जयपुर. विधानसभा के पहले दिन गहलोत सरकार को लेकर विश्वास प्रस्ताव 123 के आंकड़े से ध्वनि मत से पारित हो गया. इसके बाद से बीजेपी और कांग्रेस के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. बीजेपी की ओर से आपसी विवाद का ठीकरा विपक्ष के सिर फोड़ने के आरोप पर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने बीजेपी की एकजुटता पर ही सवाल खड़े कर दिए.
विधानसभा में बीजेपी ने सत्ता पक्ष की ओर से विश्वासमत लाने के बाद अविश्वास प्रस्ताव लाने का विचार टाल दिया. हालांकि विधानसभा में पक्ष-विपक्ष के बीच सीएम और पूर्व डिप्टी सीएम के बीच के विवाद और विधायकों की बाड़ाबंदी को लेकर जमकर बहस हुई. वहीं विपक्ष ने सरकार पर आपसी विवाद को बीजेपी के माथे मढ़ने का आरोप लगाया.
प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा का वार
इस पर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि कांग्रेस में आपसी लड़ाई नहीं थी. पहले भी 123 थे, आज भी 123 हैं. जो षड्यंत्र बीजेपी के द्वारा रचा गया, वो नाकामयाब हो गया, और कल सामने आ ही गया कि बीजेपी में कितने टुकड़े हैं. यही वजह है कि उनके द्वारा डिवीजन की मांग भी नहीं की गई. नेता प्रतिपक्ष 72 प्लस 3 का दावा करते हैं, लेकिन वो उन 75 को भी एकजुट नहीं रख पाए.
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया का पलटवार
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष की ओर से बीजेपी की एकजुटता पर उठाए गए सवाल पर पलटवार करते हुए, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि देश को आज आजादी मिली थी, और कांग्रेस के विधायकों को 32 दिन बाड़े में रहने के बाद कल आजादी मिली है.उन्होंने बीजेपी की एकजुटता पर सवाल उठाने की बात को हास्यास्पद बताया. साथ ही कहा कि किस वजह से ये झगड़ा हुआ, किस कारण ये नौबत आई, पूरी दुनिया ने देखा है. इस समय कांग्रेस पार्टी निराशा और बौखलाहट की शिकार है, क्योंकि विचार और नीति से सारे देश ने कांग्रेस को नकार दिया.
पूनिया ने कहा कि मुश्किल से साढ़े तीन प्रदेशों में कांग्रेस की सरकार है. इतनी बड़ी पार्टी को उनका आलाकमान 34 दिन तक बंधक बनाकर रखे तो फूट तो उनमें साफ तौर पर दिख ही रही है. बीजेपी में तो कोई ऐसा झगड़ा नहीं. बहरहाल, विधानसभा की कार्यवाही 21 अगस्त तक स्थगित कर दी गई है. लेकिन बीजेपी और कांग्रेस के बीच छिड़ी इस बहस में देखना होगा कि विधानसभा की आगामी कार्यवाही में जनता से जुड़े मुद्दों पर भी मंथन हो पाता है या नहीं.