ETV Bharat / city

कांग्रेस के धरने पर पूनिया का पलटवार...कहा- अब धरने की आदत डाल लें गहलोत - राजस्थान न्यूज

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कांग्रेस के धरने पर सवाल उठाते हुए कहा कि अब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को दरी बिछाने और धरना देने की आदत डाल ही लेनी चाहिए. क्योंकि मुझे नहीं लगता कि अब कभी कांग्रेस सत्ता में आएगी. इस दौरान पूनिया ने गहलोत से किसानों से जुड़े 7 सवालों का जवाब देने की भी मांग की.

satish poonia,  satish poonia target congress
सतीश पूनिया का गहलोत पर हमला
author img

By

Published : Jan 3, 2021, 10:37 PM IST

जयपुर. केंद्रीय कृषि कानून के खिलाफ जयपुर में हुए कांग्रेस के धरने पर प्रदेश की सियासत भड़क गई है. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने इस धरने पर सवाल उठाते हुए कहा कि अब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को दरी बिछाने और धरना देने की आदत डाल ही लेनी चाहिए. क्योंकि मुझे नहीं लगता कि अब कभी कांग्रेस सत्ता में आएगी. इस दौरान पूनिया ने गहलोत से किसानों से जुड़े 7 सवालों का जवाब देने की भी मांग की.

सतीश पूनिया का गहलोत पर हमला

पढ़ें: किसान आंदोलन: हरियाणा पुलिस ने धारूहेड़ा में किसानों पर किया लाठीचार्ज, आंसू गैस के गोले छोड़े

पूनिया ने कहा कि केंद्रीय कृषि कानून देश की संसद में पारित होकर बना है और देश का लोकतंत्र संविधान से चलता है लेकिन जिस तरह इसके विरोध में कांग्रेस ने धरना दिया और कांग्रेस नेताओं ने राष्ट्रपति और राज्यपाल तक पर जो टिप्पणियां कीं वो संविधान के विपरीत हैं. पूनिया ने कहा कि प्रदेश की गहलोत सरकार को अपने 2 साल के कार्यकाल में बताने लायक कोई उपलब्धि नहीं दिखी और जनता का ध्यान भटकाने के लिए वो इस प्रकार के धरना दे रहे हैं.

गहलोत का टेप रिकॉर्डर बार-बार एक ही तरह बजता है

सतीश पूनिया ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बार-बार टेप रिकॉर्डर की तरह एक ही तरह के बयान देते हैं. जो भाजपा के केंद्रीय नेताओं के ऊपर होते हैं. पूनिया के अनुसार केंद्र की मोदी सरकार ने किसानों के लिए बहुत कुछ किया जिसका उदाहरण है कि यूपीए सरकार में कृषि के लिए 21000 करोड़ का बजट का प्रावधान था जबकि मोदी सरकार ने 1 लाख 34 हजार करोड़ का प्रावधान किया है.

पूनिया ने कहा कि गहलोत साहब लोकतंत्र की दुहाई देते हैं लेकिन लोकतंत्र को तार-तार करने का सबसे पहला काम कांग्रेस ने ही किया, जब देश में आपातकाल लगाया. पूनिया के अनुसार कांग्रेस के नेताओं को पेट में दर्द इसलिए होता है क्योंकि मोदी सरकार ने नोटबंदी करके इनके कालेधन पर अंकुश लगा दिया. पूनिया ने कहा पिछले बार भी गहलोत साहब ने जुगाड़ की सरकार चलाई थी और इस बार भी यह सरकार जुगाड़ पर ही चल रही है.

