जयपुर. राजनीति की पहली पाठशाला छात्र संघ चुनाव के बाद राजनीति की दूसरी पाठशाला में भी छात्र नेताओं ने कदम बढ़ा दिए हैं. नगर निगम के चुनाव में इस बार अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) और नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) के छात्र नेताओं ने ताल ठोकी है. इनमें कई प्रत्याशियों को उम्मीद है कि उन्हें पार्टी से टिकट भी मिलेगा. तो कुछ निर्दलीय मैदान में उतरकर किस्मत आजमा सकते हैं. राजनीति करने के उद्देश्य से युवा छात्र नेता निगम चुनाव में राजनीतिक पार्टियों से टिकट की मांग कर रहे हैं. टिकट लेने की दौड़ में एनएसयूआई के 11 तो एबीवीपी के 15 से ज्यादा छात्र नेता शामिल हैं.
राजस्थान विश्वविद्यालय के छात्र नेता न सिर्फ प्रदेश की, साथ ही केंद्र की सत्ता में भी प्रदेश का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं. ऐसे में निगम चुनाव में युवा छात्र नेताओं ने युवाओं पर भरोसा दिखाने की मांग तेज कर दी है. इस चुनावी समर में उतरने को तैयार एनएसयूआई के प्रदेश प्रवक्ता रमेश भाटी का कहना है कि छात्र राजनीति से आगे अब मुख्य राजनीति की पहली सीढ़ी चढ़ने के लिए वो बगरू विधानसभा के एक वार्ड से टिकट मांग रहे हैं. उनका मानना है पहले भी राजनीतिक दलों ने युवाओं पर भरोसा जताया था, और अब बारी निगम चुनाव की है. ऐसे में युवाओं को ज्यादा से ज्यादा मौका मिलना चाहिए, जिससे वो अपनी प्रतिभा दिखा सकें.
वहीं आदर्श नगर विधानसभा के एक वार्ड से विश्वविद्यालय की छात्र नेता पूजा भार्गव ने उम्मीदवारी जताई है. उनका मानना है कि युवा अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा रहे हैं. ऐसे में राजनीति में अपना भविष्य तलाश रहे युवाओं को ज्यादा से ज्यादा मौका मिलना चाहिए. ताकि क्षेत्र का विकास करने में अपनी भूमिका निभा सकें. उन्होंने अपेक्षा जताई कि जिस तरह उन्होंने छात्र राजनीति में काम किया, कांग्रेस पार्टी उन्हें लोकल बॉडी में भी काम करने का मौका देगी. ऐसा नहीं है कि छात्र नेता केवल कांग्रेस के टिकट पर ही चुनाव लड़ने के इच्छुक हैं. बल्कि एबीवीपी के कुछ कार्यकर्ता भी बीजेपी से निगम चुनाव में टिकट की दावेदारी जता रहे हैं.
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झोटवाड़ा विधानसभा क्षेत्र के एक वार्ड से एबीवीपी के छात्र नेता विक्रम चौधरी ने बताया कि भारत युवाओं का देश है. बीजेपी ने पहले भी युवाओं को मौका दिया है और इस बार भी उम्मीद है कि युवाओं को मौका मिलेगा. ताकि आने वाले समय में छात्र नेता मुख्य राजनीति में अपना मुकाम हासिल कर सकें और युवा सोच के साथ क्षेत्र का विकास किया जा सके. वहीं एबीवीपी से छात्र संघ उपाध्यक्ष रही बुलबुल पाठक की माने तो निगम में युवा पार्षदों के आने से क्षेत्र के विकास के साथ-साथ निगम की राजनीति के स्तर में भी बदलाव होगा.
इससे पहले बीजेपी के अशोक लाहोटी और कांग्रेस की अर्चना शर्मा भी छात्र राजनीति में सक्रिय रहते हुए. पहले निगम में पार्षद रहे और आज अपने-अपने दल में कद्दावर नेता के रूप में जगह बनाए हुए हैं. इसी लक्ष्य को लेकर अब छात्र नेता मुख्य राजनीति में प्रवेश करने के लिए पार्टी कार्यालयों के चक्कर काट रहे हैं.