जयपुर. साल 2013 में पंचायतीराज विभाग में निकली भर्ती में शेष रहे 10,029 पदों पर नियुक्ति देने और विभाग में भर्ती का कैलेंडर जारी करने की मांग को लेकर अब संविदा पर लगे कर्मचारियों ने राज्य सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. उन्होंने 2 अक्टूबर से शुरू हो रहे प्रशासन गांवों के संग अभियान का बहिष्कार करने की भी चेतावनी दी है. शुक्रवार को इन संविदाकर्मियों ने जयपुर में शहीद स्मारक पर पड़ाव डालकर धरना शुरू कर दिया है.
पंचायतीराज विभाग संघर्ष समिति के प्रदेशाध्यक्ष घनश्याम कड़वासरा का कहना है कि पंचायतीराज विभाग में साल 2013 में एलडीसी की भर्ती निकाली गई थी. उस समय प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी. लेकिन राज्य में सत्ता परिवर्तन हो गया. भाजपा सरकार ने पूरे पांच साल में भी इस भर्ती को पूरा नहीं किया. 2018 में मुख्यमंत्री गहलोत ने
5 मार्च 2019 को वापस कैलेंडर जारी कर नियुक्ति के आदेश दिए थे. लेकिन कुछ समय बाद ही लोकसभा चुनाव की वजह से आचार संहिता लग गई.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने खाली रहे पदों को भरने के दिए थे निर्देश
24 जून को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पंचायतीराज विभाग की समीक्षा बैठक खाली रहे पदों को दो चरण में भरे जाने की घोषणा की थी. पहले चरण में 4 हजार और दूसरे चरण में 6,029 पद भरकर इस भर्ती को पूरा करने की बात कही थी. लेकिन मुख्यमंत्री की घोषणा के 90 दिन बीत जाने के बाद भी विभाग के आला अधिकारियों ने इस संबंध में कोई कार्यवाही नहीं की.
घनश्याम कड़वासरा का कहना है कि प्रशासन गांवों के संग अभियान को पूरा करवाना चाहते हैं. लेकिन उनकी बात नहीं सुनी जा रही है. इसलिए उन्होंने धरना शुरू किया है. उन्होंने चेतावनी दी कि सरकार यदि भर्ती का कैलेंडर जारी नहीं करती है तो वे 2 अक्टूबर से शुरू हो रहे प्रशासन गांवों के संग अभियान का बहिष्कार करेंगे.