पूनिया ने मुख्यमंत्री से पूछे इन 7 सवालों के जवाब

  • 10 दिन में संपूर्ण किसानों के कर्ज माफी के वादों का क्या हुआ, केवल 7% किसानों का कर्जा ही अब तक माफ किया
  • आपके शासन में पिछले 2 वर्षों में किसानों ने आत्महत्या की उस बारे में जवाब दें
  • प्रदेश के किसान रबी की फसल की सिंचाई कड़ाके की ठंड में रात्रि को करने को मजबूर हैं, किसानों को दिन में बिजली कब मिलेगी
  • भाजपा की पिछली प्रदेश सरकार ने किसानों के कल्याण के लिए बिजली बिलों में अनुदान देने का काम किया आपने उन्हें बंद कर दिया
  • सहकारी बैंकों से किसानों को फसली ऋण आप की सरकार में नहीं मिल रहा
  • आपके 2 वर्ष के शासन में किसानों को नए बिजली कनेक्शन मिलना लगभग बंद हो गया है
  • नरेंद्र मोदी की सरकार किसानों के खाते में 6000 सालाना डाल रही है. इस तर्ज पर मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार ने भी किसानों के खाते में प्रतिवर्ष 4000 रुपये डालने की घोषणा की, किसान कल्याण के लिए आप इसे राजस्थान में कब लागू कर रहे हैं

धरने पर पलटवार के लिए लगाए सियासी आरोप

पूनिया ने लगाए गए आरोप सियासी हैं लेकिन राजनीति में आरोपों पर पलटवार करना लाजमी है. लिहाजा उन्होंने कांग्रेस का धरना समाप्त होने के बाद मीडिया में बयान जारी कर यह सवाल उठाए. यहां आपको बता दें कि ठंड में किसानों की मौत के जो आरोप लगाए गए उस पर हाल ही में सरकार ने वक्तव्य जारी कर साफ कर दिया था कि मीडिया में रात में कृषि के दौरान जिन किसानों की मौत होना बताया था, उनके पास कृषि कनेक्शन थे ही नहीं और जिस इलाके के वो रहने वाले हैं वहां रात में नहीं बल्कि दिन में ही कृषि के लिए बिजली की सप्लाई की जा रही है.

राजेंद्र राठौड़ ने भी ट्वीट कर मुख्यमंत्री की भाषा पर उठाए सवाल

प्रतिपक्ष के उपनेता राजन राठौड़ ने भी कांग्रेस के धरने और उस दौरान हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के संबोधन की भाषा पर सवाल उठाए. राठौड़ ने अपने ट्वीट में लिखा कि मुख्यमंत्री यह पहला मौका है जब किसी मुख्यमंत्री ने चुनी हुई केंद्र सरकार के खिलाफ निम्न स्तर की टीका टिप्पणी कर सरकार के संघीय ढांचे का अपमान किया है और लोकतंत्र पर चोट पहुंचाई है. ऐसी भाषा का उपयोग लोकतांत्रिक शुचिता के लिए ठीक नहीं.

जयपुर. केंद्रीय कृषि कानून के खिलाफ जयपुर में हुए कांग्रेस के धरने पर प्रदेश की सियासत भड़क गई है. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने इस धरने पर सवाल उठाते हुए कहा कि अब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को दरी बिछाने और धरना देने की आदत डाल ही लेनी चाहिए. क्योंकि मुझे नहीं लगता कि अब कभी कांग्रेस सत्ता में आएगी. इस दौरान पूनिया ने गहलोत से किसानों से जुड़े 7 सवालों का जवाब देने की भी मांग की.

सतीश पूनिया का गहलोत पर हमला

पढ़ें: किसान आंदोलन: हरियाणा पुलिस ने धारूहेड़ा में किसानों पर किया लाठीचार्ज, आंसू गैस के गोले छोड़े

पूनिया ने कहा कि केंद्रीय कृषि कानून देश की संसद में पारित होकर बना है और देश का लोकतंत्र संविधान से चलता है लेकिन जिस तरह इसके विरोध में कांग्रेस ने धरना दिया और कांग्रेस नेताओं ने राष्ट्रपति और राज्यपाल तक पर जो टिप्पणियां कीं वो संविधान के विपरीत हैं. पूनिया ने कहा कि प्रदेश की गहलोत सरकार को अपने 2 साल के कार्यकाल में बताने लायक कोई उपलब्धि नहीं दिखी और जनता का ध्यान भटकाने के लिए वो इस प्रकार के धरना दे रहे हैं.

