जयपुर. फोरम ऑफ प्राइवेट स्कूल ऑफ राजस्थान की फीस भुगतान की मांग को लेकर आमरण अनशन पर बैठी दो महिला स्कूल संचालकों में से एक की रविवार को तबीयत बिगड़ गई. जिसके बाद महिला को अस्पताल में भर्ती कराया गया. दूसरी महिला स्कूल संचालक की भी तबीयत लगातार खराब हो रही है. वहीं, सरकार की तरफ से वार्ता के लिए कोई पहल नहीं होने पर निजी स्कूल संचालकों में रोष बढ़ता जा रहा है.
फीस भुगतान को लेकर फोरम ऑफ प्राइवेट स्कूल्स ऑफ राजस्थान के बैनर तले निजी स्कूल संचालक धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. लॉकडाउन के दौरान स्कूल फीस का मुद्दा लगातार सुर्खियों में बना हुआ है. पहले अभिभावकों ने फीस माफी को लेकर आंदोलन किया और अब मामला कोर्ट में चल रहा है. इसके बाद पिछले मंगलवार से निजी स्कूल संचालक भी आंदोलन की राह पर हैं और लगातार धरना प्रदर्शन कर रहे हैं.
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निजी स्कूल संचालकों में से 2 महिला स्कूल संचालक हेमलता शर्मा और सीमा शर्मा मंगलवार से आमरण अनशन पर बैठी हुई हैं, अब इनकी तबीयत बिगड़ने लगी है. रविवार को इनके आमरण अनशन का छठा दिन है और दो में से एक महिला स्कूल संचालक सीमा शर्मा की तबीयत खराब होने के बाद पुलिस ने एंबुलेंस बुलाई और महिला को निजी अस्पताल में भर्ती कराया.
निजी स्कूल संचालकों में इस बात को लेकर रोष है कि महिलाओं के आमरण अनशन को 6 दिन हो चुके हैं लेकिन सरकार की ओर से कोई प्रतिनिधि बात करने के लिए नहीं आया है. अनशन पर बैठी हेमलता शर्मा ने साफ कहा कि जब तक 50000 निजी स्कूलों के 11 लाख शिक्षकों व कर्मचारियों के हित में फैसला नहीं लिया जाता है तब तक आमरण अनशन को जारी रखा जाएगा. निजी स्कूल संचालकों को उम्मीद थी कि दिवाली पर सरकार की तरफ से वार्ता के लिए पहल जरूर की जाएगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ.
निजी स्कूल संचालकों का कहना है कि राजस्थान सरकार का रवैया बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है, सरकार की ओर से कोई भी सकारात्मक पहल नहीं करने पर 17 नवंबर को 33 जिलों से फोरम से जुड़े हुए निजी स्कूल संचालकों जयपुर पहुंचकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे. अगर इसके बाद भी सरकार नहीं मानी तो प्रदेश भर में चक्का जाम किया जाएगा.