जयपुर. घूसखोरी और भ्रष्टाचार के मामले में जेल में बंद दौसा के तत्कालीन एसपी मनीष अग्रवाल की निलंबन अवधि को राज्य सरकार ने 120 दिन के लिए और बढ़ा दिया है. मुख्य सचिव निरंजन आर्य की अध्यक्षता में कमेटी ने इस बारे में समीक्षा करते हुए यह अनुशंसा की है. इस बारे में कमेटी का मत था कि चूंकि आरोपित मनीष अग्रवाल अभी भी न्यायिक अभिरक्षा में है, ऐसे में उन्हें फिलहाल बहाल नहीं किया जा सकता है. जिसकी वजह से कमेटी ने तुरंत उनकी निलंबन अवधि 24 मार्च से 120 दिन बढ़ाने की सिफारिश कर दी है.
बता दें, राजस्थान सरकार ने भ्रष्टाचार के मामले में प्राथमिक जांच में लिप्त पाए जाने पर आईपीएस अधिकारी मनीष अग्रवाल को निलंबित कर दिया था. एसीबी ने अग्रवाल को 2 फरवरी को गिरफ्तार किया था. गिरफ्तारी के बाद 48 घंटे से ज्यादा पुलिस हिरासत में रहने के कारण आईपीएस अग्रवाल को पूर्व में निलंबित किया गया था.
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दरअसल, आईपीएस अधिकारी मनीष अग्रवाल पर दौसा जिले के एसपी रहते हुए भ्रष्टाचार करने का आरोप है और एसीबी ने इस संबंध में मामला दर्ज किया था. अग्रवाल को हाईवे बनाने वाली कंपनी से घूस लेने के आरोप में 2 फरवरी को गिरफ्तार किया गया था. एसीबी ने 13 जनवरी को इस मामले में दलाल नीरज मीणा और दो उपखंड अधिकारी पिंकी मीणा और पुष्कर मीणा को गिरफ्तार किया था. इन पर जयपुर-आगरा हाईवे बनाने वाली दो कंपनियों से लाखों रुपए घूस लेने के आरोप हैं. आईपीएस मनीष अग्रवाल भी इस मामले में एसीबी के रडार पर थे.
कलेक्टर इंदर सिंह राव गिरफ्तार
आईपीएस मनीष अग्रवाल को सस्पेंड करने का प्रदेश में पहला मामला नहीं है. मनीष अग्रवाल से भी पहले 3 आईपीएस और 3 आईएएस गिरफ्तार हो चुके हैं. जून 2012 में रिश्वत मामले में आईपीएस अजय सिंह को गिरफ्तार किया गया था, बाद में कोर्ट ने बरी कर दिया था. जनवरी 2013 में तत्कालीन अजमेर एसपी राजेश मीणा को गिरफ्तार किया गया था. मई 2014 में कोटा के तत्कालीन एसपी सत्यवीर सिंह को गिरफ्तार किया गया था. सितंबर 2015 में खान घोटाले में आईएएस अशोक सिंघवी को गिरफ्तार किया गया था. मई 2018 में आईएएस निर्मला मीणा को गिरफ्तार किया गया था. दिसंबर 2020 में बारा जिले के तत्कालीन जिला कलेक्टर इंदर सिंह राव को गिरफ्तार किया गया.