गहलोत का टेप रिकॉर्डर बार-बार एक ही तरह बजता है

सतीश पूनिया ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बार-बार टेप रिकॉर्डर की तरह एक ही तरह के बयान देते हैं. जो भाजपा के केंद्रीय नेताओं के ऊपर होते हैं. पूनिया के अनुसार केंद्र की मोदी सरकार ने किसानों के लिए बहुत कुछ किया जिसका उदाहरण है कि यूपीए सरकार में कृषि के लिए 21000 करोड़ का बजट का प्रावधान था जबकि मोदी सरकार ने 1 लाख 34 हजार करोड़ का प्रावधान किया है.

पूनिया ने कहा कि गहलोत साहब लोकतंत्र की दुहाई देते हैं लेकिन लोकतंत्र को तार-तार करने का सबसे पहला काम कांग्रेस ने ही किया, जब देश में आपातकाल लगाया. पूनिया के अनुसार कांग्रेस के नेताओं को पेट में दर्द इसलिए होता है क्योंकि मोदी सरकार ने नोटबंदी करके इनके कालेधन पर अंकुश लगा दिया. पूनिया ने कहा पिछले बार भी गहलोत साहब ने जुगाड़ की सरकार चलाई थी और इस बार भी यह सरकार जुगाड़ पर ही चल रही है.

पूनिया ने मुख्यमंत्री से पूछे इन 7 सवालों के जवाब

  • 10 दिन में संपूर्ण किसानों के कर्ज माफी के वादों का क्या हुआ, केवल 7% किसानों का कर्जा ही अब तक माफ किया
  • आपके शासन में पिछले 2 वर्षों में किसानों ने आत्महत्या की उस बारे में जवाब दें
  • प्रदेश के किसान रबी की फसल की सिंचाई कड़ाके की ठंड में रात्रि को करने को मजबूर हैं, किसानों को दिन में बिजली कब मिलेगी
  • भाजपा की पिछली प्रदेश सरकार ने किसानों के कल्याण के लिए बिजली बिलों में अनुदान देने का काम किया आपने उन्हें बंद कर दिया
  • सहकारी बैंकों से किसानों को फसली ऋण आप की सरकार में नहीं मिल रहा
  • आपके 2 वर्ष के शासन में किसानों को नए बिजली कनेक्शन मिलना लगभग बंद हो गया है
  • नरेंद्र मोदी की सरकार किसानों के खाते में 6000 सालाना डाल रही है. इस तर्ज पर मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार ने भी किसानों के खाते में प्रतिवर्ष 4000 रुपये डालने की घोषणा की, किसान कल्याण के लिए आप इसे राजस्थान में कब लागू कर रहे हैं

धरने पर पलटवार के लिए लगाए सियासी आरोप

पूनिया ने लगाए गए आरोप सियासी हैं लेकिन राजनीति में आरोपों पर पलटवार करना लाजमी है. लिहाजा उन्होंने कांग्रेस का धरना समाप्त होने के बाद मीडिया में बयान जारी कर यह सवाल उठाए. यहां आपको बता दें कि ठंड में किसानों की मौत के जो आरोप लगाए गए उस पर हाल ही में सरकार ने वक्तव्य जारी कर साफ कर दिया था कि मीडिया में रात में कृषि के दौरान जिन किसानों की मौत होना बताया था, उनके पास कृषि कनेक्शन थे ही नहीं और जिस इलाके के वो रहने वाले हैं वहां रात में नहीं बल्कि दिन में ही कृषि के लिए बिजली की सप्लाई की जा रही है.

राजेंद्र राठौड़ ने भी ट्वीट कर मुख्यमंत्री की भाषा पर उठाए सवाल

प्रतिपक्ष के उपनेता राजन राठौड़ ने भी कांग्रेस के धरने और उस दौरान हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के संबोधन की भाषा पर सवाल उठाए. राठौड़ ने अपने ट्वीट में लिखा कि मुख्यमंत्री यह पहला मौका है जब किसी मुख्यमंत्री ने चुनी हुई केंद्र सरकार के खिलाफ निम्न स्तर की टीका टिप्पणी कर सरकार के संघीय ढांचे का अपमान किया है और लोकतंत्र पर चोट पहुंचाई है. ऐसी भाषा का उपयोग लोकतांत्रिक शुचिता के लिए ठीक नहीं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.