ETV Bharat / city

अंबिकेश्वर महादेव मंदिर में भगवान श्री कृष्ण ने की थी पूजा...बहती है श्रद्धा की बयार - Rajasthan Hindi news

सावन के महीने में भगवान भोलेनाथ की विशेष पूजा-अर्चना का दौर (Jaipur Ambikeshwar Shiv Mandir) चल रहा है. आस्था और सेवा के बीच जयपुर स्थित हजारों वर्ष पुराना अंबिकेश्वर महादेव मंदिर का खास स्थान है. इस मंदिर में स्वयंभू शिवलिंग है और यह भूतल से नीचे है. यहां सावन के महीने में भक्तों का तांता लगा रहता है.

Ambikeshwar Mahadev Temple
अंबिकेश्वर महादेव मंदिर
author img

By

Published : Aug 5, 2022, 6:05 AM IST

जयपुर. सावन के महीने में भगवान भोलेनाथ के मंदिरों में विशेष पूजा अर्चना की (Jaipur Ambikeshwar Shiv Mandir) जा रही है. छोटीकाशी जयपुर हर हर महादेव और बम बम भोले के जयकारों से गुंजायमान हो रही है. जयपुर में कई प्राचीन शिव मंदिर हैं, जिनमें एक है हजारों वर्ष पुराना अंबिकेश्वर महादेव मंदिर. बताया जाता है कि हजारों वर्ष पहले भगवान श्री कृष्ण ने अंबिकेश्वर महादेव मंदिर में पूजा की थी. मंदिर का करीब 5000 साल पुराना इतिहास बताया जाता है.

राजधानी जयपुर के आमेर में सागर रोड पर स्थित अंबिकेश्वर महादेव मंदिर में दूरदराज से भक्त भगवान भोलेनाथ के दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं. अंबिकेश्वर महादेव मंदिर में शिवलिंग स्वयंभू है. शिवलिंग भूतल से नीचे है. मंदिर की विशेषता बताई जाती है कि सावन के महीने में मंदिर जलमग्न हो जाता है. भूगर्भ का जल ऊपर तक भर जाता है. हालांकि कुछ वर्षों से बारिश नहीं होने की वजह से ऐसा नहीं हुआ. सावन के महीने में भगवान भोलेनाथ के दरबार में भक्तों का तांता लगा रहता है.

इसीलिए अनोखा है अंबिकेश्वर महादेव मंदिर

5000 साल पुराना है इतिहासः अंबिकेश्वर महादेव मंदिर में कई पीढ़ियों से पूजा अर्चना कर रहे पुजारी परिवार की मानें तो मंदिर का इतिहास करीब 5000 वर्ष पुराना है. पुजारी परिवार का कहना है कि भगवान श्री कृष्ण भगवान भोलेनाथ की सेवा और पूजा अर्चना करने के लिए अंबिकेश्वर महादेव मंदिर पहुंचे थे. इसके बाद वह नाहरगढ़ की पहाड़ी पर स्थित चरण मंदिर गए थे. हालांकि इस समय समय पर अलग-अलग राजाओं की ओर से मंदिर का निर्माण होता रहा. अलग-अलग समय पर मंदिर का पुनर्निर्माण किया गया. मंदिर के इतिहास को लेकर मंदिर में कई प्रमाण मौजूद हैं. भगवान भोलेनाथ में आस्था रखने वाले भक्त देश विदेश से आते हैं.

पढ़ें.Devsomnath Mandir Dungarpur : न रेत लगी, न चूना...12वीं सदी का ऐसा मंदिर जो रातों-रात खड़ा हुआ

टूरिस्ट गाइड महेश कुमार शर्मा ने बताया कि मंदिर का इतिहास अलग-अलग समय में देखने को मिला है. करीब 5000 साल पहले भगवान कृष्ण के आने का अंबिकेश्वर महादेव मंदिर में एविडेंस मिला था. उन्होंने बताया कि इतिहास में बताया जाता है कि मंदिर बनने के बाद टूटा और फिर से इसे बनाया गया. साथ ही यह भी बताया जाता है कि अंबिकेश्वर महादेव के नाम से ही आमेर का नाम रखा गया था.

