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Sikar Lawyer Died: SDM कोर्ट में खुद को आग लगाने वाले वकील की मौत, सड़क पर उतरे वकील - Sikar Lawyer Died

सीकर में एसडीएम कार्यालय में खुद को आग लगाने वाले अधिवक्ता हंसराज मावलिया (Sikar lawyer Set Himself On fire) की जयपुर में इलाज के दौरान मौत हो गई. उसने गुरुवार को एसडीएम पर प्रताड़ना का आरोप लगाया था. इस घटना पर प्रदेश भर के अधिवक्ताओं में आक्रोश है. आज विरोध में राजस्थान हाई कोर्ट सहित अधीनस्थ अदालतों की बार एसोसिएशन ने कार्य बहिष्कार का एलान किया है.

Sikar Lawyer Died
सड़क पर वकील
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Published : Jun 10, 2022, 11:55 AM IST

Updated : Jun 11, 2022, 12:03 AM IST

सीकर. खंडेला कस्बे के 40 साल के अधिवक्ता हंसराज मावलिया ने गुरुवार को एसडीएम ऑफिस में खुद को आग लगा ली (Sikar lawyer Set Himself On fire) थी. आज जयपुर में इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया. अधिवक्ता ने सुसाइड नोट में भ्रष्टाचार की बात कही (Lawyer alleges Sikar SDM Of harassment) है. इस पूरे प्रकरण को लेकर वकीलों में गुस्सा है. आज अधिवक्ता संघ ने जिले भर में कार्य बहिष्कार का एलान कर दिया है. राजस्थान हाई कोर्ट सहित अधीनस्थ अदालतों की बार एसोसिएशन ने शुक्रवार को न्यायिक कार्य नहीं करने का निर्णय लिया है.

बार एसोसिएशन की मांग: राजस्थान हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के महासचिव गिर्राज प्रसाद शर्मा ने बताया कि बार सदस्यों को अनौपचारिक रूप से और स्वेच्छा से न्यायिक कार्य से दूर रहने को कहा गया है और इस संबंध में हाईकोर्ट प्रशासन को भी जानकारी दी गई है.एसोसिएशन की मांग है कि घटना के लिए जिम्मेदार अधिकारी और कर्मचारियों को तुरंत प्रभाव से निलंबित कर गिरफ्तार किया जाए. वहीं डिस्ट्रिक्ट एडवोकेट बार एसोसिएशन के महासचिव गजराज सिंह राजावत ने न्यायिक कार्य स्थगित करने की घोषणा करते हुए पीड़ित परिजनों को आर्थिक सहायता और नौकरी उपलब्ध कराने की मांग की है.

अधिवक्ताओं में रोष.

पढ़ें-Jodhpur: आपसी रंजिश में लग्जरी कार को किया आग के हवाले

एसडीएम पर प्रताड़ना का आरोप: मावलिया का आरोप था कि एक मामले में SDM सुनवाई नहीं कर रहे हैं और मामला भ्रष्टाचार से लिप्त है. अपने स्वयं के मुकदमे में रिवेन्यू कोर्ट खंडेला एसडीएम एवं अन्य व्यक्तियों पर के आरोप लगा कर पीड़ित वकील ने आत्मदाह का प्रयास किया था. एसडीएम कोर्ट के सामने 9 जून 2022 की दोपहर वकील हंसराज ने खुद पर ही पेट्रोल छिड़ककर आग लगा ली थी. बाद में एसडीएम को जलाने के लिए कमरे में घुसकर उन्हें भी पकड़ने की कोशिश की. बड़ी मुश्किल से नजदीकी लोगों की मदद से उन्होंने उसे दूर किया. बाद में आग बुझाकर लोगों ने झुलसे वकील (Sikar lawyer self immolates) को सरकारी अस्पताल पहुंचाया. जहां हालत गंभीर होने पर उसे जयपुर रेफर कर दिया गया था. वहां बर्न यूनिट में इलाज के दौरान मौत हो गई. कील के पास जहर की बोतल भी मिली थी. जो आधी खाली थी.

थैली में लाया पेट्रोल, एसडीएम के आते ही लगाई आग: जानकारी के अनुसार मावलिया एक थैली में पेट्रोल भरकर लाया था. उसके पास एक शीशी में जहरीला पदार्थ भी था. काफी देर वो बाहर इंतजार करता रहा. बाद में जैसे ही एसडीएम ऑफिस पहुंचे तो कुछ देर में ही ऑफिस में घुसकर उसने खुद पर पेट्रोल छिड़कर आग लगी ली. फिर वो एसडीएम कक्ष में पहुंच गया. वो एसडीएम को पकड़ने लगा. एसडीएम ने शोर मचाया तो लोगों ने बीच बचाव कर आग बुझाई.

