जयपुर. निकाय चुनाव में हाइब्रिड मॉडल पर यू टर्न लेते हुए राज्य सरकार ने अपना फैसला वापस ले लिया है. बता दें कि अब निकाय प्रमुख पार्षद ही बन सकेंगे. आचार संहिता लगने से पहले यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने प्रेस नोट जारी करते हुए ये जानकारी दी.
निकाय चुनाव में जिस हाइब्रिड मॉडल को लेकर प्रदेश की सरकार और संगठन आमने-सामने हो गए, उसे अब वापस ले लिया गया है. राज्य सरकार ने हाइब्रिड मॉडल को खत्म करते हुए अब पार्षद के ही निकाय प्रमुख चुने जाने के फैसले पर मुहर लगाई है. दरअसल, निकाय चुनाव में हाइब्रिड मॉडल को लेकर सरकार के नुमाइंदों में ही तनातनी चल रही थी. प्रदेश में नवंबर में निकाय चुनाव होने हैं, इन निकाय चुनाव को लेकर कांग्रेस के अंदर भारी उठापटक शुरू हो गई थी.
बता दें कि राजस्थान के उपमुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष सचिन पायलट ने मेयर और स्थानीय निकाय के प्रमुखों के चयन को लेकर सरकार की ओर से दिए गए फार्मूले पर नाराजगी जताई थी. इस संबंध में पायलट और यूडीएच मंत्री धारीवाल की कई मुलाकात भी हुई, लेकिन कहीं भी बात नहीं बनी. ऐसे में अब निकाय चुनाव को लेकर संशोधित आदेश जारी किया गया है. जिसके तहत अब कोई पैराशूट उम्मीदवार निकाय प्रमुख नहीं बन सकेगा. बता दें कि 49 निकायों में होने वाले चुनाव की आचार संहिता से ठीक पहले हाइब्रिड फार्मूला वापस लेने का फैसला लिया गया है.