगवा सकता है वैक्सीन?

अस्पताल से मृतक के शव को घर नहीं ले जा सकते परिजन

एसएमएस अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ प्रदीप शर्मा ने बताया कि कोरोना संक्रमित मरीज के शव को परिजन घर नहीं ले जा सकते. अस्पताल प्रशासन की ओर से शव परिजनों के सुपुर्द करने के बाद शव को अस्पताल से सीधा अंतिम संस्कार करने के लिए श्मशान घाट ले जाया जाता है. इसके साथ ही अस्पताल प्रशासन की ओर से शव को सैनिटाइज करने के बाद जिस विशेष किट में लपेट करके दिया जाता है उस किट को खोलने की अनुमति भी मृतक के परिजनों को नहीं होती. इसके साथ ही मृतक के परिजनों को यह भी सुनिश्चित करना होता है कि शव के बेहद नजदीक कोई न जाए और साथ ही कम से कम संख्या में परिजन शव का अंतिम संस्कार करें.

Funeral Guidelines of Corona Infected Body
सीमित परिजनों को प्रोटोकॉल के तहत अंतिम संस्कार में शामिल होने की अनुमति

मृतक के परिजनों पर पुलिस की भी रहती है नजर

कोरोना संक्रमित मरीज की मौत हो जाने के बाद कोविड प्रोटोकॉल के तहत शव का जल्द से जल्द अंतिम संस्कार हो इसे लेकर मृतक के परिजनों पर पुलिस की भी नजर रहती है. प्रशासन की ओर से शहर में जिन श्मशान घाट को कोविड मरीजों के अंतिम संस्कार के लिए चयनित किया गया है केवल उन्हीं स्थानों पर संक्रमित मरीजों के शवों का अंतिम संस्कार किया जाता है. अंतिम संस्कार के दौरान किसी भी तरह की कोताही न बरती जाए इसे लेकर संबंधित थाने के पुलिस लगातार निगरानी रखती है.

राशि की डिमांड करने वाले की खैर नहीं

परिजनों को मृतक का शव सौंपते वक्त भी अस्पताल का कर्मचारी राशि की डिमांड न करे इस पर भी पुलिस नजर रखती है. एडिशनल पुलिस कमिश्नर लॉ एंड ऑर्डर राहुल प्रकाश का कहना है कि अब तक राजधानी में ऐसी किसी भी तरह की कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है कि मृतक के शव को परिजनों को सौंपने से पहले राशि की या अन्य किसी तरह की डिमांड की गई हो. यदि इस तरह की कोई शिकायत प्राप्त होगी तो पुलिस उस पर सख्त कानूनी कार्रवाई करेगी.

इसके साथ ही राहुल प्रकाश ने आमजन से भी अपील की है कि यदि कोई भी व्यक्ति शव सौंपने के लिए या अन्य किसी कार्य के लिए रुपयों या वस्तु की डिमांड करता है तो तुरंत उसकी शिकायत पुलिस कंट्रोल रूम में फोन कर या संबंधित थाने को दें.

जयपुर. कोरोना संक्रमित मरीज की मौत हो जाने पर उसके शव को सरकार की ओर से जारी प्रोटोकॉल के तहत पूरी सुरक्षा के साथ परिजनों को सौंपा जाता है. इसके बाद मृतक के परिजन शव का कोरोना प्रोटोकॉल के तहत प्रशासन की देख-रेख में अंतिम संस्कार करते हैं.

अंतिम संस्कार के लिए प्रोटोकॉल

जिस प्रकार से किसी अन्य बीमारी के चलते व्यक्ति की मौत हो जाने पर उसके शव को पहले अस्पताल के मुर्दाघर में रखवाया जाता है और फिर पोस्टमार्टम की प्रक्रिया के बाद शव परिजनों को सौंपा जाता है. उस तरह से कोरोना संक्रमण के चलते व्यक्ति की मौत हो जाने पर उसके शव को मुर्दाघर में नहीं रखा जाता. कोरोना संक्रमित मरीज की मौत होने के तुरंत बाद ही निर्धारित प्रोटोकॉल के तहत मृतक के शव को पूरी सुरक्षा के साथ उसके परिजनों को सौंप दिया जाता है.

