जयपुर. राजस्थान विधानसभा में मंगलवार को खेलों को लेकर विस्तृत चर्चा की गई. उसी चर्चा पर मीडिया से बात करते हुए अशोक चांदना ने कहा कि कोचों के लिए 6 महीने पहले 3 करोड़ का बजट था. जिसे पांच और फिर 10 करोड़ रुपये कर दिया गया. प्रदेश में 500 कोच लगाए जाएंगे और इनमें से 60 से 70 फीसदी कोच को ब्लॉक स्तर पर लगाए जाएंगे. जिससे ग्रामीण क्षेत्र से आने वाले खिलाड़ियों को इसका फायदा मिल सके.
वैकेंसी का नही करना पड़ेगा इंतजार
अशोक चांदना ने कहा कि विधानसभा में 31 सदस्यों ने खेलों को लेकर अपनी बातें रखी. युवाओं में खेलों को लेकर उत्साह है. चांदना ने कहा कि सरकार जल्द ही आउट ऑफ टर्न पालिसी से लेकर आएगी. इसमें योग्य खिलाड़ियों को सीधे ही नौकरी मिल जाएगी.
उन्होंने कहा कि 2016 में भी आउट ऑफ टर्न पॉलिसी आई थी, लेकिन एक भी खिलाड़ी को नौकरी नही मिली. चांदना ने कहा कि मैं 8 से 10 खिलाड़ी ऐसे खड़े कर दूंगा कि जिस दिन यह पॉलिसी आएगी, उसी दिन उन्हें नौकरी मिल जाएगी.
अशोक चांदना ने कहा कि उन्हें वैकेंसी का इंतजार करने की जरूरत नहीं होगी. जो पद वे डिजर्व करते हैं, उसके लिए अप्लाई करेंगे और बिना वैकेंसी के उन्हें वह पद दिया जाएगा. भविष्य में जब वह पद आएगा, तब उन्हें प्री कंज्यूम माना जाएगा. इस तरह की पॉलिसी पहली बार राजस्थान में लाने का काम मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के राज में किया जाएगा.
स्पोर्ट्स स्कूल को लेकर चल रहा है काम
अशोक चांदना ने कहा कि खेल विभाग के स्पोर्ट्स स्कूल खोलने का भी काम किया जाएगा. उस पर काम चल रहा है. जिस दिन यह स्पोर्ट्स स्कूल तैयार हो जाएगा. उसके बाद 5 से 10 साल में राजस्थान अन्तराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में मैडल जितने वाला पहला राज्य बनेगा.
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खिलाड़ी की चोट, स्वास्थ्य, डाइट का खा जाएगा ध्यान
चांदना ने कहा कि खिलाड़ी हमारे प्रदेश के लिए एसेट है, इसलिए उनकी चोट, स्वास्थ्य, डाइट का भी ध्यान रखा जाएगा. इसके लिए रिहेबिलिटेशन सेंटर खोलने का भी प्रस्ताव है. चांदना कहा कि हालांकि पंचायत स्तर पर भी खेल मैदान डेवलेप होना चाहिए, लेकिन हमारे पास सीमित संसाधन है. साथ ही उन्होंने कहा कि जो खिलाड़ी प्रतियोगिता के लिए क्वालीफाई हो जाता है या क्वालीफाई होने का दम रखता है. उसकी सुविधाओं का भी ध्यान रखा जाएगा. इसके लिए विशेष प्लान तैयार किया जाएगा.