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सुषमा स्वराज का वो आखिरी ट्वीट...जो लोगों को रुला गया

बुधवार शाम को दिल्ली के लोधी रोड स्थित शवदाह में उनका अंतिम संस्कार किया गया. सुषमा स्वराज की बेटी बांसुरी स्वराज ने अंतिम संस्कार की सभी रस्में पूरी कीं. अंतिम सांस लेने के कुछ घंटें पहले सुषमा स्वराज ने एक ट्वीट किया जिसने लोगों को रूला दिया.

Sushma Swaraj last tweet, सुषमा स्वराज आखरी ट्वीट
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Published : Aug 7, 2019, 6:45 PM IST

Updated : Aug 7, 2019, 7:06 PM IST

नई दिल्ली. भारतीय जनता पार्टी की वरिष्ठ नेता और पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का मंगलवार रात को निधन हो गया. 67 साल की सुषमा स्वराज को मंगलवार रात दिल का दौरा पड़ा था. बुधवार शाम को दिल्ली के लोधी रोड स्थित शवदाह में उनका अंतिम संस्कार किया गया. सुषमा स्वराज की बेटी बांसुरी स्वराज ने अंतिम संस्कार की सभी रस्में पूरी कीं. सुषमा के निधन पर देश और दुनिया के बड़े नेताओं ने दुख व्यक्त किया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, BJP के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, गृह मंत्री अमित शाह समेत कई बड़े नेता अंतिम संस्कार में मौजूद रहे.

अपने आखिरी ट्वीट में सुषमा स्वराज ने लिखा, "प्रधान मंत्री जी - आपका हार्दिक अभिनन्दन. मैं अपने जीवन में इस दिन को देखने की प्रतीक्षा कर रही थी"

  • प्रधान मंत्री जी - आपका हार्दिक अभिनन्दन. मैं अपने जीवन में इस दिन को देखने की प्रतीक्षा कर रही थी. @narendramodi ji - Thank you Prime Minister. Thank you very much. I was waiting to see this day in my lifetime.

    — Sushma Swaraj (@SushmaSwaraj) August 6, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने भी सुषमा स्वराज को अंतिम श्रद्धांजलि दी. सुषमा को श्रद्धांजलि देते वक्त वेंकैया नायडू फफक-फफक कर रो पड़े.

सुषमा के निधन के बाद उनके जन्मस्थल अम्बाला में मातम छा गया. आस पास के लोगों का कहना है कि मैनें बहुत कुछ खो गया है हम बता नहीं सकते हैं कि उनके जाने पर हमनें क्या खोया है.

बता दें कि सुषमा अम्बाला से 3 बार विधायक भी रही है. स्थानीय लोग ने बताया कि उनके जाने से मेरे लिए एक जीवन का अध्याय खत्म हो गया. दीदी जी की वजह से कई लोगों को नौकरियां दिलाई. जितना हम लोग जानते हैं उतना सुषमा जी को कोई नहीं जानता. हम साथ में खेलते थे और वो उस समय में भी हम लोगों को भाषण देती थी.

सुषमा स्वराज ने दिया था 'मोदी है तो मुमकिन है' का नारा, इस नारे की भी हुई थी चर्चा

सुषमा जी ने महिलाओं के साथ बहुत काम किया है. और अम्बाला के लिए बहुत काम किया. रक्षाबंधन और भईयादूज पर अम्बाला जरुर आती थी और सबसे मिलती थी. अम्बाला का कोई भी व्यक्ति अम्बाला जाता था उससे जरूर मिलती थी.

नई दिल्ली. भारतीय जनता पार्टी की वरिष्ठ नेता और पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का मंगलवार रात को निधन हो गया. 67 साल की सुषमा स्वराज को मंगलवार रात दिल का दौरा पड़ा था. बुधवार शाम को दिल्ली के लोधी रोड स्थित शवदाह में उनका अंतिम संस्कार किया गया. सुषमा स्वराज की बेटी बांसुरी स्वराज ने अंतिम संस्कार की सभी रस्में पूरी कीं. सुषमा के निधन पर देश और दुनिया के बड़े नेताओं ने दुख व्यक्त किया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, BJP के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, गृह मंत्री अमित शाह समेत कई बड़े नेता अंतिम संस्कार में मौजूद रहे.

अपने आखिरी ट्वीट में सुषमा स्वराज ने लिखा, "प्रधान मंत्री जी - आपका हार्दिक अभिनन्दन. मैं अपने जीवन में इस दिन को देखने की प्रतीक्षा कर रही थी"

  • प्रधान मंत्री जी - आपका हार्दिक अभिनन्दन. मैं अपने जीवन में इस दिन को देखने की प्रतीक्षा कर रही थी. @narendramodi ji - Thank you Prime Minister. Thank you very much. I was waiting to see this day in my lifetime.

    — Sushma Swaraj (@SushmaSwaraj) August 6, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने भी सुषमा स्वराज को अंतिम श्रद्धांजलि दी. सुषमा को श्रद्धांजलि देते वक्त वेंकैया नायडू फफक-फफक कर रो पड़े.

सुषमा के निधन के बाद उनके जन्मस्थल अम्बाला में मातम छा गया. आस पास के लोगों का कहना है कि मैनें बहुत कुछ खो गया है हम बता नहीं सकते हैं कि उनके जाने पर हमनें क्या खोया है.

बता दें कि सुषमा अम्बाला से 3 बार विधायक भी रही है. स्थानीय लोग ने बताया कि उनके जाने से मेरे लिए एक जीवन का अध्याय खत्म हो गया. दीदी जी की वजह से कई लोगों को नौकरियां दिलाई. जितना हम लोग जानते हैं उतना सुषमा जी को कोई नहीं जानता. हम साथ में खेलते थे और वो उस समय में भी हम लोगों को भाषण देती थी.

सुषमा स्वराज ने दिया था 'मोदी है तो मुमकिन है' का नारा, इस नारे की भी हुई थी चर्चा

सुषमा जी ने महिलाओं के साथ बहुत काम किया है. और अम्बाला के लिए बहुत काम किया. रक्षाबंधन और भईयादूज पर अम्बाला जरुर आती थी और सबसे मिलती थी. अम्बाला का कोई भी व्यक्ति अम्बाला जाता था उससे जरूर मिलती थी.

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rahul 


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Last Updated : Aug 7, 2019, 7:06 PM IST
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