सरकारी गाइडलाइन के तहत सौंपा जाता है शव

एसएमएस अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ प्रदीप शर्मा ने बताया कि कोरोना संक्रमित मरीज की मौत हो जाने पर उसके शव को भारत सरकार की ओर से जारी गाइडलाइन के तहत प्रोटोकॉल का पालन करते हुए मृतक के परिजनों को सौंपा जाता है. कोरोना संक्रमित मरीज की मौत हो जाने के बाद उसके शव को सैनिटाइज किया जाता है. सैनिटाइज करने के बाद मृतक के शव को एक विशेष प्रकार के किट में अच्छी तरीके से लपेटने ने के बाद पूरी सुरक्षा के साथ परिजनों को सुपुर्द किया जाता है.

Funeral Guidelines of Corona Infected Body
शव को अस्पताल से घर ले जाने की इजाजत नहीं

कोरोना संक्रमित मरीज के शव को परिजनों को सौंपने से पहले परिजनों से अंडरटेकिंग ली जाती है. जिसके तहत परिजनों से एक फॉर्म भरवाया जाता है और साथ ही परिजनों को यह जानकारी दी जाती है कि किस तरह से कोरोना प्रोटोकॉल के तहत कॉविड एप्रोप्रियेट बिहेवियर का पालन करते हुए शव का अंतिम संस्कार किया जाना है.

पढ़ें- कोरोना वैक्सीनेशन: डॉक्टर से जानिए कौन कब लगवा सकता है वैक्सीन?

अस्पताल से मृतक के शव को घर नहीं ले जा सकते परिजन

एसएमएस अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ प्रदीप शर्मा ने बताया कि कोरोना संक्रमित मरीज के शव को परिजन घर नहीं ले जा सकते. अस्पताल प्रशासन की ओर से शव परिजनों के सुपुर्द करने के बाद शव को अस्पताल से सीधा अंतिम संस्कार करने के लिए श्मशान घाट ले जाया जाता है. इसके साथ ही अस्पताल प्रशासन की ओर से शव को सैनिटाइज करने के बाद जिस विशेष किट में लपेट करके दिया जाता है उस किट को खोलने की अनुमति भी मृतक के परिजनों को नहीं होती. इसके साथ ही मृतक के परिजनों को यह भी सुनिश्चित करना होता है कि शव के बेहद नजदीक कोई न जाए और साथ ही कम से कम संख्या में परिजन शव का अंतिम संस्कार करें.

Funeral Guidelines of Corona Infected Body
सीमित परिजनों को प्रोटोकॉल के तहत अंतिम संस्कार में शामिल होने की अनुमति

मृतक के परिजनों पर पुलिस की भी रहती है नजर

कोरोना संक्रमित मरीज की मौत हो जाने के बाद कोविड प्रोटोकॉल के तहत शव का जल्द से जल्द अंतिम संस्कार हो इसे लेकर मृतक के परिजनों पर पुलिस की भी नजर रहती है. प्रशासन की ओर से शहर में जिन श्मशान घाट को कोविड मरीजों के अंतिम संस्कार के लिए चयनित किया गया है केवल उन्हीं स्थानों पर संक्रमित मरीजों के शवों का अंतिम संस्कार किया जाता है. अंतिम संस्कार के दौरान किसी भी तरह की कोताही न बरती जाए इसे लेकर संबंधित थाने के पुलिस लगातार निगरानी रखती है.

राशि की डिमांड करने वाले की खैर नहीं

परिजनों को मृतक का शव सौंपते वक्त भी अस्पताल का कर्मचारी राशि की डिमांड न करे इस पर भी पुलिस नजर रखती है. एडिशनल पुलिस कमिश्नर लॉ एंड ऑर्डर राहुल प्रकाश का कहना है कि अब तक राजधानी में ऐसी किसी भी तरह की कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है कि मृतक के शव को परिजनों को सौंपने से पहले राशि की या अन्य किसी तरह की डिमांड की गई हो. यदि इस तरह की कोई शिकायत प्राप्त होगी तो पुलिस उस पर सख्त कानूनी कार्रवाई करेगी.

इसके साथ ही राहुल प्रकाश ने आमजन से भी अपील की है कि यदि कोई भी व्यक्ति शव सौंपने के लिए या अन्य किसी कार्य के लिए रुपयों या वस्तु की डिमांड करता है तो तुरंत उसकी शिकायत पुलिस कंट्रोल रूम में फोन कर या संबंधित थाने को दें.

Last Updated : May 23, 2021, 9:31 PM IST
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