Ambikeshwar Mahadev Temple
भोलेनाथ को जल चढ़ाता भक्त

अंबिकेश्वर महादेव मंदिर का क्षेत्र अंबिका वन के नाम से जाना जाता था. अंबिकेश्वर महादेव मंदिर में भगवान विष्णु का स्वरूप भी विराजमान है. दूरदराज से भक्त भगवान भोलेनाथ के दर्शन करने के लिए यहां पर आते हैं. अंबिकेश्वर महादेव कछवाह राजपूत समाज के कुलदेवता भी हैं और कुलदेवी जमवाय माता हैं. अंबिकेश्वर महादेव मंदिर में भगवान भोलेनाथ के साथ माता पार्वती नहीं हैं.

Ambikeshwar Mahadev Temple
5000 साल पुराना है अंबिकेश्वर महादेव मंदिर

पढ़ें.जयपुर के काला महादेव : असाध्य बीमारियों से मुक्ति दिलाते हैं भोलेनाथ

मंदिर के पुजारी संतोष कुमार व्यास ने बताया कि मंदिर में हजारों वर्ष पुराने कई एविडेंस मिले हैं. मंदिर में विराजमान नंदीजी करीब 3000 वर्ष से भी ज्यादा पुराने हैं. उन्होंने बताया कि हजारों वर्ष पुराने भगवान श्री कृष्ण अंबिकेश्वर महादेव मंदिर में शिवरात्रि की पूजा अर्चना और सेवा करने आए थे. हर साल श्रावण मास में मां गंगा भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक करती है, लेकिन कुछ सालों से बारिश की कमी होने की वजह से ऐसा नहीं हो रहा है. उन्होंने बताया कि 5 से 7 वर्ष पहले तक शिवलिंग से जल आता था और पूरा मंदिर जलमग्न हो जाता था.

कई फिल्मों की हो चुकी शूटिंगः अंबिकेश्वर महादेव मंदिर में कई फिल्मों की शूटिंग भी हो चुकी है. बॉलीवुड फिल्मों की शूटिंग कहां पर हुई थी. फिल्म धड़क, भूल भुलैया में भी अंबिकेश्वर महादेव मंदिर का कुछ हिस्सा फिल्माया गया है. कई शॉर्ट मूवीज की शूटिंग भी अंबिकेश्वर महादेव मंदिर में हुई है.

जयपुर. सावन के महीने में भगवान भोलेनाथ के मंदिरों में विशेष पूजा अर्चना की (Jaipur Ambikeshwar Shiv Mandir) जा रही है. छोटीकाशी जयपुर हर हर महादेव और बम बम भोले के जयकारों से गुंजायमान हो रही है. जयपुर में कई प्राचीन शिव मंदिर हैं, जिनमें एक है हजारों वर्ष पुराना अंबिकेश्वर महादेव मंदिर. बताया जाता है कि हजारों वर्ष पहले भगवान श्री कृष्ण ने अंबिकेश्वर महादेव मंदिर में पूजा की थी. मंदिर का करीब 5000 साल पुराना इतिहास बताया जाता है.

राजधानी जयपुर के आमेर में सागर रोड पर स्थित अंबिकेश्वर महादेव मंदिर में दूरदराज से भक्त भगवान भोलेनाथ के दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं. अंबिकेश्वर महादेव मंदिर में शिवलिंग स्वयंभू है. शिवलिंग भूतल से नीचे है. मंदिर की विशेषता बताई जाती है कि सावन के महीने में मंदिर जलमग्न हो जाता है. भूगर्भ का जल ऊपर तक भर जाता है. हालांकि कुछ वर्षों से बारिश नहीं होने की वजह से ऐसा नहीं हुआ. सावन के महीने में भगवान भोलेनाथ के दरबार में भक्तों का तांता लगा रहता है.

