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हाइब्रिड मॉडल पर राज्य सरकार का यू टर्न, पार्षद ही बन सकेंगे निकाय प्रमुख

निकाय चुनाव में हाइब्रिड मॉडल पर यू टर्न लेते हुए राज्य सरकार ने अपना फैसला वापस ले लिया है. बता दें कि राज्य सरकार ने हाइब्रिड मॉडल को खत्म करते हुए अब पार्षद के ही निकाय प्रमुख चुने जाने के फैसले पर मुहर लगाई है.

राजस्थान निकाय चुनाव न्यूज , Only councilors will be able to head the body
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Published : Oct 25, 2019, 5:07 PM IST

Updated : Oct 25, 2019, 8:19 PM IST

जयपुर. निकाय चुनाव में हाइब्रिड मॉडल पर यू टर्न लेते हुए राज्य सरकार ने अपना फैसला वापस ले लिया है. बता दें कि अब निकाय प्रमुख पार्षद ही बन सकेंगे. आचार संहिता लगने से पहले यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने प्रेस नोट जारी करते हुए ये जानकारी दी.

पार्षद ही बन सकेंगे निकाय प्रमुख

निकाय चुनाव में जिस हाइब्रिड मॉडल को लेकर प्रदेश की सरकार और संगठन आमने-सामने हो गए, उसे अब वापस ले लिया गया है. राज्य सरकार ने हाइब्रिड मॉडल को खत्म करते हुए अब पार्षद के ही निकाय प्रमुख चुने जाने के फैसले पर मुहर लगाई है. दरअसल, निकाय चुनाव में हाइब्रिड मॉडल को लेकर सरकार के नुमाइंदों में ही तनातनी चल रही थी. प्रदेश में नवंबर में निकाय चुनाव होने हैं, इन निकाय चुनाव को लेकर कांग्रेस के अंदर भारी उठापटक शुरू हो गई थी.

पढ़ें- हाइब्रिड फॉर्मूले पर पायलट की दो टूक, कहा- संगठन के आशीर्वाद से ही हम सत्ता में हैं...देखते हैं क्या होता है

बता दें कि राजस्थान के उपमुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष सचिन पायलट ने मेयर और स्थानीय निकाय के प्रमुखों के चयन को लेकर सरकार की ओर से दिए गए फार्मूले पर नाराजगी जताई थी. इस संबंध में पायलट और यूडीएच मंत्री धारीवाल की कई मुलाकात भी हुई, लेकिन कहीं भी बात नहीं बनी. ऐसे में अब निकाय चुनाव को लेकर संशोधित आदेश जारी किया गया है. जिसके तहत अब कोई पैराशूट उम्मीदवार निकाय प्रमुख नहीं बन सकेगा. बता दें कि 49 निकायों में होने वाले चुनाव की आचार संहिता से ठीक पहले हाइब्रिड फार्मूला वापस लेने का फैसला लिया गया है.

जयपुर. निकाय चुनाव में हाइब्रिड मॉडल पर यू टर्न लेते हुए राज्य सरकार ने अपना फैसला वापस ले लिया है. बता दें कि अब निकाय प्रमुख पार्षद ही बन सकेंगे. आचार संहिता लगने से पहले यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने प्रेस नोट जारी करते हुए ये जानकारी दी.

पार्षद ही बन सकेंगे निकाय प्रमुख

निकाय चुनाव में जिस हाइब्रिड मॉडल को लेकर प्रदेश की सरकार और संगठन आमने-सामने हो गए, उसे अब वापस ले लिया गया है. राज्य सरकार ने हाइब्रिड मॉडल को खत्म करते हुए अब पार्षद के ही निकाय प्रमुख चुने जाने के फैसले पर मुहर लगाई है. दरअसल, निकाय चुनाव में हाइब्रिड मॉडल को लेकर सरकार के नुमाइंदों में ही तनातनी चल रही थी. प्रदेश में नवंबर में निकाय चुनाव होने हैं, इन निकाय चुनाव को लेकर कांग्रेस के अंदर भारी उठापटक शुरू हो गई थी.

पढ़ें- हाइब्रिड फॉर्मूले पर पायलट की दो टूक, कहा- संगठन के आशीर्वाद से ही हम सत्ता में हैं...देखते हैं क्या होता है

बता दें कि राजस्थान के उपमुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष सचिन पायलट ने मेयर और स्थानीय निकाय के प्रमुखों के चयन को लेकर सरकार की ओर से दिए गए फार्मूले पर नाराजगी जताई थी. इस संबंध में पायलट और यूडीएच मंत्री धारीवाल की कई मुलाकात भी हुई, लेकिन कहीं भी बात नहीं बनी. ऐसे में अब निकाय चुनाव को लेकर संशोधित आदेश जारी किया गया है. जिसके तहत अब कोई पैराशूट उम्मीदवार निकाय प्रमुख नहीं बन सकेगा. बता दें कि 49 निकायों में होने वाले चुनाव की आचार संहिता से ठीक पहले हाइब्रिड फार्मूला वापस लेने का फैसला लिया गया है.

Intro:जयपुर - निकाय चुनाव में हाइब्रिड मॉडल पर यू टर्न लेते हुए राज्य सरकार ने अपना फैसला वापस लिया है। अब निकाय प्रमुख पार्षद ही बन सकेंगे। निकाय चुनाव को लेकर लगने वाली आचार संहिता से पहले ये संशोधित आदेश जारी किया गया है।


Body:निकाय चुनाव में जिस हाइब्रिड मॉडल को लेकर प्रदेश की सरकार और संगठन आमने-सामने हो गए, उसे अब वापस ले लिया गया है। राज्य सरकार ने हाइब्रिड मॉडल को खत्म करते हुए अब पार्षद के ही निकाय प्रमुख चुने जाने के फैसले पर मुहर लगाई है। दरअसल, निकाय चुनाव में हाइब्रिड मॉडल को लेकर सरकार के नुमाइंदों में ही तनातनी चल रही थी। प्रदेश में नवंबर में निकाय चुनाव होने हैं, इन निकाय चुनाव को लेकर कांग्रेस के अंदर भारी उठापटक शुरू हो गई थी। राजस्थान के उपमुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष सचिन पायलट ने मेयर और स्थानीय निकाय के प्रमुखों के चयन को लेकर सरकार की ओर से दिए गए फार्मूले पर नाराजगी जताई थी। इस संबंध में पायलट और यूडीएच मंत्री धारीवाल की कई मुलाकात भी हुई। लेकिन कहीं भी बात नहीं बनी। ऐसे में अब निकाय चुनाव को लेकर संशोधित आदेश जारी किया गया है। जिसके तहत अब कोई पैराशूट उम्मीदवार निकाय प्रमुख नहीं बन सकेगा।


Conclusion:आपको बता दें कि राजस्थान में नगर निकाय चुनाव में निकाय प्रमुख को लेकर नए फार्मूले का विवाद दिल्ली तक जा पहुंचा था। वहीं प्रदेश कांग्रेस में भी गुटबाजी देखने को मिल रही थी। जिस पर अब 49 निकायों में होने वाले चुनाव की आचार संहिता से ठीक पहले हाइब्रिड फार्मूला वापस लेने का फैसला लिया गया है।
Last Updated : Oct 25, 2019, 8:19 PM IST
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