जयपुर. कोरोना संक्रमण के कारण बीते 5 महीने से बंद धार्मिक स्थलों को फिर से खोल दिया गया है और इन धार्मिक स्थलों में श्रद्धालुओं का आना जाना भी शुरू हो गया है. हालांकि इसके लिए कोविड की गाइडलाइन का पूरा पालन भी किया जा रहा है. हिंदू धार्मिक स्थलों के अलावा मुस्लिम धार्मिक स्थल भी श्रद्धालुओं से गुलजार होने लगे हैं. अकीदतमंद फरियाद लेकर पहुंच रहे हैं.
चार दरवाजा स्थित हजरत मौलाना जियाउद्दीन साहब की दरगाह भी जायरीनों के लिए खोल दी गई है. लॉकडाउन से पहले जुमेरात को दिन भर जायरीनों का आना जाना लगा रहता था. खास तौर पर शाम के वक्त दरगाह परिसर जायरीनों से भरा रहता था. गुरुवार को धर्मस्थल खुलने के बाद पहली जुमेरात के मौके पर मौलाना जियाउद्दीन साहब की दरगाह पर कम संख्या में आए. जिन्होंने जियारत की और अकीदत का नजराना पेश किया.
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मौलाना जियाउद्दीन साहब की दरगाह सैयद अजीजुद्दीन उर्फ बादशाह मियां ने बताया कि मौलाना जियाउद्दीन साहब से अकीदत रखने वाले लोग गुरुवार को दरगाह में आए हैं. पहले की तुलना में इस बार कोरोना संक्रमण के मद्देनजर 60 फीसदी जायरीन कम पहुंचे. आस्ताना शरीफ में एक बार में सिर्फ 5 से 7 लोगों का ही मास्क लगाकर प्रवेश दिया जा रहा है. साथ ही दरगाह को सैनिटाइज भी किया जा रहा है.
राजस्थान सरकार की तरफ से धार्मिक स्थलों को खोलने के बाद शुक्रवार को जुमे की नमाज मस्जिद और मुस्लिम धार्मिक स्थलों पर पढ़ी जाएगी. जिसको लेकर विशेष तैयारियां दरगाह और मस्जिद में की जा रही है. खास तौर पर सोशल डिस्टेंसिंग के साथ नमाज पढ़ने की हिदायत दी जा रही है. दरगाह मस्जिदों में बड़े-बड़े पोस्टर होर्डिंग भी इन नियमों को लेकर लगाए गए हैं कि कोई भी अगर गाइडलाइन की पालना नहीं करता है तो उस पर कोरोना संकट मंडरा सकता है.