थानाधिकारी पर लगाया ये आरोप
सवाई मानसिंह चिकित्सालय के एक चिकित्सक ने बृहस्पतिवार शाम को उपचार के दौरान वकील की मौत होने की पुष्टि की. पीटीआई की खबर के मुताबिक अधिवक्ता हंसराज मवालिया (40) के बैग से पुलिस को एक सुसाइड नोट मिला है जिसमें उसने अपनी मौत के पीछे एसडीएम राकेश कुमार और खंडेला थानाधिकारी घासीराम मीणा के नाम का जिक्र किया है. अधिवक्ता ने सुसाइड नोट में आरोप लगाया है कि एसडीएम अदालत में हर सुनवाई के लिये उन्हें रिश्वत के लिये परेशान किया जा रहा था और पैसा नहीं देने पर नोटिस जारी किया जाता था. नोट में वकील ने खंडेला थानाधिकारी पर एसडीएम के खिलाफ कुछ भी बोलने पर उन्हें धमकाने का भी आरोप लगाया है.

सरकार से पचास लाख रुपए मुआवजे की मांगः सीकर के खंडेला में वकील हंसराज की ओर से आत्मदाह करने के (Rajasthan High Court Bar Association) मामले को लेकर जोधपुर में वकीलों ने रोष प्रकट किया है. जोधपुर में वकीलों ने जिम्मेदार अधिकारी के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई करने व उसे संस्पेंड करने की मांग के साथ साथ वकील हंसराज के परिवार को पचास लाख रुपए का मुआवजा देने की सरकार से मांग की है. राजस्थान हाईकोर्ट एडवोकेट्स एसोसिएशन की ओर से इस घटना को लेकर रैली निकाल कर रोष जताया गया. इसके बाद ऐसोसिएशन के अध्यक्ष नाथूसिंह राठौड की अगुवाई में जिला प्रशासन को सरकार के नाम ज्ञापन सौंपा गया.

पढ़ेंः Udaipur student kidnapping case: उदयपुर कलेक्ट्रेट के बाहर वकीलों का प्रदर्शन

राठौड़ ने बताया कि यह घटना निंदा योग्य है. एक अधिवक्ता को उन अधिकारियों ने कितनी प्रताड़ना दी, जिससे उन्हें आत्महदाह करनी पड़ी. पूरे राजस्थान के अधिवक्ता क्षुब्ध हैं. इस तरह की घटना ने सभी को हिलाकर रख दिया है. दी बार काउंसिल आफ राजस्थान ने सरकार को पत्र लिखा है. जिसमें मुख्यमंत्री से आगह किया गया है कि इस मामले से संबंधित अधिकारियों को तुरंत प्रभाव से निलंबित किया जाए. जब तक जांच नहीं हो ऐसे अधिकारियों को फील्ड पोस्टिंग नहीं दी जाए. काउंसिल के सचिव की ओर से मुख्यमंत्री को भेजे गए पत्र में लिख गया है कि कड़ी कार्रवाई के साथ साथ अधिवक्ता हंसराज के परिवार को आर्थिक सहायता दी जाए.

उदयपुर में भी वकीलों का प्रदर्शनः उदयपुर में भी वकीलों ने जिला कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन करते हुए नारेबाजी की है. वकीलों की मांग है कि आरोपी एसडीएम और एसएचओ पर कार्रवाई की जाए. गुस्साए वकीलों ने कलेक्ट्रेट के बाहर प्रदर्शन करते हुए बैरिकेड फेंक दिए. गेट तक पर चढ़कर हंगामा किया. हालांकि पुलिस उन्हें शांत कराने में कामयाब रही. वकील करीब 10 से 15 मिनट तक लगातार कलेक्ट्रेट के बाहर हंगामा करते रहे.

बारां में सीएम के नाम दिया ज्ञापनः बारां बार एशोसिएशन के अध्यक्ष कमलेश दुबे के नेतृत्व मे वकीलों ने प्रदर्शन किया. साथ ही मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा. अभिभाषक परिषद के जिलाध्यक्ष कमलेश दुबे ने आरोप लगाया कि वर्तमान मे पुलिस विभाग व राजस्व न्यायालयों में भ्रष्टाचार चरम पर है. जिसकी शिकायतें अभिभाषक परिषदों की ओर से मुख्यमंत्री को भेजी जा रही है.

