जयपुर. केंद्र सरकार की ओर से दालों पर जारी स्टॉक सीमा के अध्यादेश के विरोध में राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संघ (Rajasthan Foods Trade Association) के आह्वान पर प्रदेश की मंडियों में 2 दिन की हड़ताल की घोषणा की गई है. जिसके बाद मंगलवार को राज्य की मण्डियां और दाल मिलों का व्यापार बंद रहा. व्यापार बंद के कारण मण्डियों और दाल मिलों के करीब 1700 करोड़ रुपए का टर्नऑवर प्रभावित हुआ.
राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संघ के चेयरमैन बाबूलाल गुप्ता ने बताया कि इस मौके पर मंडी कारोबारियों ने अपना विरोध दर्ज करवाया और जिला कलेक्टर के माध्यम से केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल के नाम ज्ञापन सौंपे गए. मंगलवार को जयपुर की राजधानी मण्डी, सूरजपोल मण्डी और मुहाना ग्रेन मण्डी ने व्यापार बंद रखा. प्रदेश की सभी 247 मण्डियों में व्यापार बंद रहा और जयपुर की 170, बीकानेर की 100, जोधपुर की 50 और पूरे राजस्थान की 600 दाल मीलों ने व्यापार बंद रखकर विरोध जताया.
बुधवार को भी बंद रहेगी मंडी और दाल मिल
बता दें, स्टॉक लिमिट के विरोध में मण्डियां और दाल मिलें बुधवार को भी बंद रहेगी. बाबूलाल गुप्ता का कहना है कि इस अध्यादेश से व्यापारी, उद्योग, किसान और उपभोक्ता सभी को नुकसान है. दाल की आगे की होने वाली बुवाई के लिए भी इस आदेश से किसान हतोत्साहित हुआ है. इस अध्यादेश को शीघ्र वापस लिया जाए.
दालों का कारोबार
देश में 2 करोड़ 40 लाख टन दालों की खपत होती है. देश में लगभग 2 करोड़ 34 लाख टन दालों का उत्पादन होता है. राजस्थान में दालों का उत्पादन सर प्लस होता है. प्रदेश में चने की दाल का उत्पादन 25 लाख टन, मूंग की दाल का 15 लाख टन, मोठ दाल का 3 लाख 50 हजार टन, उड़द की दाल का 80 हजार टन और चोलाई की दाल का उत्पादन 50 हजार टन होता है.