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जयपुर बम ब्लास्ट मामला: आरोपी शाहबाज हुसैन को राजस्थान हाईकोर्ट से मिली जमानत - Shahbaz Hussain accused in Jaipur bomb blast case

राजस्थान हाईकोर्ट ने जयपुर बम ब्लास्ट मामले में आरोपी शाहबाज हुसैन को जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए हैं. बता दें कि 13 मई 2008 को शहर में सिलसिलेवार बम धमाके हुए थे और एक बम जिंदा मिला था.

Jaipur bomb blast case,  Rajasthan High Court Order
जयपुर बम ब्लास्ट मामला
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Published : Feb 25, 2021, 6:30 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट में वर्ष 2008 में शहर में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों के बाद चांदपोल हनुमान मंदिर के बाहर जिंदा मिले बम के मामले में आरोपी शाहबाज हुसैन उर्फ शाहबाज अहमद को जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए हैं. न्यायाधीश पंकज भंडारी ने यह आदेश आरोपी की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.

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जमानत याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ता पर घटना को लेकर ई-मेल करने का आरोप था. इसे लेकर विशेष न्यायालय ने याचिकाकर्ता को बम धमाकों को लेकर चल रहे 8 प्रकरणों में दोषमुक्त कर दिया था. वहीं, जांच एजेंसी से घटना के दौरान एक जिंदा मिले बम को लेकर याचिकाकर्ता को दोषमुक्त करने के 8 महीने बाद उसके खिलाफ आरोप पत्र पेश किया है.

याचिका में कहा गया कि नए आरोप पत्र में भी पुराने 8 मामलों के तथ्यों को ही दोहराया गया है. सुनवाई के दौरान अदालत ने सरकारी वकील से पूछा कि घटना के 12 साल बाद और याचिकाकर्ता को दोषमुक्त करने के 8 महीने की देरी से आरोप पत्र पेश करने का क्या कारण रहा? इस पर सरकारी वकील देरी का जवाब नहीं दे पाए. सरकारी वकील की ओर से कहा गया कि याचिकाकर्ता पर गंभीर आरोप है, ऐसे में उसे जमानत नहीं दी जाए. इस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने याचिकाकर्ता को जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए हैं.

पढ़ें- बारां-झालावाड़ ACB की कार्रवाई: उपनिरीक्षक को 3 हजार की रिश्वत लेते दबोचा

गौरतलब है कि 13 मई 2008 को शहर में सिलसिलेवार बम धमाके हुए थे और एक बम जिंदा मिला था. पुलिस ने सितंबर 2008 में शाहबाज हुसैन को घटना की जिम्मेदारी लेते हुए ई-मेल भेजने के आरोप में गिरफ्तार किया था. वहीं, अदालत ने बम धमाकों को लेकर दिसंबर 2019 को 4 अभियुक्तों को फांसी की सजा सुनाते हुए शाहबाज को बरी कर दिया था. इसके बाद जांच एजेंसी ने जिंदा मिले बम को लेकर शाहबाज सहित अन्य के खिलाफ अलग से आरोप पत्र पेश किया था.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट में वर्ष 2008 में शहर में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों के बाद चांदपोल हनुमान मंदिर के बाहर जिंदा मिले बम के मामले में आरोपी शाहबाज हुसैन उर्फ शाहबाज अहमद को जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए हैं. न्यायाधीश पंकज भंडारी ने यह आदेश आरोपी की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.

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जमानत याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ता पर घटना को लेकर ई-मेल करने का आरोप था. इसे लेकर विशेष न्यायालय ने याचिकाकर्ता को बम धमाकों को लेकर चल रहे 8 प्रकरणों में दोषमुक्त कर दिया था. वहीं, जांच एजेंसी से घटना के दौरान एक जिंदा मिले बम को लेकर याचिकाकर्ता को दोषमुक्त करने के 8 महीने बाद उसके खिलाफ आरोप पत्र पेश किया है.

याचिका में कहा गया कि नए आरोप पत्र में भी पुराने 8 मामलों के तथ्यों को ही दोहराया गया है. सुनवाई के दौरान अदालत ने सरकारी वकील से पूछा कि घटना के 12 साल बाद और याचिकाकर्ता को दोषमुक्त करने के 8 महीने की देरी से आरोप पत्र पेश करने का क्या कारण रहा? इस पर सरकारी वकील देरी का जवाब नहीं दे पाए. सरकारी वकील की ओर से कहा गया कि याचिकाकर्ता पर गंभीर आरोप है, ऐसे में उसे जमानत नहीं दी जाए. इस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने याचिकाकर्ता को जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए हैं.

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गौरतलब है कि 13 मई 2008 को शहर में सिलसिलेवार बम धमाके हुए थे और एक बम जिंदा मिला था. पुलिस ने सितंबर 2008 में शाहबाज हुसैन को घटना की जिम्मेदारी लेते हुए ई-मेल भेजने के आरोप में गिरफ्तार किया था. वहीं, अदालत ने बम धमाकों को लेकर दिसंबर 2019 को 4 अभियुक्तों को फांसी की सजा सुनाते हुए शाहबाज को बरी कर दिया था. इसके बाद जांच एजेंसी ने जिंदा मिले बम को लेकर शाहबाज सहित अन्य के खिलाफ अलग से आरोप पत्र पेश किया था.

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