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कांग्रेस द्वारा निकाय चुनावों में हाइब्रिड फॉर्मूला अपनाने का कदम राजीव गांधी के सिद्धांतों का अपमान : सचिन पायलट

स्थानीय निकाय चुनाव हाइब्रिड फॉर्मूले से करवाने के विरोध में गुरुवार को फिर एक बार पायलट बोलते नजर आए. पायलट ने कहा यह फॉर्मूला राजीव गांधी द्वारा लाए गए 73वें और 74वें संविधान संशोधन के खिलाफ है.

hybrid formula in rajasthan, हाइब्रिड फॉर्मूले पर पायलट
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Published : Oct 24, 2019, 2:45 PM IST

जयपुर. स्थानीय निकाय चुनाव हाइब्रिड फॉर्मूले से करवाने के विरोध में फिर एक बार पायलट बोलते नजर आए है. उन्होंने इसे राजीव गांधी के 73वें और 74वें संविधान संशोधन के खिलाफ बताया है. पायलट ने कहा जो पार्षद नहीं बन सके वे अब मेयर बन जाएं, यह गणतंत्र के खिलाफ है.

पायलट ने कहा हाइब्रिड फॉर्मूला अपनाने का कदम गलत होगा

राजस्थान में हाइब्रिड सिस्टम से निकाय चुनाव करवाने का फैसला अब मंत्री शांति धारीवाल पर उल्टा पड़ता हुआ नजर आ रहा है. इस मामले पर पीसीसी चीफ सचिन पायलट ने जबरदस्त विरोध किया है. पायलट ने कहा है कि सरकार को अपने इस कदम पर पुनर्विचार करना चाहिए. जो कदम सही नहीं हो उस पर पुनर्विचार करने में कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए. कांग्रेस आलाकमान तक इसकी शिकायत पहुंचने के बाद बुधवार रात को शांति धारीवाल ने सचिन पायलट से चर्चा भी की, लेकिन सचिन पायलट अपने निर्णय पर अडिग हैं.

उन्होंने धारीवाल को साफ कह दिया है कि जो बात उन्होंने पब्लिकली बोली है वही उनका निर्णय है. पायलट ने कहा कि ऐसा कोई मौका किसी को नहीं मिलना चाहिए जो कि राजीव गांधी के 73वें और 74वें संविधान संशोधन के बाद मिले लोकल बॉडी की ताकत को कम करे. राजीव गांधी के अनुसार लोकल बॉडी में पब्लिक पार्टिसिपेशन जरूरी था. इससे जवाबदेही भी तय होती है.

पढ़ें: प्रदेश की दोनों सीटों पर कांग्रेस जीतेगी और बाकी राज्यों के परिणाम एग्जिट पोल के विपरीत होंगे : सचिन पायलट

डिप्टी पायलट ने कहा कि इस मामले पर सबकी राय आ चुकी है और यह किसी व्यक्ति मंत्रालय या नेता की बात नहीं है. यह केवल सिद्धांत की बात है. पूरे देश में किसी भी प्रदेश ने इसे नहीं अपनाया है. उसे हम अपना कर दूसरी पार्टियों को मौका क्यों दे रहे हैं. पायलट ने कहा कि भाजपा का कार्यकर्ता जो पार्षद बनने के लिए मेहनत करता है, वह मेयर बनने का सपना भी देखता है. ऐसे में हाइब्रिड फॉर्मूला लोकतांत्रिक नहीं होगा.

जयपुर. स्थानीय निकाय चुनाव हाइब्रिड फॉर्मूले से करवाने के विरोध में फिर एक बार पायलट बोलते नजर आए है. उन्होंने इसे राजीव गांधी के 73वें और 74वें संविधान संशोधन के खिलाफ बताया है. पायलट ने कहा जो पार्षद नहीं बन सके वे अब मेयर बन जाएं, यह गणतंत्र के खिलाफ है.

पायलट ने कहा हाइब्रिड फॉर्मूला अपनाने का कदम गलत होगा

राजस्थान में हाइब्रिड सिस्टम से निकाय चुनाव करवाने का फैसला अब मंत्री शांति धारीवाल पर उल्टा पड़ता हुआ नजर आ रहा है. इस मामले पर पीसीसी चीफ सचिन पायलट ने जबरदस्त विरोध किया है. पायलट ने कहा है कि सरकार को अपने इस कदम पर पुनर्विचार करना चाहिए. जो कदम सही नहीं हो उस पर पुनर्विचार करने में कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए. कांग्रेस आलाकमान तक इसकी शिकायत पहुंचने के बाद बुधवार रात को शांति धारीवाल ने सचिन पायलट से चर्चा भी की, लेकिन सचिन पायलट अपने निर्णय पर अडिग हैं.

