जयपुर. एसओजी की साइबर विंग ने बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए लंबे समय से फरार चल रहे दो शातिर साइबर ठगों को गिरफ्तार किया है. एसओजी ने दो अलग-अलग साइबर ठगी के मामलों में दीपक नागर और रितेश कुमार गुप्ता को गिरफ्तार किया गया है.
3 दिसंबर 2015 को जोबनेर निवासी जगदीश प्रसाद ने साइबर क्राइम थाने में लाखों रुपए की ठगी का एक मामला दर्ज करवाया था. जिसमें कार्रवाई करते हुए एसओजी की साइबर विंग ने दीपक नागर को यूपी से गिरफ्तार किया है. आरोपी दीपक नागर ने परिवादी को बैंक मैनेजर बनकर फोन कर 0 प्रतिशत ब्याज पर 15 लाख रुपये, पेंशन प्लान और 17 लाख रुपये का बीमा करवाने का आश्वासन दिया. जिसके बदले में अनेक बार आयकर विभाग, लोन अप्रूवल फीस इत्यादि के नाम पर कुल 11.18 लाख रुपए की ठगी की गई.
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उक्त मामले में कार्रवाई करते हुए एसओजी की साइबर विंग द्वारा उत्तर प्रदेश से दीपक नागर को गिरफ्तार किया गया है. जिसने पूछताछ में बताया कि वह टाइम्स कंपनी से लोगों के मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी का डाटा खरीद कर किराए का ऑफिस लेकर हेल्थ इंश्योरेंस करने और लोन दिलवाने के नाम से लोगों को ठगी का शिकार बनाता है.
फिलहाल आरोपी से उसकी गैंग में शामिल अन्य लोगों के बारे में पूछताछ की जा रही है. वहीं साइबर ठगी के एक अन्य मामले में एसओजी की साइबर विंग द्वारा रितेश कुमार गुप्ता को हरियाणा से गिरफ्तार किया गया है. आरोपी ने डायमंड व्यापारी के इटली स्थित एक क्लाइंट की ऑफिशियल ईमेल आईडी हैक करके भारत में अपने दोस्त का इलाज कराने के बहाने लाखों रुपए की जरूरत होने का एक मेल परिवादी को कर 8 लाख रुपए की ठगी को अंजाम दिया.
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एसओजी द्वारा की गई पूछताछ में आरोपी के 15 बैंक खातों का खुलासा हुआ है. इसके साथ ही आरोपी से अनेक महत्वपूर्ण दस्तावेज भी बरामद किए गए हैं. ठगी के इस पूरे मामले में नाइजीरियन गैंग के शामिल होने के सबूत भी मिले हैं, जिसके बारे में जांच की जा रही है.