जयपुर. जिले के जगतपुरा में पाक विस्थापितों को जमीन आवंटित करने के मामले ने भी अब सियासी रंग ले लिया है. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने सरकार के इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा, कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का यह निर्णय देर आए, लेकिन दुरुस्त आए वाला है.
उन्होंने कहा कि गहलोत सरकार को सद्बुद्धि आई और सरकार ने अपनी गलती को सुधारा. भाजपा द्वारा प्रदेश भर में चलाए जा रहे नागरिकता संशोधन कानून के पक्ष में जन जागरण अभियान को प्रदेश की जनता ने भरपूर सहयोग दिया है. उसको देखते हुए जयपुर में पाक विस्थापितों को भूमि आवंटन का फैसला अच्छा निर्णय है. लेकिन अब मुख्यमंत्री गहलोत स्पष्ट करें, कि राजनीतिक मजबूरियों के चलते उन्होंने नागरिकता संशोधन कानून का विरोध किया, जिसके विरोध में उन्होंने शांति मार्च भी निकाला.
साथ ही यह भ्रम फैल गया, कि कांग्रेस सरकार उनके हितों की रक्षा नहीं करेगी और ना ही उन्हें नागरिकता देगी. पूनिया ने कहा, कि गहलोत सरकार ने पाक विस्थापितों को भूमि आवंटन कर एक शुरुआत की है. गहलोत सरकार से हमारी मांग है, कि वह शेष पाक विस्थापितों में यह संदेश दें, कि वे उनको भारत की नागरिकता प्रदान करेंगे और केंद्र सरकार के कानून को यथावत रूप से प्रदेश में लागू करेंगे.
पढ़ें- सीएम अशोक गहलोत ने कई अहम प्रस्तावों को दी मंजूरी, देखें लिस्ट...
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा, कि मुख्यमंत्री गहलोत नागरिकता संशोधन कानून का विरोध करके मीडिया माइलेज ले रहे हैं. वे जनता के बीच में अपना एक धर्मनिरपेक्ष चेहरा स्थापित करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन साथ ही साथ पाक विस्थापितों के अरमानों पर पानी भी फिरते हुए दिख रहे हैं.
एक तरफ वो यह चुनौती देते हैं, कि राजस्थान में नागरिकता संशोधन कानून लागू नहीं होगा. वहीं जयपुर विकास प्राधिकरण ने ऐसे 100 पाक विस्थापितों को जयपुर के जगतपुरा में बसाई खुसर योजना में जोन नंबर 9 में जमीन आवंटित की है. अच्छी बात है, कि पाक विस्थापितों को आशियाना मिला है.
पढ़ें- समाज को संदेश देने वाली फिल्मों के साथ सरकार हमेशा खड़ी रहेगीः सीएम गहलोत
मुख्यमंत्री गहलोत को स्पष्ट करना चाहिए, कि वह सीएए के खिलाफ हैं या समर्थन में? उन हज़ारों विस्थापितों का क्या होगा, जो मुख्यमंत्री की धमकी के सामने बेबस नजर आते हैं, उनको प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से भरोसे के साथ आश्वासन मिलता है. उनके अंदर उम्मीद जगती है, कि अब उनको वर्षों से लंबित नागरिकता मिलेगी.