जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने कुख्यात गैंगस्टर विक्रम उर्फ पपला गुर्जर को बहरोड थाने के लॉकअप से फरार कराने के मामले में एक दर्जन आरोपियों की जमानत अर्जी को खारिज कर दिया है. न्यायाधीश सतीश कुमार शर्मा ने कहा कि आरोपियों ने थाने में एके-47 से फायरिंग कर आरोपी को छुड़वाया है. यह कृत्य राज्य सत्ता को चुनौती देने वाला है. ऐसे में आरोपियों को जमानत पर रिहा नहीं किया जा सकता.
जमानत अर्जी में कहा गया कि पुलिस की एफआईआर में केवल आधा दर्जन लोगों के खिलाफ आरोप लगाए गए हैं. जबकि अब तक करीब 2 दर्जन लोगों को गिरफ्तार किया गया है. वहीं कुछ अन्य के खिलाफ जांच लंबित रखी गई है. पुलिस ने थाने में एके-47 से फायरिंग कर पपला गुर्जर को फरार करने का आरोप लगाया है, जबकि एके-47 से फायरिंग के बाद भी किसी को चोट नहीं आना अपने आप में संदेहजनक बात है.
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मामले में याचिकाकर्ताओं पर रेकी करने और फरारी से पहले आपस में बातचीत का आरोप है. उन पर किसी तरह का सीधा आरोप नहीं है. ऐसे में उन्हें जमानत पर रिहा किया जाए. वहीं राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि आरोपियों के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य मौजूद हैं. उन्होंने पुलिस थाने पर हमला कर अपराधी को फरार कराया है. ऐसे में उसे जमानत पर रिहा नहीं किया जा सकता.
मामले के अनुसार सितंबर 2019 में पपला गुर्जर कुख्यात बदमाश लादेन को मारने आया था, लेकिन वह बहरोड़ पुलिस के हत्थे चढ़ गया. पुलिस को उसकी कार से करीब 32 लाख रुपए भी बरामद हुए थे. वहीं पपला के पकड़े जाने के बाद बहरोड थाना के पुलिसकर्मियों ने पपला के गुर्गो से उसकी फोन पर बात कराई. वहीं अगले दिन सुबह बहरोड थाने में पपला गुर्जर के साथियों ने आकर एके-47 से ताबड़तोड़ फायरिंग कर उसे लॉकअप से छुड़वा कर फरार हो गए.
इन आरोपियों की हुई जमानत अर्जी खारिज
न्यायिक अभिरक्षा में चल रहे विनोद स्वामी, अशोक, दीक्षांत, सुभाष, महिपाल, विक्रम सिंह, जगन, सोमदत्त, सुनील कुमार, विनोद कुमार, प्रशांत और कैलाश की जमानत याचिका हाईकोर्ट ने खारिज की है.