उन्होंने धारीवाल को साफ कह दिया है कि जो बात उन्होंने पब्लिकली बोली है वही उनका निर्णय है. पायलट ने कहा कि ऐसा कोई मौका किसी को नहीं मिलना चाहिए जो कि राजीव गांधी के 73वें और 74वें संविधान संशोधन के बाद मिले लोकल बॉडी की ताकत को कम करे. राजीव गांधी के अनुसार लोकल बॉडी में पब्लिक पार्टिसिपेशन जरूरी था. इससे जवाबदेही भी तय होती है.

पढ़ें: प्रदेश की दोनों सीटों पर कांग्रेस जीतेगी और बाकी राज्यों के परिणाम एग्जिट पोल के विपरीत होंगे : सचिन पायलट

डिप्टी पायलट ने कहा कि इस मामले पर सबकी राय आ चुकी है और यह किसी व्यक्ति मंत्रालय या नेता की बात नहीं है. यह केवल सिद्धांत की बात है. पूरे देश में किसी भी प्रदेश ने इसे नहीं अपनाया है. उसे हम अपना कर दूसरी पार्टियों को मौका क्यों दे रहे हैं. पायलट ने कहा कि भाजपा का कार्यकर्ता जो पार्षद बनने के लिए मेहनत करता है, वह मेयर बनने का सपना भी देखता है. ऐसे में हाइब्रिड फॉर्मूला लोकतांत्रिक नहीं होगा.

Intro:स्थानीय निकाय चुनाव हाइब्रिड सिस्टम से करवाने के विरोध में फिर पायलट बोले यह राजीव गांधी के 73वें 74 वें संविधान संशोधन के खिलाफ पार्षद नहीं बन सके वह अमीर बन जाए यह गणतंत्र के खिलाफ सरकार को करना चाहिए इस पर पुनर्विचार जो कदम सही नहीं हो उस पर पुनर्विचार करने में कोई आपत्ति नहीं इस निर्णय पर आ चुकी है अब सबकी राय यह किसी व्यक्ति नेता या मंत्रालय की बात नहीं यह कांग्रेस के सिद्धांतों की बात


Body:राजस्थान में हाइब्रिड सिस्टम से निकाय चुनाव करवाने का फैसला अब मंत्री शांति धारीवाल पर उल्टा पड़ता हुआ नजर आ रहा है इस मामले पर कांग्रेस के राजस्थान अध्यक्ष सचिन पायलट ने जबरदस्त विरोध किया है कांग्रेस आलाकमान तक इसकी शिकायत पहुंचने के बाद बुधवार रात को शांति धारीवाल ने सचिन पायलट से चर्चा भी की लेकिन सचिन पायलट अपने निर्णय पर अडिग है और उन्होंने धारीवाल को साफ कह दिया है कि जो मैंने पब्लिकली बोली है वही मेरा निर्णय है उन्होंने कहा कि ऐसा कोई मौका किसी को नहीं मिलना चाहिए जो कि राजीव गांधी के तहत अबे 74 वे संविधान संशोधन के बाद मिले लोकल बॉडी की ताकत को कम करें राजीव गांधी के अनुसार लोकल बॉडी में पब्लिक पार्टिसिपेशन जरूरी था इससे जवाबदेही भी तय होती है और अकाउंटेबिलिटी वी पायलट ने कहा कि कोई पार्षद नहीं बन सकता है और वह अमीर बन जाए तो यह गणतंत्र की दिशा में सही कदम नहीं दिखाई देता है पायलट ने कहा कि इस बात को लेकर उन्होंने धारीवाल को भी अवगत करवा दिया है उन्होंने कहा कि इस मामले पर सबकी राय आ चुकी है और यह किसी व्यक्ति मंत्रालय या नेता की बात नहीं है यह केवल सिद्धांत की बात है पूरे देश में किसी भी प्रदेश ने इसे एडॉफ नहीं किया है उसे हम अपना कर दूसरी पार्टी को मौका क्यों दे रहे हैं सरकार को इस निर्णय पर पुनर्विचार करना चाहिए और जो निर्णय गलत हो जाए उन पर पुनर्विचार करने में कोई खामी नहीं होती है पायलट ने कहा कि वह पार्टी के अध्यक्ष हैं और 6 साल से पार्टी के कार्यकर्ताओं ने जो काम किया है ऐसे में पार्टी के कर्मठ नेताओं को मौका देना ज्यादा अच्छा है बजाएं की सीधे मेयर चुनाव करवाने के
बाइट सचिन पायलट


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