सीकर में घटना को बताया दुर्भाग्यपूर्णः सीकर के खंडेला में अधिवक्ता की ओर से आत्मदाह की घटना को लेकर बार कौंसिल ऑफ राजस्थान की कार्यकारिणी सभा की अति आवश्यक बैठक वर्चुअल मोड से चैयरमेन सुनील बेनीवाल की अध्यक्षता में हुई. बैठक में इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया गया. इस घटना से राजस्थान का अधिवक्ता समुदाय क्षुब्ध है. कार्यकारिणी समिति ने प्रस्ताव पारित कर यह निर्णय लिया है कि दोनों आरोपित अधिकारियों को तुरंत प्रभाव से निलंबित किया जाए. साथ ही घटना की उच्च स्तरीय न्यायिक जांच कराई जाए.

सीकर. खंडेला कस्बे के 40 साल के अधिवक्ता हंसराज मावलिया ने गुरुवार को एसडीएम ऑफिस में खुद को आग लगा ली (Sikar lawyer Set Himself On fire) थी. आज जयपुर में इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया. अधिवक्ता ने सुसाइड नोट में भ्रष्टाचार की बात कही (Lawyer alleges Sikar SDM Of harassment) है. इस पूरे प्रकरण को लेकर वकीलों में गुस्सा है. आज अधिवक्ता संघ ने जिले भर में कार्य बहिष्कार का एलान कर दिया है. राजस्थान हाई कोर्ट सहित अधीनस्थ अदालतों की बार एसोसिएशन ने शुक्रवार को न्यायिक कार्य नहीं करने का निर्णय लिया है.

बार एसोसिएशन की मांग: राजस्थान हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के महासचिव गिर्राज प्रसाद शर्मा ने बताया कि बार सदस्यों को अनौपचारिक रूप से और स्वेच्छा से न्यायिक कार्य से दूर रहने को कहा गया है और इस संबंध में हाईकोर्ट प्रशासन को भी जानकारी दी गई है.एसोसिएशन की मांग है कि घटना के लिए जिम्मेदार अधिकारी और कर्मचारियों को तुरंत प्रभाव से निलंबित कर गिरफ्तार किया जाए. वहीं डिस्ट्रिक्ट एडवोकेट बार एसोसिएशन के महासचिव गजराज सिंह राजावत ने न्यायिक कार्य स्थगित करने की घोषणा करते हुए पीड़ित परिजनों को आर्थिक सहायता और नौकरी उपलब्ध कराने की मांग की है.

अधिवक्ताओं में रोष.

पढ़ें-Jodhpur: आपसी रंजिश में लग्जरी कार को किया आग के हवाले

एसडीएम पर प्रताड़ना का आरोप: मावलिया का आरोप था कि एक मामले में SDM सुनवाई नहीं कर रहे हैं और मामला भ्रष्टाचार से लिप्त है. अपने स्वयं के मुकदमे में रिवेन्यू कोर्ट खंडेला एसडीएम एवं अन्य व्यक्तियों पर के आरोप लगा कर पीड़ित वकील ने आत्मदाह का प्रयास किया था. एसडीएम कोर्ट के सामने 9 जून 2022 की दोपहर वकील हंसराज ने खुद पर ही पेट्रोल छिड़ककर आग लगा ली थी. बाद में एसडीएम को जलाने के लिए कमरे में घुसकर उन्हें भी पकड़ने की कोशिश की. बड़ी मुश्किल से नजदीकी लोगों की मदद से उन्होंने उसे दूर किया. बाद में आग बुझाकर लोगों ने झुलसे वकील (Sikar lawyer self immolates) को सरकारी अस्पताल पहुंचाया. जहां हालत गंभीर होने पर उसे जयपुर रेफर कर दिया गया था. वहां बर्न यूनिट में इलाज के दौरान मौत हो गई. कील के पास जहर की बोतल भी मिली थी. जो आधी खाली थी.

थैली में लाया पेट्रोल, एसडीएम के आते ही लगाई आग: जानकारी के अनुसार मावलिया एक थैली में पेट्रोल भरकर लाया था. उसके पास एक शीशी में जहरीला पदार्थ भी था. काफी देर वो बाहर इंतजार करता रहा. बाद में जैसे ही एसडीएम ऑफिस पहुंचे तो कुछ देर में ही ऑफिस में घुसकर उसने खुद पर पेट्रोल छिड़कर आग लगी ली. फिर वो एसडीएम कक्ष में पहुंच गया. वो एसडीएम को पकड़ने लगा. एसडीएम ने शोर मचाया तो लोगों ने बीच बचाव कर आग बुझाई.

