जयपुर. टैक्स चोरी को लेकर ओसवाल ग्रुप सरकारी एजेंसियों के निशाने पर है. प्रदेश का बड़ा साबुन निर्माता ग्रुप टैक्स चोरी कर अपने हाथ काले कर रहा है. ओसवाल ग्रुप पर आयकर विभाग की ओर से मारे गए छापों की फाइल अभी बंद भी नहीं हुई है कि स्टेट जीएसटी टीम ने कोरोना का हाल में किए गए कारनामों को लेकर छापा मारा है.
स्टेट जीएसटी टीम ने जयपुर में प्रमुख ठिकानों पर दबिश देकर 6 जगहों पर छापे मार कार्रवाई को अंजाम दिया है. 6 जगह पर की गई छापेमारी कार्रवाई में कई चौंकाने वाले खुलासे भी हुए हैं. कागजों में हेरफेर कर राजस्व को भी चूना लगाया जा रहा था. ईवे बिल और टैंकर्स के आवागमन में भी बड़ी गड़बड़ियां मिली है. जब्त दस्तावेजों से कई अहम खुलासे हो सकते हैं. ओसवाल ग्रुप पर आयकर विभाग भी पहले छापेमारी कार्रवाई कर चुका है. इसके बावजूद ग्रुप प्रमोटर्स की नीति और नियत में सुधार नजर नहीं आया.
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कोरोना संक्रमण में साबुन से हाथ धोकर खतरा कम करने की सलाह देने वाला ग्रुप ही काले कारनामों को करता पकड़ा गया है. लॉकडाउन में भी फैक्ट्री संचालन के बावजूद कम टैक्स जमा करवाने पर निगाह में आए ओसवाल ग्रुप की छानबीन में कई काले कारनामों की परतें खुल रही है. एसजीएसटी टीम ने 10 दिन लगातार ग्रुप की हलचल पर नजर रखने के बाद छापा मारा. जिसमें करोड़ों रुपए की टैक्स चोरी सामने आने की संभावना है. जयपुर के कानोता, मालवीय नगर, मानसरोवर, बस्सी और ब्रह्मपुरी में एसजीएसटी टीम दस्तावेजों की छानबीन कर रही है. 6 जगहों पर छापेमारी में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं. साबुन निर्माता कंपनी कागजों में हेरफेर कर राजस्व पर चुना लगा रही थी.
कंपनी के टैंकर फर्जी ईवे बिल के साथ दौड़ रहे थे. वाणिज्य कर विभाग के अधिकारियों को छापेमारी में ईवे बिल और टैंकर्स के आवागमन में भारी गड़बड़ियां मिली है. जब्त दस्तावेजों से कई अहम खुलासे हो सकते हैं. गौरतलब है कि ओसवाल ग्रुप पर आयकर विभाग भी सितंबर 2018 में छापेमारी कर चुका है. जिसके जांच अभी बंद नहीं हुई है.