जयपुर. जयमहल होटल में आईआईटी दिल्ली एलुमिनी एसोसिएशन राजस्थान चेप्टर द्वारा संगोष्ठी का आयोजन किया गया. जिसमें राजस्थान चेप्टर के अध्यक्ष डॉ. सुबोध अग्रवाल ने कहा कि, रेडियेशन का स्तर अच्छा होने, भूमि की उचित दर पर सहज उपलब्धता और राज्य सरकार के सकारात्मक सपोर्ट को देखते हुए सोलर एनर्जी के क्षेत्र में विपुल संभावनाएं हैं. यही कारण है कि देश में सोलर एनर्जी के क्षेत्र में राजस्थान देश का प्रमुख पसंदीदा डेस्टिनेशन बन गया है. इसके लिए युवाओं को ऊंची सोच रखते हुए नौकरी की तलाश की जगह युवा उद्यमी बनने का सपना संजोना चाहिए.
डा. अग्रवाल ने युवाओं को आह्वान किया कि वे ग्रीन व क्लीन एनर्जी क्षेत्र की विपुल संभावनओं को देखते हुए आगे आएं. क्लीन एनर्जी या यों कहें कि ग्रीन एनर्जी के क्षेत्र में जिस तरह से देश और प्रदेश आगे बढ़ रहा है उससे यह साफ हो जाता है कि आने वाले वर्षों में सोलर एनर्जी के क्षेत्र में भारत दुनिया का दूसरा सबसे अधिक सोलर उर्जा उत्पादक देश बन जाएगा. इससे इकोसिस्टम में भी संतुलन कायम होगा.
वहीं मुख्य वक्ता देश के जाने माने स्टालवार्ट एंटरप्रोन्योर और रिन्यू पावर के फाउण्डर सीएमडी सुमंत सिन्हा ने अपने अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि बदलते सिनेरियों में सोलर एनर्जी की मांग बढ़ने के साथ ही इसकी ग्रोथ में तेजी आई हैं. पर्यावरण संतुलन बनाए रखने के लिए सोलर व विण्ड क्षेत्र में तेजी से ग्रोथ करनी होगी. युवाओं को लक्ष्य तय करके आगे बढ़ना होगा और लक्ष्य एचिव करने के बाद और अधिक लक्ष्य तय करने होंगे. उन्होंने कहा कि देश दुनिया में हो रहे तकनीक के विकास और सुधार से अपडेट रहते हुए आगे बढ़ना होगा.
सिन्हा ने कहा कि थर्मल से प्राप्त एनर्जी 5 रु. यूनिट के लगभग हैं. वहीं सोलर एनर्जी तीन- साढ़े तीन रुपए के आसपास है. नई तकनीक के उपयोग से आने वाले सालों में सोलर एनर्जी डेढ़ से सवा रु. यूनिट तक आने की संभावना है. भारत सहित दुनिया के देशों में आने वाला समय परंपरागत ईंधन पेट्रोल-डीजल आदि के स्थान पर विद्युत उर्जा का होता जा रहा है, वाहनों सहित उद्यमों में सोलर एनर्जी का उपयोग बढ़ना तय हैं. ऐसे में सोलर एनर्जी के क्षेत्र में विपुल संभावनाएं बनी रहेगी, क्योंकि यह सस्ता और सुगम साधन होने के साथ ही ग्रीन एनर्जी का माध्यम होगा. हमें पर्यावरण बचाने के लिए इको सिस्टम विकसित करना ही होगा.