थानाधिकारी पर लगाया ये आरोप
सवाई मानसिंह चिकित्सालय के एक चिकित्सक ने बृहस्पतिवार शाम को उपचार के दौरान वकील की मौत होने की पुष्टि की. पीटीआई की खबर के मुताबिक अधिवक्ता हंसराज मवालिया (40) के बैग से पुलिस को एक सुसाइड नोट मिला है जिसमें उसने अपनी मौत के पीछे एसडीएम राकेश कुमार और खंडेला थानाधिकारी घासीराम मीणा के नाम का जिक्र किया है. अधिवक्ता ने सुसाइड नोट में आरोप लगाया है कि एसडीएम अदालत में हर सुनवाई के लिये उन्हें रिश्वत के लिये परेशान किया जा रहा था और पैसा नहीं देने पर नोटिस जारी किया जाता था. नोट में वकील ने खंडेला थानाधिकारी पर एसडीएम के खिलाफ कुछ भी बोलने पर उन्हें धमकाने का भी आरोप लगाया है.

सरकार से पचास लाख रुपए मुआवजे की मांगः सीकर के खंडेला में वकील हंसराज की ओर से आत्मदाह करने के (Rajasthan High Court Bar Association) मामले को लेकर जोधपुर में वकीलों ने रोष प्रकट किया है. जोधपुर में वकीलों ने जिम्मेदार अधिकारी के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई करने व उसे संस्पेंड करने की मांग के साथ साथ वकील हंसराज के परिवार को पचास लाख रुपए का मुआवजा देने की सरकार से मांग की है. राजस्थान हाईकोर्ट एडवोकेट्स एसोसिएशन की ओर से इस घटना को लेकर रैली निकाल कर रोष जताया गया. इसके बाद ऐसोसिएशन के अध्यक्ष नाथूसिंह राठौड की अगुवाई में जिला प्रशासन को सरकार के नाम ज्ञापन सौंपा गया.

पढ़ेंः Udaipur student kidnapping case: उदयपुर कलेक्ट्रेट के बाहर वकीलों का प्रदर्शन

राठौड़ ने बताया कि यह घटना निंदा योग्य है. एक अधिवक्ता को उन अधिकारियों ने कितनी प्रताड़ना दी, जिससे उन्हें आत्महदाह करनी पड़ी. पूरे राजस्थान के अधिवक्ता क्षुब्ध हैं. इस तरह की घटना ने सभी को हिलाकर रख दिया है. दी बार काउंसिल आफ राजस्थान ने सरकार को पत्र लिखा है. जिसमें मुख्यमंत्री से आगह किया गया है कि इस मामले से संबंधित अधिकारियों को तुरंत प्रभाव से निलंबित किया जाए. जब तक जांच नहीं हो ऐसे अधिकारियों को फील्ड पोस्टिंग नहीं दी जाए. काउंसिल के सचिव की ओर से मुख्यमंत्री को भेजे गए पत्र में लिख गया है कि कड़ी कार्रवाई के साथ साथ अधिवक्ता हंसराज के परिवार को आर्थिक सहायता दी जाए.

उदयपुर में भी वकीलों का प्रदर्शनः उदयपुर में भी वकीलों ने जिला कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन करते हुए नारेबाजी की है. वकीलों की मांग है कि आरोपी एसडीएम और एसएचओ पर कार्रवाई की जाए. गुस्साए वकीलों ने कलेक्ट्रेट के बाहर प्रदर्शन करते हुए बैरिकेड फेंक दिए. गेट तक पर चढ़कर हंगामा किया. हालांकि पुलिस उन्हें शांत कराने में कामयाब रही. वकील करीब 10 से 15 मिनट तक लगातार कलेक्ट्रेट के बाहर हंगामा करते रहे.

बारां में सीएम के नाम दिया ज्ञापनः बारां बार एशोसिएशन के अध्यक्ष कमलेश दुबे के नेतृत्व मे वकीलों ने प्रदर्शन किया. साथ ही मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा. अभिभाषक परिषद के जिलाध्यक्ष कमलेश दुबे ने आरोप लगाया कि वर्तमान मे पुलिस विभाग व राजस्व न्यायालयों में भ्रष्टाचार चरम पर है. जिसकी शिकायतें अभिभाषक परिषदों की ओर से मुख्यमंत्री को भेजी जा रही है.

सीकर में घटना को बताया दुर्भाग्यपूर्णः सीकर के खंडेला में अधिवक्ता की ओर से आत्मदाह की घटना को लेकर बार कौंसिल ऑफ राजस्थान की कार्यकारिणी सभा की अति आवश्यक बैठक वर्चुअल मोड से चैयरमेन सुनील बेनीवाल की अध्यक्षता में हुई. बैठक में इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया गया. इस घटना से राजस्थान का अधिवक्ता समुदाय क्षुब्ध है. कार्यकारिणी समिति ने प्रस्ताव पारित कर यह निर्णय लिया है कि दोनों आरोपित अधिकारियों को तुरंत प्रभाव से निलंबित किया जाए. साथ ही घटना की उच्च स्तरीय न्यायिक जांच कराई जाए.

Last Updated : Jun 11, 2022, 12:03 AM IST
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