इसीलिए अनोखा है अंबिकेश्वर महादेव मंदिर

5000 साल पुराना है इतिहासः अंबिकेश्वर महादेव मंदिर में कई पीढ़ियों से पूजा अर्चना कर रहे पुजारी परिवार की मानें तो मंदिर का इतिहास करीब 5000 वर्ष पुराना है. पुजारी परिवार का कहना है कि भगवान श्री कृष्ण भगवान भोलेनाथ की सेवा और पूजा अर्चना करने के लिए अंबिकेश्वर महादेव मंदिर पहुंचे थे. इसके बाद वह नाहरगढ़ की पहाड़ी पर स्थित चरण मंदिर गए थे. हालांकि इस समय समय पर अलग-अलग राजाओं की ओर से मंदिर का निर्माण होता रहा. अलग-अलग समय पर मंदिर का पुनर्निर्माण किया गया. मंदिर के इतिहास को लेकर मंदिर में कई प्रमाण मौजूद हैं. भगवान भोलेनाथ में आस्था रखने वाले भक्त देश विदेश से आते हैं.

पढ़ें.Devsomnath Mandir Dungarpur : न रेत लगी, न चूना...12वीं सदी का ऐसा मंदिर जो रातों-रात खड़ा हुआ

टूरिस्ट गाइड महेश कुमार शर्मा ने बताया कि मंदिर का इतिहास अलग-अलग समय में देखने को मिला है. करीब 5000 साल पहले भगवान कृष्ण के आने का अंबिकेश्वर महादेव मंदिर में एविडेंस मिला था. उन्होंने बताया कि इतिहास में बताया जाता है कि मंदिर बनने के बाद टूटा और फिर से इसे बनाया गया. साथ ही यह भी बताया जाता है कि अंबिकेश्वर महादेव के नाम से ही आमेर का नाम रखा गया था.

Ambikeshwar Mahadev Temple
भोलेनाथ को जल चढ़ाता भक्त

अंबिकेश्वर महादेव मंदिर का क्षेत्र अंबिका वन के नाम से जाना जाता था. अंबिकेश्वर महादेव मंदिर में भगवान विष्णु का स्वरूप भी विराजमान है. दूरदराज से भक्त भगवान भोलेनाथ के दर्शन करने के लिए यहां पर आते हैं. अंबिकेश्वर महादेव कछवाह राजपूत समाज के कुलदेवता भी हैं और कुलदेवी जमवाय माता हैं. अंबिकेश्वर महादेव मंदिर में भगवान भोलेनाथ के साथ माता पार्वती नहीं हैं.

Ambikeshwar Mahadev Temple
5000 साल पुराना है अंबिकेश्वर महादेव मंदिर

पढ़ें.जयपुर के काला महादेव : असाध्य बीमारियों से मुक्ति दिलाते हैं भोलेनाथ

मंदिर के पुजारी संतोष कुमार व्यास ने बताया कि मंदिर में हजारों वर्ष पुराने कई एविडेंस मिले हैं. मंदिर में विराजमान नंदीजी करीब 3000 वर्ष से भी ज्यादा पुराने हैं. उन्होंने बताया कि हजारों वर्ष पुराने भगवान श्री कृष्ण अंबिकेश्वर महादेव मंदिर में शिवरात्रि की पूजा अर्चना और सेवा करने आए थे. हर साल श्रावण मास में मां गंगा भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक करती है, लेकिन कुछ सालों से बारिश की कमी होने की वजह से ऐसा नहीं हो रहा है. उन्होंने बताया कि 5 से 7 वर्ष पहले तक शिवलिंग से जल आता था और पूरा मंदिर जलमग्न हो जाता था.

कई फिल्मों की हो चुकी शूटिंगः अंबिकेश्वर महादेव मंदिर में कई फिल्मों की शूटिंग भी हो चुकी है. बॉलीवुड फिल्मों की शूटिंग कहां पर हुई थी. फिल्म धड़क, भूल भुलैया में भी अंबिकेश्वर महादेव मंदिर का कुछ हिस्सा फिल्माया गया है. कई शॉर्ट मूवीज की शूटिंग भी अंबिकेश्वर महादेव मंदिर में हुई है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.